मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित सिसहनी मध्य विद्यालय में एमडीएम का भोजन खाने से दो दर्जन छात्र बीमार (Many Students Sick Sfter Eating MDM Food) हो गए हैं. एमडीएम का भोजन करने के बाद छात्रों को उसका स्वाद अच्छा नहीं लगा. जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने उस भोजन को फेंक दिया. उसके कुछ देर बाद छात्र-छात्राओं के पेट में दर्द होने लगा. बच्चों ने इसकी शिकायत शिक्षकों से की. जिसके बाद टीचर विद्यालय बंद कर फरार हो गए. मामले की जानकारी मिलने पर परिजन विद्यालय पहुंचे और सभी बीमार बच्चों को आनन-फानन में अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया.
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मिड डे मील खाने से बच्चे बीमार : मिली जानकारी के अनुसार अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के बाद सभी बच्चों की स्थिति में सुधार है. घटना की जानकारी मिलने पर पकड़ीदयाल एसडीओ कुमार रविंद्र समेत तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हाल जाना. बताया जा रहा है कि पहले मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोईया दीनानाथ सिंह ने खाना खाया और बच्चों को भोजन करने से मना किया. जिस कारण अधिकांश बच्चों ने भोजन नहीं किया. लेकिन शिक्षकों के दबाव पर 2 दर्जन से अधिक बच्चे भोजन कर चुके थे. जब भोजन करने वाले बच्चों की स्थिति खराब होने लगी तब विद्यालय के सभी शिक्षक स्कूल छोड़कर फरार हो गए. जबकि सभी शिक्षक स्थानीय गांव के हीं रहने वाले हैं.
दो दर्जन बच्चे बीमार : रसोईया के अनुसार खाना खाते समय आलू के चोखा में मोबिल जैसा स्वाद आ रहा था. उसके बाद शरीर में जलन और पेट में दर्द शुरू हो गया. इसके बाद उल्टी होने लगी. यही स्थिति दो दर्जन बच्चों की भी होने लगी. जिसका इलाज कुछ देर तक ग्रामीणों के द्वारा किया गया लेकिन सुधार नहीं होने पर सभी को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीओ कुमार रविंद्र ने एंबुलेंस भेजकर सभी बीमार बच्चों को अनुमंडलीय अस्पताल पकड़ीदयाल में भर्ती कराया. जहां रसोईया समेत सभी बच्चों का इलाज चल रहा है. बीमार बच्चों में अंकित कुमार, सचिन कुमार, पिंकी कुमारी, प्रियंका कुमारी, महिमा कुमारी, निशा कुमारी, नगमा कुमारी, रंजीत कुमार, अनामिका कुमारी, रोशन कुमार, दीपक कुमार सहित दो दर्जन बच्चों को फूड प्वाइजनिंग का इलाज चल रहा है.
'इलाज कर रहे चिकित्सक फूड प्वाइजनिंग के कारण बच्चों की स्थिति खराब होने की बात बता रहे हैं. सभी बच्चों की स्थिति ठीक है. डॉक्टर के रिपोर्ट के अनुसार विद्यालय में जांच कराकर दोषियों पर कारवाई की जाएगी.' - कुमार रविन्द्र, एसडीओ