मोतिहारी: चरस तस्करी के मामले में कोर्ट ने एक नामजद अभियुक्त को सात साल की सश्रम कारावास और पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. चौदहवें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद अभियुक्त किशन तिवारी को सजा सुनाई है.
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चरस तस्करी के मामले में सजा का ऐलान: किशन तिवारी पश्चिमी चंपारण जिले के मुफ्फसिल थाना के हरिवाटिका का रहने वाला है. एनडीपीएस वाद संख्या 55/2020 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक डॉ. शंभू शरण सिंह ने छह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनडीपीएस एक्ट में दोषी पाते हुए सजा के बिंदु पर फैसला सुनाया.
तीन साल बाद आया फैसला: कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगा. इस मामले में तत्कालीन रक्सौल थानाध्यक्ष अभय कुमार ने रक्सौल थाना कांड संख्या 389/2020 दर्ज करते हुए किशन तिवारी को नामजद किया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 17 अक्टूबर 2020 को गुप्त सूचना के आधार पर रक्सौल काली मंदिर के पास संदेह के आधार पर एक युवक को पकड़ कर तलाशी ली गई, तो उसके पास से 900 ग्राम चरस बरामद किया गया.
चरस तस्करी रोकने का प्रयास जारी : गिरफ्तार युवक ने अपना नाम किशन तिवारी बताया और घर बेतिया जिला के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हरिवाटिका में बताया. बता दें कि पूर्वी चंपारण में लगातार तस्करों पर नकेस कसी जा रही है. इसके बावजूद चरस तस्करी के मामले धड़ल्ले से जारी है.