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बेटियां नहीं हैं बेटों से कम: BJSE में मोतिहारी की स्नेहा बनी चौथी टॉपर

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Published : Oct 11, 2022, 6:36 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 6:49 PM IST

बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा (Bihar Judicial Service Exam) में मोतिहारी की बेटी स्नेहा ने कमाल कर दिया. उन्होंने 31वीं बिहार न्यायिक सेवा की परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान लाकर अपना और अपने जिले का नाम रोशन कर दिया है. इसके साथ ही अपनी मां मंजू सिंह के आंचल को खुशियों से भर दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

स्नेहा ने हिम्मत नहीं हारी
स्नेहा ने हिम्मत नहीं हारी

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिला में पति के असमय मौत के बाद बेटियों को हीं अपना अभिमान मानकर उन्हें शिक्षित करने में लगी मंजू सिंह की मान उनकी बेटियों ने रख लिया. पूर्वी चंपारण जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित चैता गांव की स्नेहा सिंह ने 31वीं न्यायिक सेवा की परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान (Motihari Daughter Sneha Became Topper In BJSE) लाकर, जहां एक ओर जिला का नाम रोशन किया है. वहीं, स्नेहा ने अपनी मां मंजू सिंह के आंचल को खुशियों से भर दिया है. वो वर्तमान समय में बनारस हिंदू विश्व विद्यालय (Banaras Hindu University) में एलएलएम फाइनल ईयर की परीक्षा देने के लिए बनारस गई हैं.

ये भी पढ़ें- BPSC 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी, रांची की भावना नंदा बनी टॉपर

31वीं न्यायिक सेवा की परीक्षा में स्नेहा बनी टॉपर : न्यायिक सेवा का रिजल्ट आने के बाद स्नेहा के घर में खुशियों का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं, स्नेहा की मां की आंखें विषम परिस्थितियों में भी बेटियों की सफलता की कहानी कह रही है. तीन बहनों में सबसे छोटी स्नेहा की दूसरी बहन निशु सिंह सीआरपीएफ में हैं. उनकी बड़ी बहन ने पिता के मौत के बाद परिस्थितियों से समझौता नहीं किया और ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की. उनकी दूसरी बहन का सीआरपीएफ में नौकरी होने के बाद से घर की स्थिति में सुधार हुआ और आज मंजू सिंह के घर में स्नेहा की सफलता को लेकर हर्ष का माहौल है. स्नेहा की मां मंजू सिंह बेटी की सफलता पर काफी खुश हैं.

'उनको तीन बेटियां हैं. और पति के मौत के बाद काफी संघर्ष करके बेटियों को पढ़ाया है. बेटियों को पढ़ाने के लिए काफी कठिनाईयों को झेला. लेकिन मेरी बहन ने मुझे काफी सहयोग किया. जिसके बदौलत मेरी हिम्मत बनी रही और बेटी ने न्यायिक सेवा के परीक्षा में चौथा स्थान लाकर जिला का नाम रोशन किया है. स्नेहा पढ़ने में शुरू से मेधावी थी और आज उसने यह साबित करके दिखा दिया है कि बेटियां, बेटों से कम नहीं होती हैं,' - मंजू सिंह, टॉपर स्नेहा सिंह की मां

'स्नेहा शुरू से पढ़ने में अच्छी थी. अपने करियर को लेकर ज्यादा सजग थी, की कुछ करना है. मां का शुरू से पढ़ाई पर ध्यान रहा और पिता के मौत के बाद मां ने हिम्मत नहीं हारा. उन्होंने हम तीनों बहनों को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाने के लिए मुश्किलों का भी सामना किया. हम तीन बहनें हैं और मां ने कभी बेटा की कमी महसूस नहीं की. वो अपने बेटियों को अपना स्वाभिमान समझती रही हैं.' - नेहा सिंह, टॉपर स्नेहा सिंह की बड़ी बहन


स्नेहा की सफलता से घर में खुशी का माहौल : स्नेहा की बड़ी बहन नेहा सिंह की शादी हो चुकी है और वो बीएड कर रही हैं. वो अभी अपने मायके आई हुई हैं, इस दरम्यान छोटी बहन की सफलता का समाचार पाकर काफी प्रसन्न हैं. बिहार न्यायिक सेवा के 31वीं न्यायिक परीक्षा में पूरे बिहार में चौथा स्थान लाने वाली स्नेहा सिंह की प्रारंभिक परीक्षा जियालाल साह मध्य विद्यालय में हुई. उसके बाद वो अपनी मौसी के पास मुजफ्फरपुर चली गयी. उसने मुजफ्फरपुर के एक कन्वेंट स्कूल से दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया. लेकिन इसी वर्ष उनके पिता अरविंद कुमार सिंह की मौत हो गई.

स्नेहा के पिता की हो चुकी है मौत : पिता के मौत के बाद उनके घर पर दुःखों का पहाड़ टूट गया. लेकिन स्नेहा की मां मंजू सिंह अपनी बेटियों की हिम्मत बनी रहीं. पति के मौत का दर्द को सीने में समेटे मंजू सिंह अपने बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करती रहीं. स्नेहा ने अपनी मां के सपने को साकार करने के लिए एलएस कॉलेज मुजफ्फरपुर से प्रथम श्रेणी में इंटर करने के बाद चाणक्या लॉ युनिवर्सिटी पटना में दाखिला लिया. स्नेहा के दादा बलिराम सिंह जिला के जाने-माने वकील थे.

स्नेहा के दादा जाने-माने वकील थे : वर्ष 2014 में स्नेहा की मझली बहन नीतू सिंह का सीआरपीएफ में नौकरी होने के बाद घर की स्थितियां सुधरने लगी और बहन के सहयोग से स्नेहा ने एलएलबी परीक्षा भी अच्छे अंकों से पास किया. उसके बाद उन्होंने बीएचयू में एलएलएम में नामांकन लिया. जिसके फाइनल ईयर के परीक्षा के लिए वो बनारस गई हुई हैं. स्नेहा ने बिहार न्यायिक सेवा को लेकर वर्ष 2020 में अप्लाई किया था. उसी साल पीटी की परीक्षा दी. वर्ष 2021 में उन्होंने मेन्स का परीक्षा दिया. जिसका रिजल्ट सोमवार देर शाम को निकला. परीक्षा परिणाम आने के बाद स्नेहा के घर में खुशियां छा गई.

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिला में पति के असमय मौत के बाद बेटियों को हीं अपना अभिमान मानकर उन्हें शिक्षित करने में लगी मंजू सिंह की मान उनकी बेटियों ने रख लिया. पूर्वी चंपारण जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित चैता गांव की स्नेहा सिंह ने 31वीं न्यायिक सेवा की परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान (Motihari Daughter Sneha Became Topper In BJSE) लाकर, जहां एक ओर जिला का नाम रोशन किया है. वहीं, स्नेहा ने अपनी मां मंजू सिंह के आंचल को खुशियों से भर दिया है. वो वर्तमान समय में बनारस हिंदू विश्व विद्यालय (Banaras Hindu University) में एलएलएम फाइनल ईयर की परीक्षा देने के लिए बनारस गई हैं.

ये भी पढ़ें- BPSC 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी, रांची की भावना नंदा बनी टॉपर

31वीं न्यायिक सेवा की परीक्षा में स्नेहा बनी टॉपर : न्यायिक सेवा का रिजल्ट आने के बाद स्नेहा के घर में खुशियों का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं, स्नेहा की मां की आंखें विषम परिस्थितियों में भी बेटियों की सफलता की कहानी कह रही है. तीन बहनों में सबसे छोटी स्नेहा की दूसरी बहन निशु सिंह सीआरपीएफ में हैं. उनकी बड़ी बहन ने पिता के मौत के बाद परिस्थितियों से समझौता नहीं किया और ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की. उनकी दूसरी बहन का सीआरपीएफ में नौकरी होने के बाद से घर की स्थिति में सुधार हुआ और आज मंजू सिंह के घर में स्नेहा की सफलता को लेकर हर्ष का माहौल है. स्नेहा की मां मंजू सिंह बेटी की सफलता पर काफी खुश हैं.

'उनको तीन बेटियां हैं. और पति के मौत के बाद काफी संघर्ष करके बेटियों को पढ़ाया है. बेटियों को पढ़ाने के लिए काफी कठिनाईयों को झेला. लेकिन मेरी बहन ने मुझे काफी सहयोग किया. जिसके बदौलत मेरी हिम्मत बनी रही और बेटी ने न्यायिक सेवा के परीक्षा में चौथा स्थान लाकर जिला का नाम रोशन किया है. स्नेहा पढ़ने में शुरू से मेधावी थी और आज उसने यह साबित करके दिखा दिया है कि बेटियां, बेटों से कम नहीं होती हैं,' - मंजू सिंह, टॉपर स्नेहा सिंह की मां

'स्नेहा शुरू से पढ़ने में अच्छी थी. अपने करियर को लेकर ज्यादा सजग थी, की कुछ करना है. मां का शुरू से पढ़ाई पर ध्यान रहा और पिता के मौत के बाद मां ने हिम्मत नहीं हारा. उन्होंने हम तीनों बहनों को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाने के लिए मुश्किलों का भी सामना किया. हम तीन बहनें हैं और मां ने कभी बेटा की कमी महसूस नहीं की. वो अपने बेटियों को अपना स्वाभिमान समझती रही हैं.' - नेहा सिंह, टॉपर स्नेहा सिंह की बड़ी बहन


स्नेहा की सफलता से घर में खुशी का माहौल : स्नेहा की बड़ी बहन नेहा सिंह की शादी हो चुकी है और वो बीएड कर रही हैं. वो अभी अपने मायके आई हुई हैं, इस दरम्यान छोटी बहन की सफलता का समाचार पाकर काफी प्रसन्न हैं. बिहार न्यायिक सेवा के 31वीं न्यायिक परीक्षा में पूरे बिहार में चौथा स्थान लाने वाली स्नेहा सिंह की प्रारंभिक परीक्षा जियालाल साह मध्य विद्यालय में हुई. उसके बाद वो अपनी मौसी के पास मुजफ्फरपुर चली गयी. उसने मुजफ्फरपुर के एक कन्वेंट स्कूल से दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया. लेकिन इसी वर्ष उनके पिता अरविंद कुमार सिंह की मौत हो गई.

स्नेहा के पिता की हो चुकी है मौत : पिता के मौत के बाद उनके घर पर दुःखों का पहाड़ टूट गया. लेकिन स्नेहा की मां मंजू सिंह अपनी बेटियों की हिम्मत बनी रहीं. पति के मौत का दर्द को सीने में समेटे मंजू सिंह अपने बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करती रहीं. स्नेहा ने अपनी मां के सपने को साकार करने के लिए एलएस कॉलेज मुजफ्फरपुर से प्रथम श्रेणी में इंटर करने के बाद चाणक्या लॉ युनिवर्सिटी पटना में दाखिला लिया. स्नेहा के दादा बलिराम सिंह जिला के जाने-माने वकील थे.

स्नेहा के दादा जाने-माने वकील थे : वर्ष 2014 में स्नेहा की मझली बहन नीतू सिंह का सीआरपीएफ में नौकरी होने के बाद घर की स्थितियां सुधरने लगी और बहन के सहयोग से स्नेहा ने एलएलबी परीक्षा भी अच्छे अंकों से पास किया. उसके बाद उन्होंने बीएचयू में एलएलएम में नामांकन लिया. जिसके फाइनल ईयर के परीक्षा के लिए वो बनारस गई हुई हैं. स्नेहा ने बिहार न्यायिक सेवा को लेकर वर्ष 2020 में अप्लाई किया था. उसी साल पीटी की परीक्षा दी. वर्ष 2021 में उन्होंने मेन्स का परीक्षा दिया. जिसका रिजल्ट सोमवार देर शाम को निकला. परीक्षा परिणाम आने के बाद स्नेहा के घर में खुशियां छा गई.

Last Updated : Oct 11, 2022, 6:49 PM IST
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