दरभंगा: बिहार का ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University Darbhanga) छात्रों के साथ होने वाली गड़बड़ियों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है. इस बार भी स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा देने वाले करीब डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं का रिजल्ट पेंडिंग (student protest for pending result in LNMU) रह गया है. जिसकी वजह से पीजी में उनका नामांकन न तो अपने विश्वविद्यालय और न ही किसी दूसरे विश्वविद्यालय में हो सका है. इससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है. इससे छात्रों में भारी आक्रोश है.
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रिजल्ट पेंडिंग होने से विद्यार्थियों में गुस्सा: विश्वविद्यालय ने स्नातक तृतीय वर्ष का रिजल्ट दिसंबर 2021 में घोषित किया था लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक छात्रों का पेंडिंग रिजल्ट क्लियर नहीं हो सका है. ये छात्र-छात्राएं दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय जिलों के हैं, जो हर दिन विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का इस आस में चक्कर लगा रहे हैं कि उनका रिजल्ट आ जाएगा. लेकिन विश्वविद्यालय लगातार उन्हें टरका रहा है. इसको लेकर शनिवार को विभिन्न जिलों से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने परीक्षा विभाग के कार्यालय के सामने आक्रोश जताया.
क्या कहना है छात्रा का: बेगूसराय से आई एक छात्रा मीनाक्षी ने कहा कि 'विश्वविद्यालय ने दिसंबर 2021 में स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट घोषित किया था. उस रिजल्ट में काफी गड़बड़ियां थीं. सबसे ज्यादा गड़बड़ी साइंस के रिजल्ट में थी जिसको लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय में रि वैल्यूएशन का आवेदन दिया था. अब छात्र बार-बार अपने रिजल्ट के लिए दौड़ रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय उनका रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर रहा है. विश्वविद्यालय उन्हें डाटा सेंटर के पास भेज देता है और डाटा सेंटर उन्हें विश्वविद्यालय के पास वापस लौटा देता है. इस वजह से न तो एलएनएमयू और न ही किसी दूसरे विश्वविद्यालय में पीजी में हमारा नामांकन हो पाया है.'
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एलएनएमयू के परीक्षा नियंत्रक ने कही ये बात: उधर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद मोहन झा ने कहा कि करीब डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं ने कॉपी के रि वैल्यूएशन का आवेदन दिया था. उनकी कॉपी दोबारा जांच दी गई है और विशेषज्ञों का कमेंट भी आ गया है. डाटा सेंटर को उनकी कॉपियां उपलब्ध करा दी गई हैं और अब वहां से इनका रिजल्ट वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया जाएगा.
बता दें कि एलएनएमयू में इस तरह का यह पहला मामला प्रकाश में नहीं आया है. बल्कि इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. दिसंबर में बिहार के दरभंगा जिले के ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय (Lalit Narayan Mithila University Darbhanga) और डेटा सेंटर की लापरवाही की वजह से 85 हजार छात्रों को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी थी. हाईकोर्ट (Patna HighCourt ) के एक आदेश के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर के करीब 85 हजार छात्रों के करीब 3 महीने से लटके परीक्षा परिणाम के प्रकाशन का रास्ता साफ हुआ था.
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