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कभी गरीबी से तंग आकर अपनाया था चोरी का रास्ता, अब समाज सेवा के लिए मालदीव में होंगे सम्मानित

लक्ष्यहीन रास्ते पर चलते हुए मुन्ना कुमार के यूथ आईकन बनने का सफर काफी फिल्मी है. उन्होंने पढ़ाई के दौरान अपने एजुकेशन लोन से ही ख्वाब फाउंडेशन नाम से एनजीओ की शुरुआत की और अपने जैसे गरीब और असहाय बच्चों की शिक्षा के लिए लगातार काम करते रहे.

यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित होते मुन्ना कुमार
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Published : Aug 25, 2019, 11:39 AM IST

मोतिहारी : जिले के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित सिरहा गांव निवासी मुन्ना कुमार ने अपना और देश का नाम रौशन किया है. मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से आयोजित ग्लोबल यूथ पीस एंबेसडर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. जहां मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मो. नशीद उन्हे शांति मेडल से सम्मानित करेंगे.

Motihari Youth Icon Munna Kumar News
पूर्व राष्ट्रपति कलाम के साथ यूथ आइकन मुन्ना कुमार

बचपन में अपनाया चोरी का रास्ता
बचपन में ही इलाज के अभाव में पिता की मौत और दहेज के कारण बहन की हत्या के बाद चार भाई-बहनों में छोटे मुन्ना ने चोरी का रास्ता अपना लिया. लक्ष्यहीन रास्ते पर चलते हुए उनके यूथ आईकन बनने का सफर काफी फिल्मी है. पेट की आग बुझाने के लिए चोरी का रास्ता चुनने वाले मुन्ना ने मां की तकलीफ देख कर अपनी राह बदल ली. घर संभालने के लिए उन्होंने फल बेचना शुरु किया, और उससे होने वाले फायदे से उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरु की. इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

Motihari Youth Icon Munna Kumar News
यूथ आइकन मुन्ना कुमार

अपने एजुकेशन लोन से बनाया ख्वाब फाउंडेशन
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में घर होने के कारण वहां शिक्षा का काफी अभाव देखकर मुन्ना ने अपनी पढ़ाई के दौरान अपने एजुकेशन लोन से ही ख्वाब फाउंडेशन नाम से एनजीओ की शुरुआत की और अपने जैसे गरीब और असहाय बच्चों की शिक्षा के लिए लगातार काम करते रहे. किसी भी सरकारी या बाहरी मदद के बिना मुन्ना अपने बल पर गरीब बच्चों के लिए आज भी स्कूल चलाते हैं. उनके इसी जुनून ने उन्हें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.

Motihari Youth Icon Munna Kumar News
यूथ आइकन मुन्ना कुमार

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति करेंगे शांति मेडल से सम्मानित
युवा सशक्तिकरण और शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरुकता फैलाने के लिए यूथ आइकन मुन्ना के योगदान को मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय सम्मानित करने जा रहा है. मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और वर्त्तमान में माले संसद के स्पीकर मो. नशीद उन्हें शांति मेडल से सम्मानित करेंगे. राजधानी माले में 28 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 30 से ज्यादा देशों के 200 प्रतिनिधि भाग लेंगे. बेटे को मिल रही प्रसिद्धि से उनकी मां भी बेहद खुश है. बीते दिनों की तकलीफ का दर्द तो उन्हें सालता ही है लेकिन वे अपने बेटे को कामयाबी के शिखर पर जाने का आशिर्वाद देते नहीं थकती.

यूथ आइकन मुन्ना कुमार की कहानी

मोतिहारी : जिले के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित सिरहा गांव निवासी मुन्ना कुमार ने अपना और देश का नाम रौशन किया है. मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से आयोजित ग्लोबल यूथ पीस एंबेसडर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. जहां मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मो. नशीद उन्हे शांति मेडल से सम्मानित करेंगे.

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पूर्व राष्ट्रपति कलाम के साथ यूथ आइकन मुन्ना कुमार

बचपन में अपनाया चोरी का रास्ता
बचपन में ही इलाज के अभाव में पिता की मौत और दहेज के कारण बहन की हत्या के बाद चार भाई-बहनों में छोटे मुन्ना ने चोरी का रास्ता अपना लिया. लक्ष्यहीन रास्ते पर चलते हुए उनके यूथ आईकन बनने का सफर काफी फिल्मी है. पेट की आग बुझाने के लिए चोरी का रास्ता चुनने वाले मुन्ना ने मां की तकलीफ देख कर अपनी राह बदल ली. घर संभालने के लिए उन्होंने फल बेचना शुरु किया, और उससे होने वाले फायदे से उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरु की. इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

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यूथ आइकन मुन्ना कुमार

अपने एजुकेशन लोन से बनाया ख्वाब फाउंडेशन
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में घर होने के कारण वहां शिक्षा का काफी अभाव देखकर मुन्ना ने अपनी पढ़ाई के दौरान अपने एजुकेशन लोन से ही ख्वाब फाउंडेशन नाम से एनजीओ की शुरुआत की और अपने जैसे गरीब और असहाय बच्चों की शिक्षा के लिए लगातार काम करते रहे. किसी भी सरकारी या बाहरी मदद के बिना मुन्ना अपने बल पर गरीब बच्चों के लिए आज भी स्कूल चलाते हैं. उनके इसी जुनून ने उन्हें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.

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यूथ आइकन मुन्ना कुमार

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति करेंगे शांति मेडल से सम्मानित
युवा सशक्तिकरण और शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरुकता फैलाने के लिए यूथ आइकन मुन्ना के योगदान को मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय सम्मानित करने जा रहा है. मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और वर्त्तमान में माले संसद के स्पीकर मो. नशीद उन्हें शांति मेडल से सम्मानित करेंगे. राजधानी माले में 28 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 30 से ज्यादा देशों के 200 प्रतिनिधि भाग लेंगे. बेटे को मिल रही प्रसिद्धि से उनकी मां भी बेहद खुश है. बीते दिनों की तकलीफ का दर्द तो उन्हें सालता ही है लेकिन वे अपने बेटे को कामयाबी के शिखर पर जाने का आशिर्वाद देते नहीं थकती.

यूथ आइकन मुन्ना कुमार की कहानी
Intro:मोतिहारी।समाज सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले यूथ आईकन से सम्मानित पूर्वी चंपारण जिले के मुन्ना कुमार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है।मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित "ग्लोबल यूथ पीस एंबेसडर" के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुन्ना को विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।जिले के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिरहा गांव के रहने वाले मुन्ना कुमार का बचपन गुरबत की चादर तले बीती है।गरीबी की कोख से जन्म लेने वाले मुन्ना ने पेट की आग बुझाने के लिए चोरी भी की थी।लिहाजा,भुख की धधकती ज्वाला को पेट में पाले लक्ष्यहीन रास्ते पर चलते हुए मुन्ना का यूथ आईकन बनने तक का सफर किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं है।


Body:चार भाई-बहनों में छोटे मुन्ना के पिता गनउर प्रसाद की मौत गरीबी के कारण ईलाज के अभाव में हो गई।यही नहीं मुन्ना के बहन को उसके ससुराल वालों ने दहेज में केवल एक साईकिल की मांग को लेकर जिंदा जलाकर मार डाला।बचपन में हीं इन सब से दो चार हो चुके मुन्ना के घर में जब फांकाकशी की नौबत आई।तो उसने छोटी-मोटी चोरियां करनी शुरु कर दी।नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण गांव में अशिक्षा भी काफी थी।चोरी करने के क्रम में मुन्ना की सोहबत भी हमउम्र चोरों के साथ हो गई।चोरी करते करते वह काफी आगे निकल चुका था।लेकिन अचानक मुन्ना के अंदर बदलाव आया और अपनी मां को दुसरे के घर में काम करते देख उसने अपने रास्ते को बदल दिया।माँ के कहने पर मुन्ना ने फल और सब्जियां बेचना शुरु किया और उसी से होने लावे आमदनी ने जब परिवार की गाड़ी को खींचना शुरु किया।तो उसने स्कूल में नाम लिखवा ली।धीरे-धीरे मुन्ना और उसके भाई भी दुकान लगाने लगे और मुन्ना की दिलचस्पी पढ़ाई के प्रति होने लगी।फिर उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।मुन्ना ने अपने गांव में अशिक्षा के कारण नक्सल गतिविधियों को देख उन्होने पढ़ाई के दौरान हीं एक एनजीओ ख्वाब फाउंडेशन बनाया और गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरु कर दिया।जो अब उसके लिए एक जुनून बन गया है।बिना किसी सरकारी या बाहरी मदद के मुन्ना अपने बल पर गरीब बच्चों के लिए आज भी स्कूल चलाते हैं।कई विद्यालय और कॉलेज में गेस्ट शिक्षक के रुप में पढ़ाने के बदले मिलने वाली राशी से गरीब बच्चों को शिक्षित करने में खर्च करते हैं।सरकारी स्कूल से शिक्षा दीक्षा लेने वाले मुन्ना के इसी जुनून ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हे पहचान दिलाई।राष्ट्रीय स्तर पर यूथ आईकन चुने जाने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मुन्ना यूथ आईकन अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं।उनके कमरे अवार्ड में मिले मेडल और प्रशस्ति पत्र से भरे पड़े हैं।


Conclusion:मुन्ना के सामाजिक कार्य का शोर मालदीव भी पहुंच गया।मालदीव के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस एम्बेसडर के प्रशिक्षण में विशिष्ट अतिथि के रुप में मुन्ना कुमार को आमंत्रित किया गया है।जहां मुन्ना को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और वर्त्तमान में माले संसद के स्पीकर मो. नशीद द्वारा शांति मेडल से सम्मानित किया जाएगा।मुन्ना को यह सम्मान युवा सशक्तिकरण और शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरुकता फैलाने के लिए दिया जा रहा है।मालदीव की राजधानी माले में 28 अगस्त से एक सितंबर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम में एशिया महादेश के युवा मंत्री से लेकर शांति सद्भाव के लिए कार्य करने वाले आईकॉनिक लोगों को आमंत्रित किया गया है।जिसमें शामिल होकर मुन्ना कुमार अपने देश और राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।इधर मुन्ना की समाज सेवा के बल पर मिल रही प्रसिद्धि से उनकी बुढ़ी माँ खुश है।लेकिन गरीबी के दिनों को याद कर वह फफक पड़ती है और अपने बेटा को और उंचाई छूने का आशिर्वाद भी देती है।मुन्ना के साथ मोतिहारी में हीं रह रही उनकी माँ ने बताया कि मुन्ना ने काफी विपरित परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने मुकाम को पाया है।बहरहाल,मुन्ना मालदीव में आयोजित कार्यक्रम में जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।जिसमें तीस से ज्यादा देशों के 200 प्रतिनिधि भाग लेंगे।मालदीव में आयोजित कार्यक्रम युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम है।जिसमें विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा युवाओं को विश्व शांति स्थापना के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।इस कार्यक्रम के लिए मुन्ना को निमंत्रित किया जाना।निश्चित रुप से चंपारण के लिए गौरव की बात है।
बाईट.....मुन्ना कुमार.....यूथ आईकन
बाईट......अशर्फी देवी....मुन्ना की माँ
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