मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के दिवंगत आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल (Motihari RTI ACTIVIST Suicide Case) के पुत्र रोहित के आत्मदाह (RTI Activist Son Commits Suicide in Motihari) किए जाने के मामले की जांच करने बेतिया डीआईजी पीके प्रवीण हरसिद्धि पहुंचे. उनके साथ डीएम शीर्षत कपिल अशोक (DM Shirtesh Kapil Ashok) और एसपी डॉ. कुमार आशीष के अलावा अरेराज डीएसपी रंजन कुमार भी थे. डीआईजी पीके प्रवीण ने रोहित के आत्मदाह की घटना के बारे में जानकारी ली और परिजन का बयान दर्ज किया.
पीड़ित परिवार से मिले डीआईजी: पीड़ित परिवार ने डीआईजी को पुलिस लापरवाही के कारण घर में दो-दो घटनाएं होने की बातें बताई. दिवंगत विपिन की पत्नी और मृतक रोहित की मां मोनिका देवी ने डीआईजी को आवेदन देकर पुत्र की मौत के बाद बदहवासी में पुलिस को बयान देने की बात कही है. मोनिका देवी ने शुक्रवार को पुलिस को बयान दिया था कि मोबाइल से बात करते समय रोहित छत से गिर गया था. शनिवार को डीआईजी के सामने मोनिका देवी फूट पड़ीं और बताया कि उनके पुत्र रोहित ने आत्मदाह किया है, जबकि पुत्र के मौत के बाद बदहवासी के हालत में पुलिस ने हस्ताक्षर करा लिया था.
पीड़िता ने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की: मोनिका देवी ने डीआईजी से विपिन हत्याकांड के अनुसंधान में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं. उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग की. मोनिका देवी ने कहा कि पुलिस से आजतक न्याय नहीं मिली. डीजीपी बात सुनने को तैयार नहीं हैं और डीजीपी आवेदन लेने से इंकार कर देते हैं. उन्होंने कहा कि अनुसंधान में जिन लोगों का नाम आया है. उनकी गिरफ्तारी करने से पुलिस बचती रही है और डीजीपी सुनते नहीं हैं, तो वह कहां गुहार लगाने कहां जाए.
डीआईजी ने एसपी को दिए निर्देश: डीआईजी ने पीड़ित के परिजनों से मुलाकात के बाद एसपी डॉ. कुमार आशीष को कई निर्देश दिए. हरसिद्धि में मृतक रोहित की मां मोनिका देवी और दादा विजय अग्रवाल को डीआईजी ने आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड के साथ हीं रोहित मामले में भी न्याय दिलाने का भरोसा दिया. रोहित के परिजनों से मिलने के बाद डीआईजी पीके प्रवीण मोतिहारी पहुंचे और पत्रकारों से बात की.
परिजनों से डीआईजी ने ली जानकारी: डीआईजी पीके प्रवीण ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड और उनके पुत्र रोहित आत्महत्या मामले में पीड़ित परिवार से घटना के बारे में जानकारी ली गई है. पीड़ित परिवार ने कई बिंदुओं पर अपनी बातें रखी हैं. जिन बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच के लिए एसपी को कहा गया है. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार पुलिस अनुसंधान पर सवाल खड़ा करते हुए कुछ लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है, लेकिन पुलिस साक्ष्य के आधार पर अनुसंधान करती है. जिसकी समीक्षा भी होती है.
सभी बिंदुओं पर होगी निष्पक्ष जांच: डीआईजी ने बताया कि विपिन हत्याकांड की जांच प्रशिक्षु आईपीएस ने की है. जिनके अनुसंधान पर सवाल तो नहीं उठाया जा सकता है. फिर भी पीड़ित परिवार ने जिन बिंदुओं पर आपत्ति जताई है. उन सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच होगी. रोहित के आत्मदाह को पुलिस क्या मान रही है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आत्मदाह या आत्महत्या दोनों एक है और पुलिस इसे आत्महत्या ही मान रही है. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार विपिन हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. जो उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है. लेकिन अगर एसपी विपिन हत्याकांड की सीआईडी जांच की अनुशंसा करते हैं, तो उसपर विचार किया जाएगा.
रोहित के साथ नहीं हुआ दुर्वव्यहार: विपिन हत्याकांड के अनुसंधान में नाम आ रहे सफेदपोश के गिरफ्तारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की यहीं मांग है. रोहित ने आत्मघाती कदम उठाने के कारण पर डीआईजी पीके प्रवीण ने बताया कि पीड़ित परिवार ने एसपी ऑफिस के कर्मियों पर रोहित के साथ दुर्व्यवहार के कारण अवसाद में घटना करने की बात कही है. लेकिन एसपी का इसपर बयान आ गया है और सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. जिसमें किसी तरह के दुर्व्यवहार की बातें नहीं दिख रही है. विपिन अग्रवाल हत्याकांड के कब तक जांच होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एसपी को सभी बिंदू पर समीक्षा करने के लिए कहा गया है.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि हरसिद्धि थाना क्षेत्र में पिछले साल आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली से नाराज होकर उनके पुत्र रोहित ने अपने शरीर में आग लगाकर तीन मंजिला भवन से छलांग लगा दी. आत्मदाह करने से गंभीर रूप से जख्मी रोहित का इलाज के दौरान मौत हो गई. चौदह वर्षीय रोहित कुमार दिवंगत आरटीआई कार्यकर्ता के तीन संतानों में सबसे बड़ा था. परिजन के अनुसार रोहित गुरुवार को एसपी से मिलने आया था, लेकिन समय दिए जाने के बाद भी एसपी नहीं मिल पाये.
पुलिस के कार्यशैली से नाराज था रोहित: एसपी से मुलाकात नहीं होने से नाराज होकर रोहित घर लौटा और अपने घर के सामने के एक तीन मंजिला मकान पर चढ़ गया. मकान के ऊपरी मंजिल पर चढ़ने के बाद उसने अपने शरीर में आग लगाई और छलांग लगा दी. छलांग लगाने के बाद रोहित का शरीर हाईवोल्टेज बिजली प्रभावित तार पर गिरा. जिस कारण वह काफी झुलस गया. जख्मी हालत में इलाज के लिए रोहित को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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