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मोतिहारी : धमूधाम से मनाया गया भैया-दूज, बहनों ने की भाई के लिए लंबी उम्र की कामना

पूर्वी चंपारण जिले में सुबह से ही महिलाएं पूरी आस्था के साथ भैया दूज को लेकर उत्साहित दिखीं. कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भैया दूज मनाया जाता है.

मोतिहारी
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Published : Nov 16, 2020, 4:28 PM IST

मोतिहारी: देशभर में आज भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है. भाइयों की लम्बी उम्र के लिए मनाये जाने वाले पर्व भैया दूज के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिले में सुबह से ही महिलाएं पूरी आस्था के साथ उत्साहित दिखीं. साथ ही श्रद्धापूर्ण माहौल में महिलाओं ने इस पर्व को मना रही हैं. कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भैया दूज मनाया जाता है.

बिहार के मिथिलांचल में इसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. भैया दूज के दिन बहन अपने भाइयों के लिए लम्बी उम्र की कामना करती हैं. पौराणिक मान्यता है कि महिलाएं पहले भाइयों को श्राप देती हैं. फिर उसे जीवित करती हैं. इस दिन भाई अपने बहनों को उपहार भी देते हैं.

होती है विशेष पूजा
जिला में कई जगहों पर महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर गीत गाते हुए माहौल को भक्तिपूर्ण बनाती है. फिर गाय के गोबर से बने गोधन के अलावा यम-यमी और बिच्छू की आकृति को बनाया जाता है. जिसे पूजा के अंत में सभी महिलाएं एक साथ मिलकर गीत गाते हुए कुटाई करती हैं. मोतिहारी शहर समेत जिले के सभी जगहों पर महिलाओं ने भाई-बहन के अटूट प्रेम से जुड़े इस पर्व को मनाया और भाइयों की उम्र लम्बी हो इसकी कामना की.

मोतिहारी: देशभर में आज भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है. भाइयों की लम्बी उम्र के लिए मनाये जाने वाले पर्व भैया दूज के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिले में सुबह से ही महिलाएं पूरी आस्था के साथ उत्साहित दिखीं. साथ ही श्रद्धापूर्ण माहौल में महिलाओं ने इस पर्व को मना रही हैं. कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भैया दूज मनाया जाता है.

बिहार के मिथिलांचल में इसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. भैया दूज के दिन बहन अपने भाइयों के लिए लम्बी उम्र की कामना करती हैं. पौराणिक मान्यता है कि महिलाएं पहले भाइयों को श्राप देती हैं. फिर उसे जीवित करती हैं. इस दिन भाई अपने बहनों को उपहार भी देते हैं.

होती है विशेष पूजा
जिला में कई जगहों पर महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर गीत गाते हुए माहौल को भक्तिपूर्ण बनाती है. फिर गाय के गोबर से बने गोधन के अलावा यम-यमी और बिच्छू की आकृति को बनाया जाता है. जिसे पूजा के अंत में सभी महिलाएं एक साथ मिलकर गीत गाते हुए कुटाई करती हैं. मोतिहारी शहर समेत जिले के सभी जगहों पर महिलाओं ने भाई-बहन के अटूट प्रेम से जुड़े इस पर्व को मनाया और भाइयों की उम्र लम्बी हो इसकी कामना की.

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