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मोतिहारी: अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे ग्रामीण,अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की मांग

मोतिहारा में जमीन के मुआवजा भुगतान की मांग को लेकर ग्रामीण अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं. सुगौली गांव के ग्रामीणों की सीलिंग जमीन को अधिग्रहित कर चीनी मिल को दे दिया गया. लेकिन ग्रामीणों को आजतक इसका मुआवजा नहीं मिला है.

पूर्वी चंपारण
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Published : Nov 28, 2020, 12:47 PM IST

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): मोतिहारी में अधिग्रहित जमीन के मुआवजा भुगतान की मांग को लेकर पिछले आठ वर्षों से भटक रहे ग्रामीण एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं. पूर्वी चंपारण जिला के सुगौली प्रखंड के सुगौली गांव के लोगों की जमीन को अधिग्रहित कर चीनी मिल को सौंप दिया है. लेकिन मुआवजा राशि के भुगतान के लिए अधिकारी इन लोगों को इस कार्यालय से उस कार्यालय दौड़ा रहे हैं.

अधिकारी दौड़ा रहे हैं इस कार्यालय से उस कार्यालय
ग्रामीण तीसरी बार समाहरणालय के समक्ष अनशन पर बैठ गए हैं. अनशन पर तीन महिला समेत आठ लोग बैठे हुए हैं. इसके पूर्व भी वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में मुआवजा भुगतान को लेकर ग्रामीणों ने अनशन किया था. लेकिन उस दौरान भी ग्रामीणों को केवल आश्वासन हीं मिला था. अनशनकारियों का नेतृत्व कर रहे दरोगा बैठा ने बताया कि अधिकारी केवल इस ऑफिस से उस ऑफिस दौड़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी चिट्ठी निकालकर अपर समाहर्ता के यहां भेज देते हैं. अपर समाहर्ता चिट्ठी निकाल कर अंचलाधिकारी के पास भेज देते हैं.

मुआवजे की मांग कर रहे ग्रामीण अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे

वर्ष 2010 में अधिग्रहित हुआ था जमीन
सुगौली गांव के भूमिहीन परिवारों को वर्ष 1985 में सीलिंग से जमीन मिला था. जिस जमीन को वर्ष 2010 में अधिग्रहित कर चीनी मिल को दे दिया गया. जमीन के मुआवजा को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों के यहां गुहार लगाई. साथ ही हाईकोर्ट में ग्रामीणों ने परिवाद दाखिल किया. जिसपर हाईकोर्ट ने वर्ष 2012 में मुआवजा देने का निर्णय लेने का आदेश अधिकारियों को दिया. लेकिन अधिकारी ग्रामीणों को केवल दौड़ा रहे हैं. जिससे परेशान ग्रामीणों ने अनिश्चिकालीन अनशन शुरु कर दिया है.

सीलिंग एक्ट 1976 के तहत आबादी क्षेत्र में किसी भी खातेदार के पास पांच सौ मीटर जमीन से अतिरिक्त भूमि को सीलिंग भूमि घोषित किया गया था. इसी एक्ट के अधीन साठ हजार वर्ग मीटर सीलिंग की जमीन को छोड़ने का काम किया गया.

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): मोतिहारी में अधिग्रहित जमीन के मुआवजा भुगतान की मांग को लेकर पिछले आठ वर्षों से भटक रहे ग्रामीण एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं. पूर्वी चंपारण जिला के सुगौली प्रखंड के सुगौली गांव के लोगों की जमीन को अधिग्रहित कर चीनी मिल को सौंप दिया है. लेकिन मुआवजा राशि के भुगतान के लिए अधिकारी इन लोगों को इस कार्यालय से उस कार्यालय दौड़ा रहे हैं.

अधिकारी दौड़ा रहे हैं इस कार्यालय से उस कार्यालय
ग्रामीण तीसरी बार समाहरणालय के समक्ष अनशन पर बैठ गए हैं. अनशन पर तीन महिला समेत आठ लोग बैठे हुए हैं. इसके पूर्व भी वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में मुआवजा भुगतान को लेकर ग्रामीणों ने अनशन किया था. लेकिन उस दौरान भी ग्रामीणों को केवल आश्वासन हीं मिला था. अनशनकारियों का नेतृत्व कर रहे दरोगा बैठा ने बताया कि अधिकारी केवल इस ऑफिस से उस ऑफिस दौड़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी चिट्ठी निकालकर अपर समाहर्ता के यहां भेज देते हैं. अपर समाहर्ता चिट्ठी निकाल कर अंचलाधिकारी के पास भेज देते हैं.

मुआवजे की मांग कर रहे ग्रामीण अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे

वर्ष 2010 में अधिग्रहित हुआ था जमीन
सुगौली गांव के भूमिहीन परिवारों को वर्ष 1985 में सीलिंग से जमीन मिला था. जिस जमीन को वर्ष 2010 में अधिग्रहित कर चीनी मिल को दे दिया गया. जमीन के मुआवजा को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों के यहां गुहार लगाई. साथ ही हाईकोर्ट में ग्रामीणों ने परिवाद दाखिल किया. जिसपर हाईकोर्ट ने वर्ष 2012 में मुआवजा देने का निर्णय लेने का आदेश अधिकारियों को दिया. लेकिन अधिकारी ग्रामीणों को केवल दौड़ा रहे हैं. जिससे परेशान ग्रामीणों ने अनिश्चिकालीन अनशन शुरु कर दिया है.

सीलिंग एक्ट 1976 के तहत आबादी क्षेत्र में किसी भी खातेदार के पास पांच सौ मीटर जमीन से अतिरिक्त भूमि को सीलिंग भूमि घोषित किया गया था. इसी एक्ट के अधीन साठ हजार वर्ग मीटर सीलिंग की जमीन को छोड़ने का काम किया गया.

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