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रुप बदलकर सरकारी तंत्र में काम कर रहे थे दो नक्सली, 2005 में SBI की मधुबन शाखा में की थी लूटपाट

मोतिहारी में पुलिस ने बैक में डकैती करने वाले दो आरोपी के गिफ्तार किया है. बताया जाता है कि आरोपी ने 2005 में स्टेट बैंक में गार्ड को मारकर लूट-पाट की थी.

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Published : Oct 1, 2019, 11:51 AM IST

पुलिस हिरासत में आरोपी.

मोतिहारी: जिले में पुलिस ने बैंक लूट के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने 23 जून 2005 को जिले के मधुबन स्टेट बैंक शाखा में गार्ड को मारकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था. वहीं, पुलिस के रजिस्टर में दोनों आरोपी लापता घोषित थे.

रुप बदलकर रह रहे थे दोनों आरोपी
बताया जाता है कि पुलिस थाने के पास ही एक अरोपी शिक्षक बनकर कुछ बच्चों को पढ़ाता था लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. वहीं, दूसरा आरोपी पंचायत समिति सदस्य बनकर सरकारी योजनाओं में काम कर रहा था. दोनों आरोपियों को पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी चिरैया थाना इलाके के खड़तरी के रहने वाले हैं.

बैंक डकैत गिरफ्तार

बैंक लूट में थे शामिल
23 जून 2005 को एसबीआई की मधुबन शाखा में नक्सलियों ने धावा बोलकर लूट की घटना को अंजाम दिया था. साथ हीं बैंक गार्ड की हत्या कर उसके बंदूक और कारतूस को भी लूट लिया था. इसके अलावा बैंक के कंप्यूटर
को नक्सलियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. घटना की जांच के बाद आये रिपोर्ट में भूषण पासवान और अशोक पासवान का नाम सामने आया था लेकिन पुलिस ने इन दोनो को गिरफ्तार करने को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई. इसके बाद दोनों नक्सली सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर सरकारी सिस्टम के अंग बन गए. वहीं पुलिस फाइल में दोनों को फरार घोषित कर दिया गया था. फिलहाल स्थानीय लोग इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे है. लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपी बच कर निकल जाते हैं.

Motihari
अपराधियों को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस

मोतिहारी: जिले में पुलिस ने बैंक लूट के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने 23 जून 2005 को जिले के मधुबन स्टेट बैंक शाखा में गार्ड को मारकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था. वहीं, पुलिस के रजिस्टर में दोनों आरोपी लापता घोषित थे.

रुप बदलकर रह रहे थे दोनों आरोपी
बताया जाता है कि पुलिस थाने के पास ही एक अरोपी शिक्षक बनकर कुछ बच्चों को पढ़ाता था लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. वहीं, दूसरा आरोपी पंचायत समिति सदस्य बनकर सरकारी योजनाओं में काम कर रहा था. दोनों आरोपियों को पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी चिरैया थाना इलाके के खड़तरी के रहने वाले हैं.

बैंक डकैत गिरफ्तार

बैंक लूट में थे शामिल
23 जून 2005 को एसबीआई की मधुबन शाखा में नक्सलियों ने धावा बोलकर लूट की घटना को अंजाम दिया था. साथ हीं बैंक गार्ड की हत्या कर उसके बंदूक और कारतूस को भी लूट लिया था. इसके अलावा बैंक के कंप्यूटर
को नक्सलियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. घटना की जांच के बाद आये रिपोर्ट में भूषण पासवान और अशोक पासवान का नाम सामने आया था लेकिन पुलिस ने इन दोनो को गिरफ्तार करने को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई. इसके बाद दोनों नक्सली सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर सरकारी सिस्टम के अंग बन गए. वहीं पुलिस फाइल में दोनों को फरार घोषित कर दिया गया था. फिलहाल स्थानीय लोग इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे है. लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपी बच कर निकल जाते हैं.

Motihari
अपराधियों को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस
Intro:पूर्वी चंपारण पुलिस के रजिस्टर में लापता घोषित हो चुका बैंक लूट का आरोपी एक नक्सली पुलिस के नाक के नीचे सरकारी शिक्षक बनकर बच्चो को पढ़ाता रहा।तो दूसरा आरोपी पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित होकर सरकारी योजनाओं को निपटा रहा था।इसे बिहार के सिस्टम की खामी कहें या जिला पुलिस की नाकामी।क्योंकि घटना के डेढ़ दशक बाद नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में दोनो पुलिस के हत्थे चढ़े है।गिरफ्तार दोनो आरोपी चिरैया थाना क्षेत्र के खड़तरी गांव के रहने वाले हैं।Body:नक्सल गतिविधियों के खिलाफ एएसपी अभियान के कार्रवाई में गिरफ्तार आरोपी भूषण पासवान और अशोक पासवान पर मधुबन में 23 जून 2005 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हुए लूट और बैंक गार्ड की हत्या कर उसका बंदूक लूटने का आरोप है।बैंक लूट की घटना के बाद पर्यवेक्षण रिपोर्ट में दोनो का नाम सामने आया था।गिरफ्तार भूषण पासवान का घटना के एक साल बाद बर्ष 2006 में खड़तरी मध्य विद्यालय में शिक्षक के रुप में नियोजन हो गया।थाना से महज चंद कदम की दुरी पर स्थित गांव में वह बच्चों को पढ़ाता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।तो दूसरी ओर अशोक पासवान बर्ष 2016 में खड़तरी पंचायत का पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हो गया और अधिकारियों के साथ होने वालें बैंठकों में वह शामिल होता रहा।आश्चर्य की बात है कि ये दोनों पुलिस के नाक के नीचे अपना काम करते रहे।लेकिन पुलिस ने अपने रजिस्टर में इन्हे फरार घोषित कर रखा था।Conclusion:दरअसल,23 जून 2005 को एसबीआई मधुबन शाखा में नक्सलियों ने धावा बोलकर एक लाख उन्नचालिस हजार आठ सौ नवासी रुपया लूट लिया था।साथ हीं बैंक गार्ड की हत्या कर उसके दोनाली बंदूक और कारतूस को भी लूट लिया था।इसके अलावा बैंक के कम्प्यूटर को नक्सलियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।जिस घटना के जांच के दौरान पर्यवेक्षण रिपोर्ट में भूषण पासवान और अशोक पासवान का नाम सामने आया था।लेकिन पुलिस ने इन दोनो को गिरफ्तार करने को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई और दोनो नक्सली सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर सरकारी सिस्टम के अंग बन गए।जबकि पुलिस फाईल में दोनों फरार घोषित हो गए थे।बहरहाल,पुलिस की कार्यशैली पर हमेशा हीं अंगुलियां उठती रही है।जिसमें कुछ-ना-कुछ हकीकत तो होती हीं हैं।जिसका जीता जागता उदाहरण गिरफ्तार यह दोनो नक्सली है।जो पुलिस के नाक के नीचे "व्यवस्था" की खामियों का फायदा उठा रहे थे।
बाईट....एचएस गौरव.....एएसपी अभियान
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