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बाढ़ के पानी में बहा बागमती नदी पर बना चचरी पुल, कई गांवों का टेकटार बाजार से टूटा संपर्क - नाव चलाने की मांग

उप मुखिया ने बताया कि सरकार की तरफ से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. टूटे चचरी पुल की जगह पर नदी में नाव चलाने की मांग की गई है. जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.

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Published : Jul 13, 2020, 2:53 PM IST

दरभंगा (कोवटी) : नेपाल की तराई में हो रही भारी बारिश का असर जिले से होकर बहनेवाली नदियों पर दिखने लगा है. सोमवार को केवटी प्रखंड की कोठिया पंचायत के वाजितपुर गांव में बागमती नदी पर बना चचरी पुल बाढ़ के पानी में बह गया. जिससे वाजितपुर और कोठिया समेत आसपास के कई गांवों का सड़क संपर्क स्थानीय टेकटार बाजार और रेलवे स्टेशन से बाधित हो गया. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

नहीं मिली कोई मदद
कोठिया पंचायत के उप मुखिया लालू पासवान ने कहा कि चचरी पुल से होकर कई गांवों के लोग टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन और बस पकड़ने के लिए जाते थे. इसके बह जाने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि केवटी सीओ को इसकी जानकारी दे दी गई है. लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है.

देखें रिपोर्ट

नाव चलाने की मांग
उप मुखिया लालू पासवान ने कहा कि सरकार की तरफ से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. टूटे चचरी पुल की जगह पर नदी में नाव चलाने की मांग की गई है. जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.

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टूटा चचरी पुल

चचरी पुल है जीवन रेखा
बता दें कि इसके पहले धौंस नदी पर बना चचरी पुल भी बाढ़ के पानी में बह गया था. जिसके कारण आसपास के 20-25 गांवों का संपर्क टेकटार बाजार से कट गया था. छोटी-छोटी नदियों पर बने चचरी पुल ही इस इलाके की जीवन रेखा है. बाढ़ की वजह से इनके ध्वस्त हो जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस इलाके में नावों की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.

दरभंगा (कोवटी) : नेपाल की तराई में हो रही भारी बारिश का असर जिले से होकर बहनेवाली नदियों पर दिखने लगा है. सोमवार को केवटी प्रखंड की कोठिया पंचायत के वाजितपुर गांव में बागमती नदी पर बना चचरी पुल बाढ़ के पानी में बह गया. जिससे वाजितपुर और कोठिया समेत आसपास के कई गांवों का सड़क संपर्क स्थानीय टेकटार बाजार और रेलवे स्टेशन से बाधित हो गया. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

नहीं मिली कोई मदद
कोठिया पंचायत के उप मुखिया लालू पासवान ने कहा कि चचरी पुल से होकर कई गांवों के लोग टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन और बस पकड़ने के लिए जाते थे. इसके बह जाने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि केवटी सीओ को इसकी जानकारी दे दी गई है. लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है.

देखें रिपोर्ट

नाव चलाने की मांग
उप मुखिया लालू पासवान ने कहा कि सरकार की तरफ से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. टूटे चचरी पुल की जगह पर नदी में नाव चलाने की मांग की गई है. जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.

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टूटा चचरी पुल

चचरी पुल है जीवन रेखा
बता दें कि इसके पहले धौंस नदी पर बना चचरी पुल भी बाढ़ के पानी में बह गया था. जिसके कारण आसपास के 20-25 गांवों का संपर्क टेकटार बाजार से कट गया था. छोटी-छोटी नदियों पर बने चचरी पुल ही इस इलाके की जीवन रेखा है. बाढ़ की वजह से इनके ध्वस्त हो जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस इलाके में नावों की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.

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