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कोरोना में मर गईं मानवीय संवेदनाएं! सब पहले से तय है फिर भी 'मुक्ति' के नाम पर मची है लूट

गया शहर के विष्णु मसान घाट में लूट मची है. आपदा को अवसर में बदलकर सभी ने अंतिम संस्कार को कारोबार में तब्दील कर दिया है. देखिए ये रिपोर्ट.

गया
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Published : May 6, 2021, 7:55 PM IST

Updated : May 7, 2021, 9:32 AM IST

गया: शहर के विष्णु मसान घाट पर सामान्य दिनों में 15 से 20 शव अंंत्येष्टि के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस कोरोना महामारी की वजह से एक दिन में 100 से अधिक शव पहुंच रहे हैं. लॉकडाउन लगने के बावजूद सामान्य दिनों से अधिक शव श्मशान घाट पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- रोजगार सृजन और कम्युनिटी किचन को लेकर CM की समीक्षा बैठक, कहा- जो काम मांगेगा उसे रोजगार देंगे

लकड़ियों के वसूल रहे मनमाने दाम
ईटीवी भारत ने ऑपरेशन मसान के तहत जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि सामान्य दिनों में 5 हजार में शव जल जाता था, लेकिन इन दिनों 10 हजार से लेकर 20 हजार तक एक शव जलाने के लिए राशि खर्च करना पड़ रही है. इस लूट पर गया नगर निगम भी जुटा हुआ है. गया नगर निगम ने एक शव के अंतिम संस्कार के लिए 9 हजार रुपए तय किए हैं.

नगर निगम भी लूट में शामिल
नगर निगम भी लूट में शामिल

कोरोना काल में जुटाई जा रही लकड़ी
दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से दो दिन पहले विष्णु श्मशान घाट में शवदाह के लिए जगह नहीं थी. श्मशान घाट के सामने फाल्गु नदी में हर तरफ शव जल रहे थे. दो दिन पहले एक दिन में औसतन 70 शव आते थे, जिसमें से 35 से 40 कोरोना से मृत्यु वाले शव रहते थे. इतनी संख्या में शव आने से गया श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत हो गई थी. लकड़ी झारखंड और लोकल जंगलों से जुटाई गई.

गया नगर निगम
गया नगर निगम

''दो दिन पहले तक शव की संख्या सामान्य दिनों से चार गुना अधिक आ रहा थी. ऐसे में श्मशान घाट पर लकड़ी घट गई थी. हम लोगों ने मिलकर एक दिन में 100 से अधिक शवदाह करने के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई थी. वैसे तो लकड़ी बंगाल से आती है, लेकिन लकड़ी संकट को देखते हुए गया के जंगल और झारखंड से लकड़ी मंगवाई गई. इतनी संख्या में शव आने के बावजूद भी हम लोगों ने किसी से एक पैसा लकड़ी में ज्यादा नहीं लिया. अब विष्णु मसान घाट पर लकड़ी मौजूद है''- रंजीत सिंह, लकड़ी विक्रेता

शवदाह सामग्री के लिए मनमानी
शवदाह सामग्री के लिए मनमानी

ये भी पढ़ें- बिहार में 40 हजार कैदियों का कैसे होगा वैक्सीनेशन? जेल प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

''शवदाह के लिए जितनी भी साम्रगी की जरूरत है, सभी यहां उपलब्ध है. दो दिन सबसे अधिक शव आए थे. इन दो दिनों में लकड़ी मनपसंद नहीं मिल रही थी, जो लकड़ी थी उसी में शवदाह किया जा रहा था. अमूमन सामान्य दिनों में एक शवदाह करने में 5 हजार का खर्च आता है, जिसमे तीन हजार के लगभग लकड़ी ही आती है.''- सन्नी कुमार, लकड़ी-कफन विक्रेता

श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत
श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत

शवदाह के लिए लकड़ी के दाम

  • बेल की लकड़ी- 600 रुपए/40 किलोग्राम
  • आम की लकड़ी- 350 से 400 रुपए/40 किलोग्राम
  • सखुआ की लकड़ी- 500 रुपए/40 किलोग्राम
  • देवदार- 100 रुपए/ किलोग्राम
    विष्णु मसान घाट
    विष्णु मसान घाट

हैसियत देखकर तय हो रहे दाम
इसके अलावा कफन 10 रुपए से लेकर 50 रुपए, घी 50 रुपए से लेकर 200 रुपए और धुनि 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक उपलब्ध है. ये पूरी जानकारी विष्णु मसान घाट के दुकानदारों ने दी है. लेकिन, हकीकत में आदमी की हैसियत को देखकर लकड़ी से लेकर कफन तक के दाम तय होते हैं. अभी एक शव जलाने में 10 हजार से 20 हजार तक का खर्च हो रहा है.

ये भी पढ़ें- सर...चेहरे पर पिंपल है... इलाज करवाना है... E-Pass चाहिए, पढ़िए DM साहब का जवाब

गया नगर निगम भी लूट में शामिल
वहीं, इस खर्च पर गया नगर निगम ने मुहर लगा दी है. गया नगर निगम ने क्षेत्र में कोविड से मरने वाले लोगों का शवदाह मुफ्त में करेगा. इसके लिए गया नगर निगम ने एक स्टॉल बनाया है. उस स्टॉल में शवदाह में शामिल होने वाली साम्रगी की राशि दोगुनी लिखी गई हैं. जहां 5 हजार में शवदाह हो जाता है. वहीं, गया नगर निगम ने 9 हजार दाम तय किए हैं. गया नगर निगम के दामों का जिक्र कर दुकानदार ग्राहकों से अधिक पैसा ले रहे हैं.

गया: शहर के विष्णु मसान घाट पर सामान्य दिनों में 15 से 20 शव अंंत्येष्टि के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस कोरोना महामारी की वजह से एक दिन में 100 से अधिक शव पहुंच रहे हैं. लॉकडाउन लगने के बावजूद सामान्य दिनों से अधिक शव श्मशान घाट पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- रोजगार सृजन और कम्युनिटी किचन को लेकर CM की समीक्षा बैठक, कहा- जो काम मांगेगा उसे रोजगार देंगे

लकड़ियों के वसूल रहे मनमाने दाम
ईटीवी भारत ने ऑपरेशन मसान के तहत जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि सामान्य दिनों में 5 हजार में शव जल जाता था, लेकिन इन दिनों 10 हजार से लेकर 20 हजार तक एक शव जलाने के लिए राशि खर्च करना पड़ रही है. इस लूट पर गया नगर निगम भी जुटा हुआ है. गया नगर निगम ने एक शव के अंतिम संस्कार के लिए 9 हजार रुपए तय किए हैं.

नगर निगम भी लूट में शामिल
नगर निगम भी लूट में शामिल

कोरोना काल में जुटाई जा रही लकड़ी
दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से दो दिन पहले विष्णु श्मशान घाट में शवदाह के लिए जगह नहीं थी. श्मशान घाट के सामने फाल्गु नदी में हर तरफ शव जल रहे थे. दो दिन पहले एक दिन में औसतन 70 शव आते थे, जिसमें से 35 से 40 कोरोना से मृत्यु वाले शव रहते थे. इतनी संख्या में शव आने से गया श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत हो गई थी. लकड़ी झारखंड और लोकल जंगलों से जुटाई गई.

गया नगर निगम
गया नगर निगम

''दो दिन पहले तक शव की संख्या सामान्य दिनों से चार गुना अधिक आ रहा थी. ऐसे में श्मशान घाट पर लकड़ी घट गई थी. हम लोगों ने मिलकर एक दिन में 100 से अधिक शवदाह करने के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई थी. वैसे तो लकड़ी बंगाल से आती है, लेकिन लकड़ी संकट को देखते हुए गया के जंगल और झारखंड से लकड़ी मंगवाई गई. इतनी संख्या में शव आने के बावजूद भी हम लोगों ने किसी से एक पैसा लकड़ी में ज्यादा नहीं लिया. अब विष्णु मसान घाट पर लकड़ी मौजूद है''- रंजीत सिंह, लकड़ी विक्रेता

शवदाह सामग्री के लिए मनमानी
शवदाह सामग्री के लिए मनमानी

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''शवदाह के लिए जितनी भी साम्रगी की जरूरत है, सभी यहां उपलब्ध है. दो दिन सबसे अधिक शव आए थे. इन दो दिनों में लकड़ी मनपसंद नहीं मिल रही थी, जो लकड़ी थी उसी में शवदाह किया जा रहा था. अमूमन सामान्य दिनों में एक शवदाह करने में 5 हजार का खर्च आता है, जिसमे तीन हजार के लगभग लकड़ी ही आती है.''- सन्नी कुमार, लकड़ी-कफन विक्रेता

श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत
श्मशान घाट में लकड़ियों की किल्लत

शवदाह के लिए लकड़ी के दाम

  • बेल की लकड़ी- 600 रुपए/40 किलोग्राम
  • आम की लकड़ी- 350 से 400 रुपए/40 किलोग्राम
  • सखुआ की लकड़ी- 500 रुपए/40 किलोग्राम
  • देवदार- 100 रुपए/ किलोग्राम
    विष्णु मसान घाट
    विष्णु मसान घाट

हैसियत देखकर तय हो रहे दाम
इसके अलावा कफन 10 रुपए से लेकर 50 रुपए, घी 50 रुपए से लेकर 200 रुपए और धुनि 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक उपलब्ध है. ये पूरी जानकारी विष्णु मसान घाट के दुकानदारों ने दी है. लेकिन, हकीकत में आदमी की हैसियत को देखकर लकड़ी से लेकर कफन तक के दाम तय होते हैं. अभी एक शव जलाने में 10 हजार से 20 हजार तक का खर्च हो रहा है.

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गया नगर निगम भी लूट में शामिल
वहीं, इस खर्च पर गया नगर निगम ने मुहर लगा दी है. गया नगर निगम ने क्षेत्र में कोविड से मरने वाले लोगों का शवदाह मुफ्त में करेगा. इसके लिए गया नगर निगम ने एक स्टॉल बनाया है. उस स्टॉल में शवदाह में शामिल होने वाली साम्रगी की राशि दोगुनी लिखी गई हैं. जहां 5 हजार में शवदाह हो जाता है. वहीं, गया नगर निगम ने 9 हजार दाम तय किए हैं. गया नगर निगम के दामों का जिक्र कर दुकानदार ग्राहकों से अधिक पैसा ले रहे हैं.

Last Updated : May 7, 2021, 9:32 AM IST
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