दरभंगा: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी सोमवार को दरभंगा पहुंचे. यहां के सर्किट हाउस में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. मांझी ने मीडिया से बात करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को दलित विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को दलितों के आरक्षण से कोई मतलब नहीं है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि 9 महीने के लिए मांझी मुख्यमंत्री बने थे, तो बिहार ही नहीं पूरे देश में चर्चित हो गए थे. इसके लिए वे नीतीश जी को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने उनकी सरकार को गिराने के लिए नीतीश कुमार के साथ मिल कर एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था. वे उसके लिए राजभवन और राष्ट्रपति भवन तक चले गए थे. एक दलित को मौका मिला था, लेकिन वे उनके हितैषी नहीं हुए. और उनकी सरकार गिरा दी गई. मांझी राजद के साथ गए जरूर थे, लेकिन अब तक उनकी वही दलित विरोधी मानसिकता है, इसलिए उन्होंने राजद का साथ छोड़ दिया है.
बन सकता है तीसरा मोर्चा
मांझी ने कहा कि महागठबंधन छोड़ने के बाद वे कहां जाएंगे, अपना मोर्चा बनाएंगे, अकेले चुनाव लड़ेंगे या किसी गठबंधन के साथ जाएंगे. इसका निर्णय वे 30 अगस्त तक ले लेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाल में वे किसी भी दल या गठबंधन में अपनी पार्टी का विलय नहीं करेंगे. मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ कांग्रेस, बसपा, एनसीपी और ओवैसी की पार्टी लगातार संपर्क में हैं. वे लोग अभी एक साथ बैठे नहीं हैं इसलिए कोई निर्णय नहीं हुआ है. जब भी एक साथ बैठेंगे, किसी निर्णय पर पहुंच जाएंगे.