मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण में चरस और गांजा तस्करी के मामले में एक नामजद अभियुक्त को 10 वर्षो सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपया अर्थ दंड की सजा सुनाई गयी. 12 वीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नूर सुल्ताना ने चरस व गांजा तस्करी मामले में नामजद को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर उसे एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला स्थित लालगंज थाना के चितखोर गांव के रहने वाले संतोष कुमार को सुनाई है.
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क्या था मामलाः दरअसल 7 मार्च 2014 की सुबह गुप्त सूचना के आधार पर पनटोका एसएसबी के जवानों ने रक्सौल कोयरी टोला चौक के समीप हाथ में बैग लिए एक युवक को पकड़ा. जिसके बैग की जांच करने पर उसमें से पांच किलो चार सौ ग्राम चरस और चार किलो गांजा बरामद हुआ. युवक ने अपना नाम संतोष कुमार और घर यूपी के बस्ती जिला में घर बताया. एसएसबी के पूछताछ में उसने बताया कि यह खेप वीरगंज से मोतिहारी पहुंचाना था. नारकोटिक्स नेपाल बीरगंज से मोतीहारी पहुंचना था.
एनडीपीएस का केस दर्जः मामले में पनटोका के महादेवा एसएसबी कैंप के उप निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने रक्सौल थाना कांड संख्या 69/2014 दर्ज कराया था. एनडीपीएस वाद संख्या 29/2014 के विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक डा.शंभू शरण सिंह ने 6 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एनडीपीएस की धारा 20(बी)||(सी) में दोषी पाते हुए सजा सुनायी. कारागार में बताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगा.