मोतिहारी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना को पंचायत प्रतिनिधियों ने जैसे कमाई का जरिया बना लिया है. पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी के कारण नल जल योजना के कार्यों की गुणवत्ता हमेशा सवालों के घेरे में रही है. ताजा मामला पूर्वी चंपारण के मधुबन प्रखंड में दुलमा पंचायत का है. जहां वार्ड नंबर 19 में खड़े वाटर टावर पर रखी हुई पानी टंकियां हवा के झोंके को बर्दाश्त नहीं कर सकी और नीचे गिर गई.
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टंकी गिरने से निजी क्लीनिक को हुआ नुकसान
पानी टंकी एक निजी क्लीनिक पर गिर गया. जिससे क्लीनिक को काफी नुकसान हुआ है. क्लीनिक के संचालक संदीप कुमार ने बताया 'वाटर टावर के निर्माण में निम्न क्वालिटी की सामग्री का उपयोग किया गया है. इसलिए हवा का एक झोंका भी यह बर्दाश्त नहीं कर सका. क्षति पूर्ति के लिए बीडीओ को आवेदन दिया हूं.'
14.95 लाख की थी योजना
दरअसल, गांव में नल जल योजना पर 14 लाख 95 हजार रुपये की लागत से कार्य हुआ था. वाटर टावर खड़ा करके उसके उपर टीन का चदरा रख दिया गया. जिसपर नल जल के दोनो टंकी रखे हुए थे. जो गुरुवार की सुबह ध्वस्त हो गया. टंकियों के ध्वस्त होने के बाद लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहे है. जबकि वार्ड सदस्य सन्तु पासवान ने चुप्पी साध ली है. वहीं, पंचायत सचिव ने पानी टंकी ध्वस्त होने की जिम्मेवारी पंचायत के मुखिया पर थोप दी.