मोतिहारीः शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के कोचिंग और पर्सनल ट्यूशन को लेकर जारी किए गए फरमान के बाद मोतिहारी के प्राइवेट शिक्षक सड़क पर उतर गए हैं. शिक्षक दिवस के मौके पर मंगलवार की सुबह हाथों में काली पट्टी लगाकर कोचिंग और प्राइवेट शिक्षकों ने पैदल मार्च निकाला. साथ ही सभी कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों को गोलबंद करना शुरू कर दिया है.
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कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन: सभी कोचिंग संचालक सरकार के फरमान के विरोध में एक दिवसीय धरना और उपवास भी कर रहे हैं. साथ ही शिक्षक दिवस के दिन सरकार के आदेश का प्रतिकार किया गया. चंपारण कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि सरकार ने पर्सनल ट्यूशन को भी कोचिंग एक्ट में डाल दिया है, जिसके खिलाफ हमलोग सड़क पर उतरे हुए हैं.
"हमलोग पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार के तुगलकी आदेश को लेकर उनके जन्मदिन को प्रतिकार के रूप में मना रहे हैं. सभी शिक्षक भाई एकसाथ अपने संस्थान को बंद करते हुए पैदल मार्च निकाले हैं. उसके बाद एक दिवसीय धरना और उपवास करेंगे."- मनीष कुमार, अध्यक्ष, चंपारण कोचिंग एसोसिएशन
आंदोलन की चेतावनी: बता दें कि मोतिहारी शहर के चांदमारी कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है, जहां कई दर्जन कोचिंग संस्थान हैं. इसके अलावा सैकड़ों शिक्षक पर्सनल ट्यूशन पढ़ाकर अपनी आजीविका चलाते हैं अथवा कई गरीब छात्र भी पर्सनल ट्यूशन पढ़ाकर अपने पढ़ाई का खर्च पूरा करते हैं. सड़क पर उतरे शिक्षकों का कहना है कि सरकार के नए आदेश से कोचिंग संचालन पर काफी असर पड़ा है. वहीं पर्सनल ट्यूशन भी प्रभावित हो रहा है जिसके खिलाफ शिक्षकों ने आंदोलन की शुरुआत शिक्षक दिवस के दिन से कर दी है.