गयाः बिहार का गया जिला इन दिनों सरकारी स्कूलों के कारण चर्चा में है. विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी स्कूल की शैक्षणिक और भौतिक व्यवस्था बदहाल है. जिले के खिजरसराय प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है. जहां पहली से आठवीं तक की क्लास एक ही रूम में संचालित होती हैं. कमरा नहीं होने के कारण मजबूरन छात्र खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.
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मध्य विद्यालय मई की स्थिति खराब
वैसे तो बिहार सरकार ने शिक्षा देने के लिए हर पंचायत में स्कूल खोल दिया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां सारी सुविधाएं तो उपलब्ध हैं लेकिन छात्र नदारद हैं. वहीं दूसरी तरफ जहां छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. हम बात कर रहे हैं खिजरसराय प्रखंड के मध्य विद्यालय मई की. जहां बच्चे कमरे के अभाव में खुले आसमान के नीचे बैठकर अपना भविष्य संवारने में लगे हैं.
'जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है'
ईटीवी भारत ने अपने मुहिम के तहत खिजरसराय प्रखण्ड के कई स्कूलों का दौरा किया. यहां के स्कूलों में उन्नत शिक्षा के पर्याप्त साधन नहीं हैं. मई मध्य विद्यालय के छात्रों का कहना है कि एक क्लासरूम में पहले से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है. हमेशा हल्ला होते रहता है. मजबूरन हमलोगों को बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल में जल्द से जल्द नया भवन बनाया जाए.
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भवन नहीं रहने से होती है परेशानी
मध्य विद्यालय मई के प्रभारी राम लखन प्रसाद बताते हैं कि स्कूल के भवन में एक ही क्लास रूम है, जिसमें प्रथम से आठवीं तक का क्लास संचालित होता है. स्कूल में चार शिक्षक हैं, दो शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. स्कूल में भवन नहीं रहने से काफी परेशानी होती है.
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'स्कूलों के प्रिंसिपल ने नहीं लिया इंटरेस्ट'
इस संबंध में डीईओ मुस्तफा हुसैन अंसारी बताते हैं कि इस तरह के सभी स्कूलों में राशि दी गयी है. लेकिन कुछ स्कूल वाले इसे सीरियस नहीं ले रहे हैं. कई स्कूलों के प्रिंसिपल ने इसमें इंटरेस्ट नहीं लिया. मैंने ऐसे स्कूलों के लिये 52 करोड़ की स्वीकृति दी है. जल्द ही निर्माण कार्य पूरा होगा.