मोतिहारी: पूर्वी चंपारण में होली का रंग अब चढ़ने लगा है. हर तरफ होली की खुमारी दिख रही है. इसी कड़ी में मोतिहारी के छोटा बरियारपुर महर्षिनगर स्थित आर्यविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान में होली मिलन सह महामूर्ख सम्मेलन (Holi Milan ceremony organized in Motihari ) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पौराणिक और पारंपरिक होली गीतों से माहौल होलीमय बन गया. कार्यक्रम में उम्र का फर्क मिट गया और विद्यालय के छात्रों के साथ शिक्षक और उपस्थित गणमान्य लोग होली के रंग में रंगे दिखे.
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मंगलाचरण के गायन के साथ कार्यक्रम की हुई शुरुआत: होली मिलन कार्यक्रम को आधुनिकता से काफी दूर रखते हुए इसकी शुरुआत मंगलाचरण से हुई. फिर आगत अतिथियों का अंगवस्त्र और गुलाल लगाकर स्वागत किया गया. उगम पाण्डेय कॉलेज के प्राचार्य कर्मात्मा पाण्डेय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. सम्मान समारोह के बाद पारंपरिक होली गीत ने माहौल में रंग घोल दिया. वहीं महामूर्ख सम्मेलन में लोगों को कई तरह के व्यंगात्मक अलंकारों से अलंकृत किया गया. इससे कार्यक्रम में हंसी ठहाकों का दौर भी चला.
महामूर्ख सम्मेलन में शामिल हुए कई सारे लोगः होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें उम्र की सीमा नहीं रहती. बस मस्ती और मनोरंजन सब पर हावी रहता है. होली से 10-5 दिन पहले ही माहौल उत्सवी हो जाता है. कई संस्थान और संगठनों की ओर से इस समय होली मिलन, कवि सम्मेलन, महामूर्ख सम्मेलन और तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इसी तरह आर्ष विद्या शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन भी उत्साह पूर्व किया गया था. मौके पर संस्थान के प्राचार्य ने बताया कि आधुनिकता के दौर में लोगों ने अपनी पारंपरिक होली गीतों को भूला दिया है और फूहड़ता को अपना रहे हैं. होली की पुरानी परंपराओं को जिंदा रखने की एक छोटी कोशिश की जा रही है. इसी उद्देश्य के तहत इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.