मोतिहारी: कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई है. राज्य सरकार ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है. इन सबके बीच पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ब्लैक फंगस को लेकर अपनी तैयारियों को दुरुस्त कर लेने का दावा कर रही है. दवाओं को स्टॉक में रखा गया है. साथ ही दवा के लिए सरकार के पास डिमांड भी भेजा गया है. जिले में ब्लैक फंगस की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि डरने की जरुरत नहीं है, जिले में तैयारियां पूरी है.
ये भी पढ़ें- विपक्ष का आरोप: सरकार नहीं कर रही ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी, महामारी घोषित करने में हुई देर
जिले में नहीं है ब्लैक फंगस का मामला
डीएम ने कहा कि जिले में ब्लैक फंगस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों को दिया जाने वाला 'एम्फोटेरिसिन बी' दवा को स्टॉक में रखा गया है. साथ ही सरकार से भी इस दवा की डिमांड की गई है. उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान कुछ सावधानियां बरती गई है. जिस कारण जिले में ब्लैक फंगस का मामला सामने नहीं आया है.
सावधानीपूर्वक होता है मरीजों का इलाज
डीएम के अनुसार डीसीएचसी में भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज सावधानी पूर्वक से किया जा रहा है. ऑक्सीफ्लो मीटर में लगे ह्यूमेडिफायर में डिस्टिल्ड वाटर का उपयोग होता है. समय-समय पर उसे साफ किया जाता है. नए मरीज के लिए ह्यूमेडिफायर को बदल दिया जाता है. इसके अलावा काफी सिरियस मरीज को छोड़कर अन्य जरुरतमंद मरीजों को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई पर नहीं रखा जा रहा है. जिससे कि मरीजों के फेफड़े की अपनी क्षमता बढ़ सके. इसके अलावा मरीजों को दिए जाने वाले स्टेरॉयड को लेकर भी सावधानी बरती जा रही है. जिससे ब्लैक फंगस की संभावना खत्म हो जाती है.
निर्धारित किए गए हैं पैरामीटर
दरअसल जिले में बनाये गए विभिन्न डीसीएचसी में भर्ती मरीज और होम आइसोलेट संक्रमितों के इलाज के लिए पैरामीटर्स निर्धारित किए गए हैं. जिसके साकारात्मक परिणाम जिले में सामने आ रहे हैं. एक तरफ जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ा है. वहीं, ब्लैक फंगस के मामले भी सामने नहीं आए हैं.