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बिहार के 'हाथरस कांड' के लिए जिम्मेवार है थानाध्यक्ष! एसपी बोले- बहुत जल्द होगी गिरफ्तारी - निलंबित थानाध्यक्ष संजीव रंजन

कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की की गैंगरेप और हत्या के बाद शव जलाने के मामले में एसआईटी ने एसपी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में थानाध्यक्ष संजीव रंजन को साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है.

misdeeds and murder
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Published : Feb 11, 2021, 10:13 AM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र में नेपाली नाइट गार्ड की नाबालिग बेटी की गैंगरेप और हत्या करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव जलाने के मामले में गठित एसआईटी की टीम ने एसपी नवीन चंद्र झा को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. सिकरहना एसडीपीओ शिवेंद्र कुमार अनुभवी के नेतृत्व में गठित एसआईटी की रिपोर्ट में निलंबित थानाध्यक्ष संजीव रंजन को साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है. एसआईटी के जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीव रंजन को इस घटना में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.

साक्ष्य मिटाने के दोषी पाए गए थानाध्यक्ष
एसआईटी से प्राप्त रिपोर्ट की जानकारी देते हुए एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट मिली है, जिस आधार पर थानाध्यक्ष भी इस कांड में साक्ष्य मिटाने के दोषी पाए गए हैं. जिनकी गिरफ्तारी और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि निलंबित थानाध्यक्ष का लोकेशन नहीं मिल पा रहा है और उनकी मोबाइल भी स्वीच ऑफ है. उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष समेत सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बिहार में 'हाथरस' कांड, थानेदार बोला- लकड़ी भेजकर जला दो

अप्राथमिकी अभियुक्त बने निलंबित थानाध्यक्ष
एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि मृतका के पिता द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई चल रही है. प्राथमिकी के अनुसार, जघन्य अपराध हुआ है. उसके अलावा वायरल ऑडियो और वीडियो के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. जिस जांच के आधार पर थानाध्यक्ष को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.

एसआईटी ने एसपी को सौंपी रिपोर्ट
बता दें कि कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र में विगत 21 जनवरी को नेपाल की लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई. स्थानीय थानाध्यक्ष संजीव रंजन की मिलीभगत से मृतका के शव को बिना एफआईआर और पोस्टमार्टम के जला दिया गया. इस मामले में मृतका के पिता ने घटना के 13 दिनों बाद एफआईआर के लिए आवेदन देकर 11 लोगों को आरोपित किया. घटना के आरोपी और थानाध्यक्ष के बीच शव को जला देने को लेकर हो रही बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया.

ये भी पढ़ें- बिहार के 'हाथरस कांड' की जांच के लिए मोतिहारी पहुंची CID की टीम

उसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया. एसआईटी ने जांच रिपोर्ट एसपी को सौंंप दिया है. इधर,आरोपितों में से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है और शेष बचे अन्य 9 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र में नेपाली नाइट गार्ड की नाबालिग बेटी की गैंगरेप और हत्या करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव जलाने के मामले में गठित एसआईटी की टीम ने एसपी नवीन चंद्र झा को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. सिकरहना एसडीपीओ शिवेंद्र कुमार अनुभवी के नेतृत्व में गठित एसआईटी की रिपोर्ट में निलंबित थानाध्यक्ष संजीव रंजन को साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है. एसआईटी के जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीव रंजन को इस घटना में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.

साक्ष्य मिटाने के दोषी पाए गए थानाध्यक्ष
एसआईटी से प्राप्त रिपोर्ट की जानकारी देते हुए एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट मिली है, जिस आधार पर थानाध्यक्ष भी इस कांड में साक्ष्य मिटाने के दोषी पाए गए हैं. जिनकी गिरफ्तारी और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि निलंबित थानाध्यक्ष का लोकेशन नहीं मिल पा रहा है और उनकी मोबाइल भी स्वीच ऑफ है. उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष समेत सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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अप्राथमिकी अभियुक्त बने निलंबित थानाध्यक्ष
एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि मृतका के पिता द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई चल रही है. प्राथमिकी के अनुसार, जघन्य अपराध हुआ है. उसके अलावा वायरल ऑडियो और वीडियो के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. जिस जांच के आधार पर थानाध्यक्ष को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.

एसआईटी ने एसपी को सौंपी रिपोर्ट
बता दें कि कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र में विगत 21 जनवरी को नेपाल की लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई. स्थानीय थानाध्यक्ष संजीव रंजन की मिलीभगत से मृतका के शव को बिना एफआईआर और पोस्टमार्टम के जला दिया गया. इस मामले में मृतका के पिता ने घटना के 13 दिनों बाद एफआईआर के लिए आवेदन देकर 11 लोगों को आरोपित किया. घटना के आरोपी और थानाध्यक्ष के बीच शव को जला देने को लेकर हो रही बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया.

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उसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया. एसआईटी ने जांच रिपोर्ट एसपी को सौंंप दिया है. इधर,आरोपितों में से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है और शेष बचे अन्य 9 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है.

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