दरभंगा: तीन दिन पहले दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडल के हावीभौआड़ गांव में सेंसर लगे गिद्ध मिला था. बुधवार को एक और संदिग्ध गिद्ध मिला, जिसके पैर में टैग लगा हुआ (Vulture With Tag found in Darbhanga) था. ये गिद्ध अलीनगर प्रखंड के धमुआरा के चौर में मिला. जिसे लोगों ने पकड़कर वन विभाग को सौंपा दिया. लगातार संदिग्ध गिद्धों के पाए जाने से आशंकाओं का बाजार गर्म है. स्थानीय लोग इसे दुश्मन देश की साजिश से जोड़कर देख रहे हैं.
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'दुश्मन देश की साजिश तो नहीं': टैग लगे गिद्ध को मिथिला वन प्रमंडल कार्यालय में रखा गया है. एक सप्ताह में दूसरा संदिग्ध गिद्ध मिलने पर स्थानीय लोग तरह-तरह की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये दुश्मन की साजिश हो सकती है. हालांकि, तीन दिन पहले देखे गए संदिग्ध गिद्ध के पीठ पर किसी प्रकार का डिवाइस था. जबकि इस बार गिद्ध के पैर में टैग लगा हुआ है. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा. वन विभाग के अधिकारी मामले की मॉनिटरिंग करने की बात कह रहे हैं.
"गिद्धों की विलुप्त होती प्रजाति की मॉनिटरिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और टैग लगाया जाता है, ताकि उन पर नजर बनाये रखा जा सके. लेकिन लगता है कि भोजन नहीं मिल पाने और कमजोर होने के कारण गिद्ध गिर जा रहे हैं. ऐसा प्रतीत तो नहीं होता कि ये दुश्मन देश की साजिश है. फिर भी मामले की जांच चल रही है" - शशि प्रकाश, अंचल पदाधिकारी, बेनीपुर
वन विभाग को सौंपा गया गिद्ध: वन विभाग के अधिकारियों को भी गिद्धों के पीठ पर ट्रैकिंग डिवाइस या टैग लगे होने के विषय में स्पष्ट जानकारी नहीं है. वे सिर्फ जांच करने का बयान दोहरा रहे हैं. जबकि बेनीपुर के अंचल पदाधिकारी शशि प्रकाश का कहना है कि गिद्धों की विलुप्त होती प्रजाति की मॉनिटरिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और टैग लगाया जाता है, ताकि उन पर नजर बनाए रखा जा सके. लेकिन लगता है कि भोजन नहीं मिल पाने और कमजोर होने के कारण गिद्ध गिर जा रहे हैं. उन्होंने दुश्मन देश की साजिश होने के सवाल पर कहा कि ऐसा प्रतीत नहीं होता है. फिर भी मामले की छानबीन चल रही है.