मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में आंधी, पानी और ओला वृष्टि से कई घर जमींदोज हो गए. वहीं खेतों में खड़ी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं. जिला आपदा पदाधिकारी अनिल कुमार ने आंधी पानी से किसी तरह की जान माल की क्षति से इनकार किया है. जबकि कृषि विभाग खेतों में बर्बाद हुए फसलों के आकलन में जुटी हुई है.
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हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार गुरुवार के अहले सुबह तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई. साथ ही ओला पड़ने लगे. आंधी-पानी से जिले के कई प्रखंडों में तबाही मची है. तेज हवा से कई पेड़ उखड़ गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. खेतों में लगे फसलों को भी काफी क्षति पहुंची है. कोटवा प्रखंड के मच्छरगावां के किसान ने बताया कि उनके खेत में लगी मक्के की फसल आंधी-पानी और ओला गिरने से बर्बाद हो गई है. जबकि कई किसानों के गेहूं की फसल खेतों में ही पड़े हुए थे. उनका नुकसान हुआ है. इसके अलावा सब्जी उगाने वाले किसानों के खेतों में भी फसल की बर्बादी दिख रही है.
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जिले में हुए क्षति का किया जा रहा है आकलन
आंधी-पानी और ओला वृष्टि से जिले के सभी प्रखंडों में तबाही मची है. जिला आपदा पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिले के किसी प्रखंड से जान माल की क्षति की जानकारी नहीं मिली है. लेकिन सभी प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को जान-माल के अलावा ध्वस्त हुए घरों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को आंधी-पानी और ओला वृष्टि से हुए क्षति का आकलन कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.