मोतिहारी: कोरोना से बचाव को लेकर पूरे देश में शनिवार को एक साथ कोविड वैक्सीनेशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. पूर्वी चंपारण जिला में निर्धारित 11 केंद्रों पर पहले दिन कुल 607 सरकारी और प्राईवेट स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका दिया गया. जबकि प्रति टीका केंद्र के हिसाब से 1100 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य निर्धारित था. सदर अस्पताल और आठ पीएचसी समेत दो प्राईवेट अस्पताल में एक साथ वैक्सीनेशन का कार्य शुरु हुआ. कई पीएचसी में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चारण के बीच वैक्सीनेशन शुरु हुआ. जिले में पहले दिन वैक्सीनेशन का प्रतिशत 55.18 के करीब रहा.
पहले डोज के 45 दिनों बाद शरीर में बनेगा एंटीबॉडी
सीएस डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि टीकाकरण के बाद टीका लेने वाले किसी भी स्वास्थ्यकर्मी में कोई साईड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. टीका लेने के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी आधा घंटा तक निगरानी में थे. उन्होंने बताया कि पहले डोज के 28 वें दिन दुसरा डोज पड़ेगा. सिविल सर्जन के अनुसार पहले वैक्सीनेशन के 45 दिनों बाद शरीर में एंडीबॉडी बनेगा. इसलिए टीका लेने वाले लोगों को 45 दिनों तक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
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11 केंद्रों पर 607 स्वास्थ्यकर्मियों का हुआ वैक्सीनेशन
जिला में 11 चयनित केंद्रों पर कुल 607 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का वैक्सिन दिया गया. सदर अस्पताल में 63, पकड़ीदयाल पीएचसी में 56, अरेराज पीएचसी में 76, चकिया पीएचसी में 53, ढ़ाका पीएचसी में 50, हरसिद्धि पीएचसी में 30, रक्सौल पीएचसी में 60, मधुबन पीएचसी में 47 और पताही पीएचसी में 79 स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन हुआ. वहीं, जिले में दो निजी अस्पताल शरण नर्सिंग होम मोतिहारी में 68 और एसआरपी रक्सौल में 25 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ.