ETV Bharat / state

मई मध्य विद्यालय में खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं छात्र - गया का प्राथमिक और मध्य विद्यालय

सरकारी वादों और नारों से लगता है कि बिहार के स्कूलों की दशा बदल गई है लेकिन एक प्रखण्ड की दो तस्वीर जिला प्रशासन के रवैय्ये को उजागर करती है.

gaya
मध्य विद्यालय मई
author img

By

Published : Feb 11, 2020, 12:20 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 11:11 AM IST

गयाः बिहार का गया जिला इन दिनों सरकारी स्कूलों के कारण चर्चा में है. विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी स्कूल की शैक्षणिक और भौतिक व्यवस्था बदहाल है. जिले के खिजरसराय प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है. जहां पहली से आठवीं तक की क्लास एक ही रूम में संचालित होती हैं. कमरा नहीं होने के कारण मजबूरन छात्र खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.

gaya
मध्य विद्यालय मई

मध्य विद्यालय मई की स्थिति खराब
वैसे तो बिहार सरकार ने शिक्षा देने के लिए हर पंचायत में स्कूल खोल दिया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां सारी सुविधाएं तो उपलब्ध हैं लेकिन छात्र नदारद हैं. वहीं दूसरी तरफ जहां छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. हम बात कर रहे हैं खिजरसराय प्रखंड के मध्य विद्यालय मई की. जहां बच्चे कमरे के अभाव में खुले आसमान के नीचे बैठकर अपना भविष्य संवारने में लगे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है'
ईटीवी भारत ने अपने मुहिम के तहत खिजरसराय प्रखण्ड के कई स्कूलों का दौरा किया. यहां के स्कूलों में उन्नत शिक्षा के पर्याप्त साधन नहीं हैं. मई मध्य विद्यालय के छात्रों का कहना है कि एक क्लासरूम में पहले से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है. हमेशा हल्ला होते रहता है. मजबूरन हमलोगों को बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल में जल्द से जल्द नया भवन बनाया जाए.

ये भी पढ़ेंः विवादों के बाद पटना प्रेस क्लब जिला प्रशासन को हस्तांतरित, अब DM की देखरेख में होगा संचालन

भवन नहीं रहने से होती है परेशानी
मध्य विद्यालय मई के प्रभारी राम लखन प्रसाद बताते हैं कि स्कूल के भवन में एक ही क्लास रूम है, जिसमें प्रथम से आठवीं तक का क्लास संचालित होता है. स्कूल में चार शिक्षक हैं, दो शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. स्कूल में भवन नहीं रहने से काफी परेशानी होती है.

gaya
जमीन पर बैठे बच्चे

'स्कूलों के प्रिंसिपल ने नहीं लिया इंटरेस्ट'
इस संबंध में डीईओ मुस्तफा हुसैन अंसारी बताते हैं कि इस तरह के सभी स्कूलों में राशि दी गयी है. लेकिन कुछ स्कूल वाले इसे सीरियस नहीं ले रहे हैं. कई स्कूलों के प्रिंसिपल ने इसमें इंटरेस्ट नहीं लिया. मैंने ऐसे स्कूलों के लिये 52 करोड़ की स्वीकृति दी है. जल्द ही निर्माण कार्य पूरा होगा.

गयाः बिहार का गया जिला इन दिनों सरकारी स्कूलों के कारण चर्चा में है. विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी स्कूल की शैक्षणिक और भौतिक व्यवस्था बदहाल है. जिले के खिजरसराय प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है. जहां पहली से आठवीं तक की क्लास एक ही रूम में संचालित होती हैं. कमरा नहीं होने के कारण मजबूरन छात्र खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.

gaya
मध्य विद्यालय मई

मध्य विद्यालय मई की स्थिति खराब
वैसे तो बिहार सरकार ने शिक्षा देने के लिए हर पंचायत में स्कूल खोल दिया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां सारी सुविधाएं तो उपलब्ध हैं लेकिन छात्र नदारद हैं. वहीं दूसरी तरफ जहां छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. हम बात कर रहे हैं खिजरसराय प्रखंड के मध्य विद्यालय मई की. जहां बच्चे कमरे के अभाव में खुले आसमान के नीचे बैठकर अपना भविष्य संवारने में लगे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है'
ईटीवी भारत ने अपने मुहिम के तहत खिजरसराय प्रखण्ड के कई स्कूलों का दौरा किया. यहां के स्कूलों में उन्नत शिक्षा के पर्याप्त साधन नहीं हैं. मई मध्य विद्यालय के छात्रों का कहना है कि एक क्लासरूम में पहले से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है. हमेशा हल्ला होते रहता है. मजबूरन हमलोगों को बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल में जल्द से जल्द नया भवन बनाया जाए.

ये भी पढ़ेंः विवादों के बाद पटना प्रेस क्लब जिला प्रशासन को हस्तांतरित, अब DM की देखरेख में होगा संचालन

भवन नहीं रहने से होती है परेशानी
मध्य विद्यालय मई के प्रभारी राम लखन प्रसाद बताते हैं कि स्कूल के भवन में एक ही क्लास रूम है, जिसमें प्रथम से आठवीं तक का क्लास संचालित होता है. स्कूल में चार शिक्षक हैं, दो शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. स्कूल में भवन नहीं रहने से काफी परेशानी होती है.

gaya
जमीन पर बैठे बच्चे

'स्कूलों के प्रिंसिपल ने नहीं लिया इंटरेस्ट'
इस संबंध में डीईओ मुस्तफा हुसैन अंसारी बताते हैं कि इस तरह के सभी स्कूलों में राशि दी गयी है. लेकिन कुछ स्कूल वाले इसे सीरियस नहीं ले रहे हैं. कई स्कूलों के प्रिंसिपल ने इसमें इंटरेस्ट नहीं लिया. मैंने ऐसे स्कूलों के लिये 52 करोड़ की स्वीकृति दी है. जल्द ही निर्माण कार्य पूरा होगा.

Last Updated : Feb 12, 2020, 11:11 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.