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Odisha Train Accident : '15 सेकेंड में सब कुछ खत्म हो गया'.. यात्री ने बताई ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती

Balasore Train Accident ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में बिहार के दरभंगा जिले के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के मनयारी गांव के दो युवकों की मौत हो गई है. इसके अलावा दरभंगा शहर के लहेरियासराय थाना क्षेत्र के अललपट्टी मोहल्ला के रहने वाले एक युवक की भी मौत हो गई है. वहीं ट्रेन हादसे में सुरक्षित बचे लोगों ने आपबीती बताई. पढ़ें पूरी खबर..

ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती
ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती
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Published : Jun 5, 2023, 3:56 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 7:54 PM IST

ओडिशा ट्रेन हादसे की आपबीती

दरभंगा: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल दुर्घटना में 270 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. अभी भी बहुत से लोग अस्पतालों मे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण ट्रेन हादसे में कई लोग ऐसे भी हैं, जो सही सलामत अपने घर पहुंच चुके है. बालासोर रेल हादसे में दरभंगा जिले के घायलों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिल रही है. जिनमें बहादुरपुर प्रखंड के मनियारी गांव के अखिलेश, बौवा सहनी और अल्लपट्टी निवासी विनोद यादव शामिल हैं. मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार के सदस्य मृतकों की पहचान के लिए ओडिशा रवाना हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Odisha Train Tragedy: बालासोर रेल हादसे में लापता है समस्तीपुर का एक युवक, घायलों का चल रहा है इलाज

ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती : रेल हादसे में घायल होकर लौटे बिरौल अनुमंडल के नारायणपुर गांव के शिवेश पासवान, सुभाष पासवान और संजय महतो ने बताया कि वह 9 लोगों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस के S2 कोच से चेन्नई जा रहे थे. जिसमें रामप्रकाश पासवान के पुत्र शिवेश पासवान, रामदेव पासवान के पुत्र गोविंद पासवान, विनोद पासवान के पुत्र विक्रम पासवान, राजू पासवान के पुत्र सुधीर कुमार, श्रवण पासवान के पुत्र चंदन पासवान, महेंद्र मुखिया के पुत्र सूरज मुखिया, रामकिशुन मुखिया के पुत्र बाबूसाहब मुखिया, मुसन मुखिया के पुत्र संजय मुखिया, उदेश्वर पासवान के पुत्र सुभाष पासवान शामिल हैं.

लोगों ने बोगी का शीशा तोड़कर बाहर निकाला: घायल शिवेश पासवान ने बताया कि तेज आवाज के साथ इनकी कोच दूसरे कोच के ऊपर चढ़ गया. जिसके कारण हमलोग काफी देर तक अंदर ही फंसे रहे. जिसके बाद स्थानीय लोगों के सहयोग से S2 बोगी का शीशा तोड़कर हम लोगों को सीढ़ी के सहारे नीचे उतारा गया. वहीं उन्होंने बताया कि बोगियों में टूटे हुए कांच से कई लोगो का हाथ पैर भी कट गया. वहां पर प्राथमिक इलाज के बाद सरकारी व्यवस्था पर हम लोगों को घर पहुंचाया गया है. जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त वहां का माहौल काफी भयावह था. लोग पानी-पानी चिल्ला रहे थे. स्थानीय लोगों के आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

"पांच सेकेंड में सभी यात्री गिर गये. उस समय मैं बाथरूम गया था. मैं उसी में फंस गया. 20 मिनट तक बाथरूम में दब हुआ था. करीब एक घंटे के बाद आसपास के लोगों से रस्सी बांधकर उतारा." - संजय महतो, घायल यात्री

"सात बजे के आसपास सीट पर बैठा था. लगा कि भूकंप आ गया. तभी ट्रेन की चार-पांच बोगी हम लोगों के ऊपर चढ़ गया." -सुभाष पासवान, घायल यात्री

"जब हादसा हुआ उस समय हमलोग खाने की तैयारी में थे. तभी जोर का झटका लगा. उसके बाद हमलोग ट्रेन का रॉड पकड़ कर बैठ गया. पानी-पानी मांगने की चीख पुकार मच गई. हमलोगों का बोगी दूसरे बोगी के ऊपर चढ़ गया था." - शिवेश पासवान, घायल यात्री

उफरदाहा गांव के चार युवक घायल: इस भीषण हादसे में जिले के बहेड़ा थाना क्षेत्र के उफरदाहा गांव के चार युवक भी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार होकर रोजी रोजगार के लिए ओडिशा से चेन्नई जा रहे थे. उसी क्रम में रेल हादसा हो गया. जिसमे चार युवक घयल हो गई. घायल में विष्णुदेव लाल देव के पुत्र संजय लालदेव, दयाराम यादव के पुत्र राकेश यादव, बतहू पासवान के पुत्र सतो पासवान एवं विक्रम पासवान एक ही साथ S1 कोच के 74 ,75 एवं 76,77 नंबर बर्थ पर यात्रा कर रहे थे. इस हादसे में इन लोगों के हाथ पैर में चोट लगी है.

'अचानक आवाज आई.. और सबकुछ बिखर गया' : घायल संजय लाल देव ने बताया कि नाश्ता कर सभी लोग आराम से बैठे थे. करीब सात बजे अचानक जोरदार धक्का और आवाज हुई और इतने में सब कुछ बिखर गया. उन्होंने कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है जो हम लोग बच गए. जिस बोगी में हमलोग सवार थे उसका आधा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था. दुर्घटना होते ही रेलवे, स्थानीय प्रशासन एवं ग्रामीणों ने घायलों की मदद की. वहीं उन्होंने बताया कि इस हादसा में राकेश यादव के दोनों पांव टूट गया. जिनका इलाज कोलकता के पीजी अस्पताल में चल रहा है.

"सरकार के द्वारा जारी सूची में नारायणपुर गांव के 9 लोगों के घायल होने की सूची प्राप्त हुई है. सूचना प्राप्त होने के बाद सभी घायलों को रविवार रात मधुबनी जिला के अररिया संग्राम से रिसीव कर उनके घर पहुंचा दिया गया है." - विमल कुमार कर्ण, अंचलाधिकारी, बिरौल

ओडिशा ट्रेन हादसे की आपबीती

दरभंगा: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल दुर्घटना में 270 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. अभी भी बहुत से लोग अस्पतालों मे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण ट्रेन हादसे में कई लोग ऐसे भी हैं, जो सही सलामत अपने घर पहुंच चुके है. बालासोर रेल हादसे में दरभंगा जिले के घायलों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिल रही है. जिनमें बहादुरपुर प्रखंड के मनियारी गांव के अखिलेश, बौवा सहनी और अल्लपट्टी निवासी विनोद यादव शामिल हैं. मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार के सदस्य मृतकों की पहचान के लिए ओडिशा रवाना हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Odisha Train Tragedy: बालासोर रेल हादसे में लापता है समस्तीपुर का एक युवक, घायलों का चल रहा है इलाज

ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती : रेल हादसे में घायल होकर लौटे बिरौल अनुमंडल के नारायणपुर गांव के शिवेश पासवान, सुभाष पासवान और संजय महतो ने बताया कि वह 9 लोगों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस के S2 कोच से चेन्नई जा रहे थे. जिसमें रामप्रकाश पासवान के पुत्र शिवेश पासवान, रामदेव पासवान के पुत्र गोविंद पासवान, विनोद पासवान के पुत्र विक्रम पासवान, राजू पासवान के पुत्र सुधीर कुमार, श्रवण पासवान के पुत्र चंदन पासवान, महेंद्र मुखिया के पुत्र सूरज मुखिया, रामकिशुन मुखिया के पुत्र बाबूसाहब मुखिया, मुसन मुखिया के पुत्र संजय मुखिया, उदेश्वर पासवान के पुत्र सुभाष पासवान शामिल हैं.

लोगों ने बोगी का शीशा तोड़कर बाहर निकाला: घायल शिवेश पासवान ने बताया कि तेज आवाज के साथ इनकी कोच दूसरे कोच के ऊपर चढ़ गया. जिसके कारण हमलोग काफी देर तक अंदर ही फंसे रहे. जिसके बाद स्थानीय लोगों के सहयोग से S2 बोगी का शीशा तोड़कर हम लोगों को सीढ़ी के सहारे नीचे उतारा गया. वहीं उन्होंने बताया कि बोगियों में टूटे हुए कांच से कई लोगो का हाथ पैर भी कट गया. वहां पर प्राथमिक इलाज के बाद सरकारी व्यवस्था पर हम लोगों को घर पहुंचाया गया है. जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त वहां का माहौल काफी भयावह था. लोग पानी-पानी चिल्ला रहे थे. स्थानीय लोगों के आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

"पांच सेकेंड में सभी यात्री गिर गये. उस समय मैं बाथरूम गया था. मैं उसी में फंस गया. 20 मिनट तक बाथरूम में दब हुआ था. करीब एक घंटे के बाद आसपास के लोगों से रस्सी बांधकर उतारा." - संजय महतो, घायल यात्री

"सात बजे के आसपास सीट पर बैठा था. लगा कि भूकंप आ गया. तभी ट्रेन की चार-पांच बोगी हम लोगों के ऊपर चढ़ गया." -सुभाष पासवान, घायल यात्री

"जब हादसा हुआ उस समय हमलोग खाने की तैयारी में थे. तभी जोर का झटका लगा. उसके बाद हमलोग ट्रेन का रॉड पकड़ कर बैठ गया. पानी-पानी मांगने की चीख पुकार मच गई. हमलोगों का बोगी दूसरे बोगी के ऊपर चढ़ गया था." - शिवेश पासवान, घायल यात्री

उफरदाहा गांव के चार युवक घायल: इस भीषण हादसे में जिले के बहेड़ा थाना क्षेत्र के उफरदाहा गांव के चार युवक भी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार होकर रोजी रोजगार के लिए ओडिशा से चेन्नई जा रहे थे. उसी क्रम में रेल हादसा हो गया. जिसमे चार युवक घयल हो गई. घायल में विष्णुदेव लाल देव के पुत्र संजय लालदेव, दयाराम यादव के पुत्र राकेश यादव, बतहू पासवान के पुत्र सतो पासवान एवं विक्रम पासवान एक ही साथ S1 कोच के 74 ,75 एवं 76,77 नंबर बर्थ पर यात्रा कर रहे थे. इस हादसे में इन लोगों के हाथ पैर में चोट लगी है.

'अचानक आवाज आई.. और सबकुछ बिखर गया' : घायल संजय लाल देव ने बताया कि नाश्ता कर सभी लोग आराम से बैठे थे. करीब सात बजे अचानक जोरदार धक्का और आवाज हुई और इतने में सब कुछ बिखर गया. उन्होंने कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है जो हम लोग बच गए. जिस बोगी में हमलोग सवार थे उसका आधा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था. दुर्घटना होते ही रेलवे, स्थानीय प्रशासन एवं ग्रामीणों ने घायलों की मदद की. वहीं उन्होंने बताया कि इस हादसा में राकेश यादव के दोनों पांव टूट गया. जिनका इलाज कोलकता के पीजी अस्पताल में चल रहा है.

"सरकार के द्वारा जारी सूची में नारायणपुर गांव के 9 लोगों के घायल होने की सूची प्राप्त हुई है. सूचना प्राप्त होने के बाद सभी घायलों को रविवार रात मधुबनी जिला के अररिया संग्राम से रिसीव कर उनके घर पहुंचा दिया गया है." - विमल कुमार कर्ण, अंचलाधिकारी, बिरौल

Last Updated : Jun 5, 2023, 7:54 PM IST
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