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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस: श्रम से मुक्त कराए गए 16 बच्चे, सीएम रिलीफ फंड से दिए गए 25-25 हजार - बाल श्रम अधिनियम

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संयुक्त श्रम भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया.

विश्व बाल दिवस कार्यक्रम
विश्व बाल दिवस कार्यक्रम
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Published : Jun 13, 2021, 4:34 AM IST

Updated : Jun 13, 2021, 6:35 AM IST

मोतिहारी: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संयुक्त श्रम भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूरे राज्य में जिला के श्रम विभाग द्वारा बालश्रम पुनर्वास के दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए श्रम अधीक्षक राकेश रंजन को डीएम ने प्रशस्ति पत्र दिया. कार्यक्रम का आयोजन श्रम संसाधन विभाग और समाज कल्याण विभाग ने किया था.

यह भी पढ़ें: बोले DM शीर्षत कपिल अशोक- बाल श्रम नहीं की जाएगी बर्दाश्त

मुक्त कराये गए बच्चों का होगा शैक्षणिक पुनर्वास
इस मौके पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सीएम रिलीफ फंड ( CM Relief Fund ) के अंतर्गत मुक्त कराये गए 16 बाल श्रमिकों को 25-25 हजार रुपये का चेक दिया गया. साथ ही परिवरिश योजना के तहत चार बच्चों को एक-एक हजार रुपया प्रतिमाह के हिसाब से राशि उपलब्ध कराई गई है. डीएम ने बताया बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों का शैक्षणिक पुनर्वास किया जाएगा.

छह जागरुकता रथ हुआ रवाना
कोरोना संक्रमण और किसी दुर्घटना में मृत असंगठित क्षेत्र के 93 कामगार और शिल्पकारों के परिजनों के बीच अनुदान राशि वितरित की गई है. इस मौके पर जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडलों में बाल श्रम के विरूद्ध जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार करने के लिए छह वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

छह जागरुकता रथ हुआ रवाना
छह जागरुकता रथ हुआ रवाना

बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986
बाल श्रम ( निषेध एवं विनियमन ) अधिनियम 1986 के अनुसार, बच्चे का मतलब है एक व्यक्ति जिसने अपनी उम्र के 14 वर्ष पूरा न किए हों. अधिनियम की अनुसूची के भाग क एवं ख (धारा 3) में शामिल 18 व्यवसाय और 65 प्रक्रियाओं आदि उद्योगों में बच्चों काम करने से रोकता है.

संविधान में स्थापित अनुच्छेद 21-क में बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून जो 6 से 14 साल की उम्र तक सरकार द्वारा कानून के जरिए निर्धारित रूप से निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का मौलिक अधिकार देता है.

भारत में बाल मजदूरी
राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अनुसार, 5-14 वर्ष की आयु वर्ग की भारत में कुल जनसंख्या लगभग 260 मिलियन है. इनमें से कुल बाल आबादी का लगभग 10 मिलियन (लगभग 4%) बाल मजदूर हैं जो मुख्य या सीमांत श्रमिकों के रूप में कार्य करते हैं.

15-18 वर्ष की आयु के लगभग 23 मिलियन बच्चे विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं.

मोतिहारी: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संयुक्त श्रम भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूरे राज्य में जिला के श्रम विभाग द्वारा बालश्रम पुनर्वास के दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए श्रम अधीक्षक राकेश रंजन को डीएम ने प्रशस्ति पत्र दिया. कार्यक्रम का आयोजन श्रम संसाधन विभाग और समाज कल्याण विभाग ने किया था.

यह भी पढ़ें: बोले DM शीर्षत कपिल अशोक- बाल श्रम नहीं की जाएगी बर्दाश्त

मुक्त कराये गए बच्चों का होगा शैक्षणिक पुनर्वास
इस मौके पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सीएम रिलीफ फंड ( CM Relief Fund ) के अंतर्गत मुक्त कराये गए 16 बाल श्रमिकों को 25-25 हजार रुपये का चेक दिया गया. साथ ही परिवरिश योजना के तहत चार बच्चों को एक-एक हजार रुपया प्रतिमाह के हिसाब से राशि उपलब्ध कराई गई है. डीएम ने बताया बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों का शैक्षणिक पुनर्वास किया जाएगा.

छह जागरुकता रथ हुआ रवाना
कोरोना संक्रमण और किसी दुर्घटना में मृत असंगठित क्षेत्र के 93 कामगार और शिल्पकारों के परिजनों के बीच अनुदान राशि वितरित की गई है. इस मौके पर जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडलों में बाल श्रम के विरूद्ध जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार करने के लिए छह वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

छह जागरुकता रथ हुआ रवाना
छह जागरुकता रथ हुआ रवाना

बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986
बाल श्रम ( निषेध एवं विनियमन ) अधिनियम 1986 के अनुसार, बच्चे का मतलब है एक व्यक्ति जिसने अपनी उम्र के 14 वर्ष पूरा न किए हों. अधिनियम की अनुसूची के भाग क एवं ख (धारा 3) में शामिल 18 व्यवसाय और 65 प्रक्रियाओं आदि उद्योगों में बच्चों काम करने से रोकता है.

संविधान में स्थापित अनुच्छेद 21-क में बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून जो 6 से 14 साल की उम्र तक सरकार द्वारा कानून के जरिए निर्धारित रूप से निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का मौलिक अधिकार देता है.

भारत में बाल मजदूरी
राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अनुसार, 5-14 वर्ष की आयु वर्ग की भारत में कुल जनसंख्या लगभग 260 मिलियन है. इनमें से कुल बाल आबादी का लगभग 10 मिलियन (लगभग 4%) बाल मजदूर हैं जो मुख्य या सीमांत श्रमिकों के रूप में कार्य करते हैं.

15-18 वर्ष की आयु के लगभग 23 मिलियन बच्चे विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं.

Last Updated : Jun 13, 2021, 6:35 AM IST
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