गया: बिहार के गया जिले के इमामगंज प्रखंड में कई गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल (road condition is bad in Imamganj of Gaya) है. सड़कें पूरी तरह से कच्ची और ऊबड़-खाबड़ हो गई है. जिसके कारण यहां कुटुम्ब शादी नहीं करना नहीं चाहते है. शादियां बमुश्किल लग पाती हैं. खासकर लड़कों की शादियां इसी के चलते लंबे समय तक अटकी रहती है.
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कई दशकों से समस्या झेल रहे ग्रामीण: इस समस्या को कई दशकों से ग्रामीण झेल रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 4 दशकों से इमामगंज के सिमरिया गांव समेत दर्जनभर गांवों को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति बदहाल बनी हुई है. नतीजतन यहां का विकास कार्य रुका हुआ है. यहां के युवकों की शादी बड़ी मुश्किल से लगती है. कुटुंब आते हैं, लेकिन सड़कों की स्थिति देखकर अपनी बेटी की शादी इमामगंज के ऐसे गांव में करना नहीं चाहते हैं.
जर्जर हालत में गांव की सड़क: सड़क जर्जर होने के कारण लड़कियों की भी शादी में परेशानी आती है. सबसे ज्यादा दिक्कत लड़कों की शादी को लेकर होती है. स्थानीय लोगों ने कहा कि 'हम लोग लड़कियों की शादी दूसरी जगह को करते हैं. किंतु सड़क की स्थिति को देखते हुए अधिकांश कुटुंब अपनी बेटी की शादी हमारे इमामगंज के जर्जर सड़क वाले गांव में नहीं करना चाहते.
शादियों में सड़क बन रही बाधा: ग्रामीणों ने कहा कि 'अधिकांश मौकों पर शादियों में बाधा इस प्रकार की सड़कें बन जाती है. यदि बरसात के दिनों में कुटुम्ब आ गए तो किसी भी सूरत में शादियां नहीं लगती है, क्योंकि उन दिनों में उबड़-खाबड़ सड़कों में पानी ही पानी जमा रहता है और इसे देखकर वे भड़क जाते हैं. वहीं, अपनी बेटी की शादी करने का विचार दिमाग से निकाल देते हैं.
25 गांव में सड़क की स्थिति डमाडोल: डुमरिया पटना स्टेट हाईवे 69 के इमामगंज प्रखंड अंतर्गत झिकटिया गांव से लेकर पाकाडीह तक सड़कों की स्थिति बुरी है. इस रोड में परसिया गांव, पटेल गांव, देवचरा गांव, कादिर गंज गांव, पाकाडीह गांव समेत दर्जनों गांव बसे हैं. जहां सड़क की बदहाली ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है और कई तरह की समस्याएं उत्पन्न करती है.
चार दशकों से बदहाल है सड़क: बात शादियां की हो या फिर महिलाओं के प्रसव की, इन दोनों ही नाजुक बिंदुओं पर समस्या एक नासूर की तरह है. पिछले 4 दशकों से इस सड़क की बदहाली को कोई दूर करने वाला आगे नहीं आया. इन दर्जनों गांव के लोग गुहार लगा-लगा थक गए और अब उन्होंने इस बार चुनाव में सबक सिखाने की ठानी है.
"झिकटिया हाईवे से लेकर पाकाडीह के बीच सड़कों की यही स्थिति है. इस रूट में 25 गांव पड़ते हैं. यह पहाड़ी और नक्सल प्रभावित इलाका है. किंतु यहां की सड़क की बदहाली से बहुत दिक्कत हो रही है. सड़कें परेशानी का सबब बन गई है. यह पहाड़ी और नक्सल प्रभावित इलाका है. बरसात में तो और भी ज्यादा दिक्कतें होती है. सामान्य दिनों में भी मुश्किलें बनी रहती है."- ललन साव, ग्रामीण
"आजादी के बाद से आज तक सिर्फ एक बार रिपेयरिंग किया गया. 2019 में इस रोड को बना दिए जाने का आश्वासन मिला था. किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस रोड में गर्भवती को डोली के माध्यम से प्रसव कराने के लिए ले जाया जाता है, क्योंकि गर्भवती को खतरा बना रहता है. यदि वाहन से ले गए तो यह खतरनाक होगा."- अरूणजय कुमार, ग्रामीण
"इस गांव में लोग शादियां नहीं करना चाहते हैं. सड़कों के कारण यह स्थिति बनी है. बड़ी मुश्किल से किसी तरह शादियां हो पाती है. बराबर इस रोड में दुर्घटना होती रहती है. सड़क जर्जर है."- विष्णुदेव प्रसाद, ग्रामीण
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