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मोतिहारी: कर्मचारी संगठन ने एडीएम के खिलाफ खोला मोर्चा, करेंगे दो दिवसीय कलमबंद हड़ताल - बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं की बैठक

गुरुवार शाम संघ भवन में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं की बैठक की गई. संगठन ने प्रस्ताव पारित कर 30 और 31 अगस्त को सांकेतिक कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय किया है. संगठन के नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं पूरी हुईं तो वह आगे और भी रणनीतियां बनाएंगे.

कर्मचारी संगठन ने एडीएम के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Aug 30, 2019, 10:09 AM IST

मोतिहारी: जिले के नीलाम पत्र कार्यालय के तीन कर्मचारियों के निलंबन का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. जिला प्रशासन और कर्मचारी संगठन निलंबन के खिलाफ आमने-सामने आ गए हैं. डीएम द्वारा कर्मचारियों का निलंबन वापस नहीं लेने से नाराज कर्मचारी संगठन ने 30 अगस्त से दो दिवसीय कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

Motihari
कर्मचारी संगठन के सदस्य

भड़क गए थे एडीएम
गौरतलब है कि बीते 19 अगस्त की शाम को एडीएम और डीडीसी शाम नीलाम पत्र कार्यालय जांच के लिए पहुंचे थे. जहां एडीएम निलामवाद वारंटी को कुर्सी पर बैठा देख भड़क गए थे. उन्होंने कार्यालय के सभी कर्मचारियों के निलंबन को लेकर डीएम से इसकी अनुशंसा की थी. वहीं, डीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रधान सहायक मो. परवेज, सहायक मुकेश पांडे और कार्यालय परिचारी अभिमन्यू कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया था. वारंटी के ऋण की राशि का समय समायोजन कर वारंट वापस ले लिया गया. जिसके बाद कर्मचारी संगठन ने एडीएम की इस कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. परिणाम स्वरूप दस दिनों तक नीलाम पत्र कार्यालय में ताला लटका रहा है.

कर्मचारी संगठन ने एडीएम के खिलाफ खोला मोर्चा

डीएम को सौंपा था ज्ञापन
कर्मचारी संगठन ने डीएम से मिलकर कर्मचारियों का निलंबन वापस लेने समेत कई मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा था. संगठन ने 29 अगस्त तक मांगे पूरी करने की डेडलाइन दी थी. लेकिन डीएम ने इसे नजरअंदाज कर दिया. इसको लेकर गुरुवार शाम संघ भवन में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं की बैठक की गई. संगठन ने प्रस्ताव पारित कर 30 और 31 अगस्त को सांकेतिक कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय किया है. संगठन के नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं पूरी हुईं, तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

मोतिहारी: जिले के नीलाम पत्र कार्यालय के तीन कर्मचारियों के निलंबन का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. जिला प्रशासन और कर्मचारी संगठन निलंबन के खिलाफ आमने-सामने आ गए हैं. डीएम द्वारा कर्मचारियों का निलंबन वापस नहीं लेने से नाराज कर्मचारी संगठन ने 30 अगस्त से दो दिवसीय कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

Motihari
कर्मचारी संगठन के सदस्य

भड़क गए थे एडीएम
गौरतलब है कि बीते 19 अगस्त की शाम को एडीएम और डीडीसी शाम नीलाम पत्र कार्यालय जांच के लिए पहुंचे थे. जहां एडीएम निलामवाद वारंटी को कुर्सी पर बैठा देख भड़क गए थे. उन्होंने कार्यालय के सभी कर्मचारियों के निलंबन को लेकर डीएम से इसकी अनुशंसा की थी. वहीं, डीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रधान सहायक मो. परवेज, सहायक मुकेश पांडे और कार्यालय परिचारी अभिमन्यू कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया था. वारंटी के ऋण की राशि का समय समायोजन कर वारंट वापस ले लिया गया. जिसके बाद कर्मचारी संगठन ने एडीएम की इस कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. परिणाम स्वरूप दस दिनों तक नीलाम पत्र कार्यालय में ताला लटका रहा है.

कर्मचारी संगठन ने एडीएम के खिलाफ खोला मोर्चा

डीएम को सौंपा था ज्ञापन
कर्मचारी संगठन ने डीएम से मिलकर कर्मचारियों का निलंबन वापस लेने समेत कई मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा था. संगठन ने 29 अगस्त तक मांगे पूरी करने की डेडलाइन दी थी. लेकिन डीएम ने इसे नजरअंदाज कर दिया. इसको लेकर गुरुवार शाम संघ भवन में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं की बैठक की गई. संगठन ने प्रस्ताव पारित कर 30 और 31 अगस्त को सांकेतिक कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय किया है. संगठन के नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं पूरी हुईं, तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिला के निलाम पत्र कार्यालय के तीन कर्मचारियों के निलंबन का मामला अब तूल पकड़ने लगा है।कर्मचारियों के निलंबन के खिलाफ जिला प्रशासन और कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए है।कर्मचारी संगठन ने 30 अगस्त से दो दिवसीय कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय लेते हुए अपनी मंशा जता दी है।जबकि जिला प्रशासन ने कर्मचारी संगठन के दिए गए आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया है।


Body:दरअसल,विगत 19 अगस्त को एडीएम और डीडीसी शाम के समय निलाम पत्र कार्यालय जांच के लिए पहुंचे थे।जहां एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठा था।जो निलामवाद का वारंटी था और वह उसी संबंध में जानकारी लेकर ऋण समायोजन करने आया था।वारंटी को कुर्सी पर बैठा देख एडीएम भड़क गए और निलाम पत्र कार्यालय के सभी कर्मचारी को निलंबित करने की अनुशंसा डीएम से कर दी।लिहाजा,निलामपत्र कार्यालय के प्रधान सहायक मो. परवेज, सहायक मुकेश पांडे और कार्यालय परिचारी अभिमन्यू कुशवाहा को डीएम ने निलंबित कर दिया।हालांकि,उस वारंटी के ऋण की राशि का उसी समय समायोजन कर उसके वारंट को वापस ले लिया गया।उसके बाद कर्मचारी संगठन ने एडीएम के इस कार्रवाई के बाद मोर्चा खोल दिया है।परिणाम स्वरुप दस दिनो तक निलाम पत्र कार्यालय में ताला लटका रहा।


Conclusion:इधर कर्मचारी संगठन ने 25 अगस्त को डीएम को आवेदन देकर निलामपत्र कार्यालय के कर्मचारियों का निलंबन वापस लेने समेत कई मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा और 29 अगस्त तक का डेड लाईन दिया था।लेकिन डीएम ने कर्मचारियों के मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।लिहाजा,गुरुवार को संध्या समय संघ भवन में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं की बैठक हुई।जिसमें प्रस्ताव पारित कर 30 और 31 अगस्त को सांकेतिक कलमबंद हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।जिस दौरान अगर उनके मांगों को नहीं माना गया और आगे की रणनीति बनाने का निर्णय हुआ।

बाईट.....भाग्य नारायण चौधरी.....कर्मचारी नेता।
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