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मोतिहारी: दुष्कर्म पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एकदिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन

यह दुष्कर्म पीड़ितों को न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग है. जो यहां पहली बार आयोजित किया गया. इसमें जिले के बीस उत्पीड़न के मामले में पीड़ित पक्ष की बातें सुनी गईं.

पीड़ितों को समय रहते न्याय दिलाने के लिए एक दिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन
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Published : Aug 26, 2019, 12:14 AM IST

पूर्वी चंपारण: जिले में उत्पीड़न की शिकार पीड़ितों को समय रहते न्याय दिलाने के उद्देश्य से एकदिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मोतिहारी स्थित अंबेदकर भवन में किया गया. राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधि संघ के अध्यक्ष शेष नारायण कुंवर ने किया.

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विधि चिकित्सालय कार्यक्रम

न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग
यह पीड़ितों को न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग है, जो यहां पहली बार आयोजित किया गया. इसमें जिला के बीस उत्पीड़न के मामले में पीड़ित पक्ष की बातों को सुना गया और पुलिस के अनुसंधान रिपोर्ट की कमियों को अंकित किया गया. जिन बिंदुओं पर जांच करने के लिए सक्षम पुलिस पदाधिकारी को लिखा जाएगा. लीगल क्लिनिक में मौजूद दिल्ली से आए राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राष्ट्रीय संयोजक ने विश्वास जताया कि लीगल क्लिनिक के आयोजन से पीड़ितों को आसानी से न्याय मिलेगा. साथ ही उत्पीड़न के पीड़ित पक्ष के प्राईवेट अधिवक्ता को विशेष लोक अभियोजक बनाने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया है.

पीड़ितों को समय रहते न्याय दिलाने के लिए एक दिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन

उत्पीड़न मामले में कन्विक्शन रेट बढ़ने की संभावना
फिलहाल, जिले में उत्पीड़न के मामलों में पुलिस अनुसंधान की स्थिति और दलित उत्पीड़न में सजा दिलाने का प्रतिशत जीरो है. जिसे लेकर कई बार दलित मानवाधिकार अभियान ने आवाज भी उठाया है. लेकिन इस तरह के आयोजन से उत्पीड़न के मामलों में कन्विक्शन रेट बढ़ने की संभावना है.

पूर्वी चंपारण: जिले में उत्पीड़न की शिकार पीड़ितों को समय रहते न्याय दिलाने के उद्देश्य से एकदिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मोतिहारी स्थित अंबेदकर भवन में किया गया. राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधि संघ के अध्यक्ष शेष नारायण कुंवर ने किया.

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विधि चिकित्सालय कार्यक्रम

न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग
यह पीड़ितों को न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग है, जो यहां पहली बार आयोजित किया गया. इसमें जिला के बीस उत्पीड़न के मामले में पीड़ित पक्ष की बातों को सुना गया और पुलिस के अनुसंधान रिपोर्ट की कमियों को अंकित किया गया. जिन बिंदुओं पर जांच करने के लिए सक्षम पुलिस पदाधिकारी को लिखा जाएगा. लीगल क्लिनिक में मौजूद दिल्ली से आए राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राष्ट्रीय संयोजक ने विश्वास जताया कि लीगल क्लिनिक के आयोजन से पीड़ितों को आसानी से न्याय मिलेगा. साथ ही उत्पीड़न के पीड़ित पक्ष के प्राईवेट अधिवक्ता को विशेष लोक अभियोजक बनाने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया है.

पीड़ितों को समय रहते न्याय दिलाने के लिए एक दिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन

उत्पीड़न मामले में कन्विक्शन रेट बढ़ने की संभावना
फिलहाल, जिले में उत्पीड़न के मामलों में पुलिस अनुसंधान की स्थिति और दलित उत्पीड़न में सजा दिलाने का प्रतिशत जीरो है. जिसे लेकर कई बार दलित मानवाधिकार अभियान ने आवाज भी उठाया है. लेकिन इस तरह के आयोजन से उत्पीड़न के मामलों में कन्विक्शन रेट बढ़ने की संभावना है.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिले के उत्पीड़न के शिकार दलितों को ससमय न्याय दिलाने के उद्देश्य से एक दिवसीय विधि चिकित्सालय का आयोजन मोतिहारी स्थित अंबेदकर भवन में किया गया।राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शेष नारायण कुंवर ने किया।


Body:विधि चिकित्सालय दलितों को न्याय दिलाने का एक अभिनव प्रयोग है।जो मोतिहारी में पहली बार प्रयोग के तौर पर आयोजित किया गया है।जिसमें जिला के बीस दलित उत्पीड़न के मामले में पीड़ित पक्ष के बातों को सुना गया और पुलिस के अनुसंधान रिपोर्ट के कमियों को बिंदुवार अंकित किया गया।जिन बिंदुओं पर जांच करने के लिए सक्षम पुलिस पदाधिकारी को लिखा जाएगा।


Conclusion:लीगल क्लिनिक में मौजूद दिल्ली से आए राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राष्ट्रीय संयोजक ने विश्वास जताया कि लीगल क्लिनिक के आयोजन से दलित समाज को सुगमता से न्याय मिलेगा।साथ ही दलित उत्पीड़न के पीड़ित पक्ष के प्राईवेट अधिवक्ता को विशेष लोक अभियोजक बनाने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया है।ताकि दलितों को सुगमता से ससमय न्याय मिल सके।बहरहाल,जिले में अगर दलित उत्पीड़न में पुलिस अनुसंधान की स्थिति और दलित उत्पीड़न में सजा दिलाने का प्रतिशत जीरो है।जिसे लेकर कई बार दलित मानवाधिकार अभियान ने आवाज भी उठाया है।लेकिन इस तरह के आयोजन से दलित उत्पीड़न के मामले में कन्विक्सन रेट बढ़ने की संभावना है।
बाईट....विद्यानंद राम....जिला संयोजक
बाईट....संजय कुमार.....राष्ट्रीय संयोजक
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