मोतिहारीः सूर्योपासना से जुड़े मकर संक्रांति भारत के साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी धूमधाम और श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया. भारत नेपाल सीमा पर स्थित नेपाली परिक्षेत्र के बारा जिला में बरियारपुर स्थित गढ़ी माई स्थान में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई थी.
हिंदुओं के आस्था का केन्द्र गढ़ी माई स्थान दुनिया में सबसे बड़ा पशुबलि मेला के रूप में जाना जाता है. यह मेला पांच वर्ष में एक बार लगता है. जहां पर लाखों की संख्या में जानवरों की बलि दी जाती है. लेकिन प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति को भी श्रद्धाओं की भीड़ माता के दर्शन के लिए लगती है.
'मकर संक्रांति को भी होता है बलि प्रदान'
पांच वर्ष पर लगने वाला गढ़ी माई मेला अगहन महीने में लगता है. दिसंबर 2019 में पांच वर्ष पर मेला लगा था. गढ़ी माई मेला में अगहन महीने के सप्तमी तिथि को बलि प्रदान किया जाता है. लेकिन जो लोग उस दिन अपने मन्नत के अनुसार बलि नहीं चढ़ा पाते है. वह मकर संक्रांति को बलि चढ़ाते है. इस लिहाज से इस साल मकर संक्रांति के दिन भी बलि प्रदान किया गया. गढ़ी माई मेला प्रबंधन के महासचिव मोतीलाल प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि गढ़ी माई मेला को यूनेस्को की ओर से मान्यता दिलाने के लिए कागजात तैयार किया जा चुका है. जिसे नेपाल सरकार को जल्द सौंपा जाएगा.
'श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती'
गढ़ी माई मेला में जुटने वाली लाखों की भीड़ की सुरक्षा भी बहुत बड़ी चुनौती होती है. लिहाजा,नेपाल सरकार के निर्देश पर कई जिलों की पुलिस के अलावा नेपाली सेनाबल और कई पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. नेपाल के बारा जिला के एसपी डीबी सुबेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुरक्षा को लेकर लगभग सात सौ जवान लगे हुए हैं. उन्होने लगभग दस लाख श्रद्धालुओं के गढ़ी माई पहुंचने का अनुमान लगाया है. जिनके सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे पुलिस के जवान लगे हुए हैं.