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अमित शाह की वर्चुअल रैली को RJD ने बताया वोट की राजनीति, कहा- पहले गरीबों को दें रोजगार - bihar news

राजेंद्र राम ने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली वोट की राजनीति है. गरीब अधिकार दिवस की तैयारियों को लेकर राजेंद्र राम ने बताया कि तेजस्वी यादव के दिशा निर्देश के अनुसार पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने घर के दरवाजे पर थाली और अन्य बर्तन पीटेंगे.

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Published : Jun 7, 2020, 7:18 AM IST

मोतिहारी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार में वर्चुअल रैली करेंगे. वो बिहार के लोगों को रैली के माध्यम से संबोधित करेंगे. लेकिन राजद नेता अमित शाह की रैली के विरोध में झंडा बुलंद करने में लगे हैं. लिहाजा राजद ने 7 जून को ही गरीब अधिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया है.

अमित शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में राजद नेता और कार्यकर्ता थाली, ग्लास और अन्य बर्तन बजाकर अपना विरोध जतायेंगे. जिसको लेकर राजद की तैयारियां चल रही हैं. राजद के हरसिद्धि विधायक और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र राम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए गृहमंत्री की वर्चुअल रैली के विरोध करने के कारणों को बताया. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी राजेंद्र राम ने अपनी बातें रखी.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अमित शाह की वर्चुअल रैली सत्ता के लिए राजनीति'
विधायक राजेंद्र राम ने कहा कि लॉकडाउन के समय में प्रवासी मजदूर परेशान थे. किसी तरह भूख से तड़पते हुए, रोते-बिलखते पैदल चलकर, रिक्शा, साइकिल और ऑटो से मजदूर वापस लौटे हैं. जिन्हें रोजगार की जरूरत है. लेकिन रोजगार देने के बदले बीजेपी सत्ता की राजनीति करने में लगी हुई है. वहीं, उन्होंने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली वोट की राजनीति है.

'आरक्षण समाप्त करने वालों का साथ छोड़ने को जदयू विधायक तैयार नहीं '
बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दलित और महादलित जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के प्रयास पर राजेंद्र राम ने कहा कि राजद के दलित विधायक दो बार के आयोजित बैठक में शामिल हुए थे. लेकिन दोनों बैठकों में राजद के दलित विधायकों ने जदयू विधायकों से आरक्षण समाप्त करने का प्रयास करने वाली पार्टी का साथ छोड़ने की शर्त रखी थी. जिस शर्त पर जदयू के विधायक तैयार नहीं हुए. इसलिए राजद के विधायक दलित जनप्रतिनिधियों के लिए बनाए जा रहे मोर्चा से अलग हो गए.

मोतिहारी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार में वर्चुअल रैली करेंगे. वो बिहार के लोगों को रैली के माध्यम से संबोधित करेंगे. लेकिन राजद नेता अमित शाह की रैली के विरोध में झंडा बुलंद करने में लगे हैं. लिहाजा राजद ने 7 जून को ही गरीब अधिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया है.

अमित शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में राजद नेता और कार्यकर्ता थाली, ग्लास और अन्य बर्तन बजाकर अपना विरोध जतायेंगे. जिसको लेकर राजद की तैयारियां चल रही हैं. राजद के हरसिद्धि विधायक और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र राम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए गृहमंत्री की वर्चुअल रैली के विरोध करने के कारणों को बताया. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी राजेंद्र राम ने अपनी बातें रखी.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अमित शाह की वर्चुअल रैली सत्ता के लिए राजनीति'
विधायक राजेंद्र राम ने कहा कि लॉकडाउन के समय में प्रवासी मजदूर परेशान थे. किसी तरह भूख से तड़पते हुए, रोते-बिलखते पैदल चलकर, रिक्शा, साइकिल और ऑटो से मजदूर वापस लौटे हैं. जिन्हें रोजगार की जरूरत है. लेकिन रोजगार देने के बदले बीजेपी सत्ता की राजनीति करने में लगी हुई है. वहीं, उन्होंने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली वोट की राजनीति है.

'आरक्षण समाप्त करने वालों का साथ छोड़ने को जदयू विधायक तैयार नहीं '
बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दलित और महादलित जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के प्रयास पर राजेंद्र राम ने कहा कि राजद के दलित विधायक दो बार के आयोजित बैठक में शामिल हुए थे. लेकिन दोनों बैठकों में राजद के दलित विधायकों ने जदयू विधायकों से आरक्षण समाप्त करने का प्रयास करने वाली पार्टी का साथ छोड़ने की शर्त रखी थी. जिस शर्त पर जदयू के विधायक तैयार नहीं हुए. इसलिए राजद के विधायक दलित जनप्रतिनिधियों के लिए बनाए जा रहे मोर्चा से अलग हो गए.

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