ETV Bharat / state

दरभंगा: स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब, दो चिकित्सकों के भरोसे सीएचसी अस्पताल - darbhanga hospital

हनुमान नगर सीएचसी परदरभंगा जिले की एक बड़ी आबादी निर्भर है. लेकिन यहां डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी कमी है. इसके अलावा इस सीएचसी में जरूरत के अनुसार दवाएं उपलब्ध नहीं है. सीएचसी की बदहाली से सिर्फ यहां के डॉक्टर और कर्मी ही परेशान नहीं हैं, बल्कि यहां के आम लोगों में भी रोष देखने को मिल रहा है. देखें यह स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट.

darbhanga
स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब.
author img

By

Published : Jan 10, 2021, 7:14 AM IST

Updated : Jan 11, 2021, 2:30 PM IST

दरभंगा: बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण स्तर पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसका पूरा लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसका एक बड़ा उदाहरण दरभंगा जिले का हनुमान नगर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) है. सरकार ने यहां करोड़ों रुपए की लागत से 4 मंजिला सीएचसी भवन बनाया है. कहने को तो इस भवन को सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है लेकिन ग्राउंड पर जब ईटीवी भारत ने इस कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का जायजा लिया तो स्थिति कुछ और ही नजर आई.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट
हनुमान नगर सीएचसी पर न सिर्फ दरभंगा जिले के हनुमान नगर प्रखंड बल्कि समस्तीपुर जिले के सीमावर्ती कल्याणपुर प्रखंड की एक बड़ी आबादी भी निर्भर है. लेकिन यहां डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी कमी देखने को मिल रही है. सीएचसी में जरूरत के अनुसार दवाएं तक उपलब्ध नहीं है. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने हनुमान नगर सीएचसी पहुंच कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया. देखें यह स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट.

स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब

''पूरा अस्पताल 3 डॉक्टर मिलकर चलाते हैं. यहां एक ही एंबुलेंस है जबकि इतनी बड़ी आबादी के लिए ज्यादा एंबुलेंस की जरूरत है. इस अस्पताल की कोई चहारदीवारी नहीं है, जिसकी वजह से यहां सुरक्षा की कारगर व्यवस्था भी नहीं है. यहां हर दिन 100 से ज्यादा मरीज केवल ओपीडी में आते हैं''.- डॉ. वसंत कुमार महतो, सीएचसी में तैनात चिकित्सक

''यहां 3 एमबीबीएस डॉक्टर के पद हैं लेकिन दो ही कार्यरत हैं. यहां 2 स्टाफ नर्स की जरूरत है जिनमें से एक भी कार्यरत नहीं है. इस सीएचसी में ड्रेसर नहीं है, साथ ही महिला और पुरुष वार्ड अटेंडेंट भी नहीं है''.- जमील अहमद,सीएचसी के हेल्थ मैनेजर

''जिन दवाओं की अस्पताल में जरूरत है उनमें से कई यहां उपलब्ध नहीं हैं. यहां मरीज आते हैं लेकिन उन्हें दवाएं नहीं मिल पाती है. यहां ऐसी दवाएं सप्लाई की जाती हैं जिनकी एक्सपायरी डेट अगले एक-दो महीने बाद ही है. ऐसे में वे दवाएं जल्द एक्सपायर हो जाती हैं और पूरी की पूरी बेकार चली जाती है. हमलोग विभाग से मांग करते हैं कि यहां जरूरी दवाएं आपूर्ति की जाए. साथ ही तुरंत एक्सपायर होने वाली दवाएं ना भेजी जाए''- मृत्युंजय कुमार, सीएचसी के फर्मासिस्ट

''इस सीएचसी की व्यवस्था काफी खराब है. यहां रोगी कल्याण समिति की बैठक नहीं होती है जिससे स्थानीय लोग अपनी समस्याएं या शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं. यहां के चिकित्सक और कर्मी चौथी मंजिल पर अपना कार्यालय रखे हुए थे. हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आकर इन्हें नीचे शिफ्ट कराया है तब जाकर लोग डॉक्टर से मिल पाते हैं. इतने बड़े अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है और दवाएं भी पूरी तरह से नहीं मिल पाती हैं. मरीजों को भोजन भी ढ़ंग से नहीं मिल पाता है. स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था सुधारने की जरूरत है''.- गणेश झा, निवासी

''हनुमान नगर प्रखंड बाढ़ ग्रस्त इलाका है. इस सीएचसी पर एक बड़ी आबादी निर्भर करती है. हनुमान नगर सीएचसी में इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है. एक तो डॉक्टरों की कमी है लेकिन जो डॉक्टर हैं वे भी यहां से गायब रहते हैं. इसी वजह से यहां मरीजों को खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी होती है. हनुमान नगर सीएचसी को मेटरनिटी सेंटर बनाया गया है लेकिन यहां महिलाओं के लिए कोई अच्छी महिला डॉक्टर नहीं है. सरकार से यह मांग की कि हनुमान नगर सीएससी में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और यह सभी जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं''. -राजीव चौधरी, जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष

हनुमान नगर प्रखंड के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के सीएचसी में चिकित्सक, नर्स और संसाधनों की घोर कमी से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर की कमी से मरीजों का सही से इलाज भी नहीं हो पा रहा है. प्रतिदिन आनेवाले मरीजों की देखभाल सही ढंग से नहीं हो पा रही है. इससे साफ पता चल रहा है कि प्रशासण लोगों के स्वास्थय को लेकर कितनी लापरवाह है.

दरभंगा: बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण स्तर पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसका पूरा लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसका एक बड़ा उदाहरण दरभंगा जिले का हनुमान नगर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) है. सरकार ने यहां करोड़ों रुपए की लागत से 4 मंजिला सीएचसी भवन बनाया है. कहने को तो इस भवन को सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है लेकिन ग्राउंड पर जब ईटीवी भारत ने इस कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का जायजा लिया तो स्थिति कुछ और ही नजर आई.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट
हनुमान नगर सीएचसी पर न सिर्फ दरभंगा जिले के हनुमान नगर प्रखंड बल्कि समस्तीपुर जिले के सीमावर्ती कल्याणपुर प्रखंड की एक बड़ी आबादी भी निर्भर है. लेकिन यहां डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी कमी देखने को मिल रही है. सीएचसी में जरूरत के अनुसार दवाएं तक उपलब्ध नहीं है. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने हनुमान नगर सीएचसी पहुंच कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया. देखें यह स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट.

स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब

''पूरा अस्पताल 3 डॉक्टर मिलकर चलाते हैं. यहां एक ही एंबुलेंस है जबकि इतनी बड़ी आबादी के लिए ज्यादा एंबुलेंस की जरूरत है. इस अस्पताल की कोई चहारदीवारी नहीं है, जिसकी वजह से यहां सुरक्षा की कारगर व्यवस्था भी नहीं है. यहां हर दिन 100 से ज्यादा मरीज केवल ओपीडी में आते हैं''.- डॉ. वसंत कुमार महतो, सीएचसी में तैनात चिकित्सक

''यहां 3 एमबीबीएस डॉक्टर के पद हैं लेकिन दो ही कार्यरत हैं. यहां 2 स्टाफ नर्स की जरूरत है जिनमें से एक भी कार्यरत नहीं है. इस सीएचसी में ड्रेसर नहीं है, साथ ही महिला और पुरुष वार्ड अटेंडेंट भी नहीं है''.- जमील अहमद,सीएचसी के हेल्थ मैनेजर

''जिन दवाओं की अस्पताल में जरूरत है उनमें से कई यहां उपलब्ध नहीं हैं. यहां मरीज आते हैं लेकिन उन्हें दवाएं नहीं मिल पाती है. यहां ऐसी दवाएं सप्लाई की जाती हैं जिनकी एक्सपायरी डेट अगले एक-दो महीने बाद ही है. ऐसे में वे दवाएं जल्द एक्सपायर हो जाती हैं और पूरी की पूरी बेकार चली जाती है. हमलोग विभाग से मांग करते हैं कि यहां जरूरी दवाएं आपूर्ति की जाए. साथ ही तुरंत एक्सपायर होने वाली दवाएं ना भेजी जाए''- मृत्युंजय कुमार, सीएचसी के फर्मासिस्ट

''इस सीएचसी की व्यवस्था काफी खराब है. यहां रोगी कल्याण समिति की बैठक नहीं होती है जिससे स्थानीय लोग अपनी समस्याएं या शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं. यहां के चिकित्सक और कर्मी चौथी मंजिल पर अपना कार्यालय रखे हुए थे. हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आकर इन्हें नीचे शिफ्ट कराया है तब जाकर लोग डॉक्टर से मिल पाते हैं. इतने बड़े अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है और दवाएं भी पूरी तरह से नहीं मिल पाती हैं. मरीजों को भोजन भी ढ़ंग से नहीं मिल पाता है. स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था सुधारने की जरूरत है''.- गणेश झा, निवासी

''हनुमान नगर प्रखंड बाढ़ ग्रस्त इलाका है. इस सीएचसी पर एक बड़ी आबादी निर्भर करती है. हनुमान नगर सीएचसी में इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है. एक तो डॉक्टरों की कमी है लेकिन जो डॉक्टर हैं वे भी यहां से गायब रहते हैं. इसी वजह से यहां मरीजों को खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी होती है. हनुमान नगर सीएचसी को मेटरनिटी सेंटर बनाया गया है लेकिन यहां महिलाओं के लिए कोई अच्छी महिला डॉक्टर नहीं है. सरकार से यह मांग की कि हनुमान नगर सीएससी में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और यह सभी जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं''. -राजीव चौधरी, जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष

हनुमान नगर प्रखंड के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के सीएचसी में चिकित्सक, नर्स और संसाधनों की घोर कमी से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर की कमी से मरीजों का सही से इलाज भी नहीं हो पा रहा है. प्रतिदिन आनेवाले मरीजों की देखभाल सही ढंग से नहीं हो पा रही है. इससे साफ पता चल रहा है कि प्रशासण लोगों के स्वास्थय को लेकर कितनी लापरवाह है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 2:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.