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मोतिहारी: संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं 'कोरोना सेनानी' - fight against infection in motihari

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खिलाफ शुरु हुए जंग के सेनानियों का अपने कार्य एजेंसी से कुछ नाराजगी है।बावजूद इसके इस संकट के घड़ी में ये लोग अपने कर्त्तव्य के पालन में कहीं आगे हैं।वार्ड ब्वाय अंशु कुमार ने बताया कि पिछले सात माह से एजेंसी ने उनके वेतन को नहीं दिया है।जिस कारण उनलोगों को परेशानी हो रही है।"

मोतिहारी सदर अस्पताल
मोतिहारी सदर अस्पताल
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Published : Mar 26, 2020, 8:25 PM IST

मोतिहारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा की है. घोषणा के बाद प्रशासनिक सख्ती के कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही काफी कम है.

इस बीच सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए कोरोना सेनानियों को नियुक्त किया गया है. ये लोग कोरोना संदिग्ध मरीजों की देखभाल करते नजर आ रहे हैं. सेनानियों में सदर अस्पताल में कार्य एजेंसी द्वारा बहाल एम्बुलेंस कर्मी और वार्ड ब्वाय हैं. इनका सेवाभाव काबिल-ए-तारीफ है.

motihari
सदर अस्पताल में बनाया गया

नहीं मिला है कई महीनों से वेतन
हालांकि, कोरोना सेनानियों में एजेंसी से कुछ नाराजगी है. सदर अस्पताल के वार्ड ब्वाय अंशु कुमार ने बताया कि पिछले सात महीनों से एजेंसी ने उन्हें वेतन नहीं दिया है. जिस कारण उनलोगों को परेशानी हो रही है. बता दें कि जिले में अब तक कोरोना के 94 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं. सदर अस्पताल से 1 संदिग्ध मरीज को पटना रेफर किया गया है जबकि 1 को सदर अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

मोतिहारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा की है. घोषणा के बाद प्रशासनिक सख्ती के कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही काफी कम है.

इस बीच सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए कोरोना सेनानियों को नियुक्त किया गया है. ये लोग कोरोना संदिग्ध मरीजों की देखभाल करते नजर आ रहे हैं. सेनानियों में सदर अस्पताल में कार्य एजेंसी द्वारा बहाल एम्बुलेंस कर्मी और वार्ड ब्वाय हैं. इनका सेवाभाव काबिल-ए-तारीफ है.

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सदर अस्पताल में बनाया गया

नहीं मिला है कई महीनों से वेतन
हालांकि, कोरोना सेनानियों में एजेंसी से कुछ नाराजगी है. सदर अस्पताल के वार्ड ब्वाय अंशु कुमार ने बताया कि पिछले सात महीनों से एजेंसी ने उन्हें वेतन नहीं दिया है. जिस कारण उनलोगों को परेशानी हो रही है. बता दें कि जिले में अब तक कोरोना के 94 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं. सदर अस्पताल से 1 संदिग्ध मरीज को पटना रेफर किया गया है जबकि 1 को सदर अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

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