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दरभंगा: विजयादशमी पर आयोजित हुआ फुटबॉल टूर्नामेंट, 38 सालों से चली आ रही है परंपरा

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Published : Oct 9, 2019, 12:01 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 3:19 PM IST

कभी दरभंगा को फुटबॉल की नर्सरी माना जाता था. इस शहर में मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग जैसे क्लबों के खिलाड़ी खेलने आते थे. यहां हर साल दुर्गापूजा पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होता है.

फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन

दरभंगा: जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सुदूर स्थित हरिहरपुर गांव में विजयादशमी के मौके पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के फाइनल मैच में मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी और बेगूसराय की टीम ने चंद्रवाना स्पोर्टस क्लब नाहस और मधुबनी को 5-1 से हराकर खिताब पर कब्जा किया.

हरिहरपुर को सैनिकों का गांव भी कहा जाता है. कभी दरभंगा को फुटबॉल की नर्सरी माना जाता था. इस शहर में मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग जैसे क्लबों के खिलाड़ी खेलने आते थे, लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है. शहर में भले ही यह परंपरा खत्म हो गयी हो, लेकिन इस खेल संस्कृति को पिछले 38 साल से हरिहरपुर गांव ने जिंदा रखा है. यहां हर साल दुर्गापूजा पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होता है.

darbhanga
राज्य की 8 टीमों ने लिया था भाग

यहां 1981 से हो रहा है मैच
हरिहरपुर पूर्वी के सरपंच अब्दुल रजाक ने बताया कि मां जगदंबा ग्राउंड, हरिहरपुर उत्तर बिहार का एकमात्र ग्राउंड है. जिसे फुटबॉल मैच के लिये मेटेंन रखा जाता है. यहां दुर्गापूजा के अवसर पर 1981 से हर साल राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता होती है. उन्होंने बताया कि इस गांव के युवकों में फुटबॉल के साथ सैनिक बनकर देश की सेवा करने का जुनून सवार है. उन्होंने बताया कि इस ग्राउंड में प्रैक्टिस कर हर साल 10-12 नौजवान आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भर्ती होते हैं. इसलिए इसे जिले में सैनिकों का गांव भी कहा जाता है.

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ग्राउंड में सैकड़ों फुटबॉल प्रेमियों की उमड़ी भीड़

मां जगदंबा ग्राउंड में स्टेडियम बनाने की मांग
वहीं, प्रदेश भाजपा क्रीड़ा मंच के सह संयोजक हेमंत कुमार झा ने सरकार से इस ऐतिहासिक ग्राउंड में स्टेडियम बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हर प्रखंड में एक स्टेडियम बनाने की सरकार की योजना है, लेकिन स्टेडियम वहां बनना चाहिए जहां खेल के प्रति लोगों में उत्साह हो. लिहाजा हरिहरपुर के ग्राउंड में ही स्टेडियम बनना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

खिलाड़ियों ने की तारीफ
वहीं, विजेता टीम मिलान स्पोर्टस क्लब बरौनी के कप्तान मो. सरफराज आलम ने इस ग्राउंड और यहां के फुटबॉल प्रेमियों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने मैदान को मेंटेन करके रखा है. उत्तर बिहार में ऐसा कोई ग्राउंड नहीं है जिस पर इतनी अच्छी घास हो. वे पिछले तीन साल से यहां आ रहे हैं. हर साल यह मैदान और ज्यादा बेहतर होता जा रहा है.

राज्य की 8 टीमों ने लिया था भाग
बता दें कि, इस बार की प्रतियोगिता में राज्य की आठ टीमें शामिल हुई थीं. इनमें मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी, साइक्लोन फुटबॉल क्लब मधुबनी, मिथिला स्पोर्टस क्लब दरभंगा, यंग स्टार पटोरी, समस्तीपुर, एलेवन स्टार मोकामा, पटना, हरिहरपुर स्पोर्टस क्लब, दरभंगा, चंद्रवाना स्पोर्ट क्लब नाहस, मधुबनी और एनएससी किशनपुर की टीमों ने शिरकत की थी.

दरभंगा: जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सुदूर स्थित हरिहरपुर गांव में विजयादशमी के मौके पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के फाइनल मैच में मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी और बेगूसराय की टीम ने चंद्रवाना स्पोर्टस क्लब नाहस और मधुबनी को 5-1 से हराकर खिताब पर कब्जा किया.

हरिहरपुर को सैनिकों का गांव भी कहा जाता है. कभी दरभंगा को फुटबॉल की नर्सरी माना जाता था. इस शहर में मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग जैसे क्लबों के खिलाड़ी खेलने आते थे, लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है. शहर में भले ही यह परंपरा खत्म हो गयी हो, लेकिन इस खेल संस्कृति को पिछले 38 साल से हरिहरपुर गांव ने जिंदा रखा है. यहां हर साल दुर्गापूजा पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होता है.

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राज्य की 8 टीमों ने लिया था भाग

यहां 1981 से हो रहा है मैच
हरिहरपुर पूर्वी के सरपंच अब्दुल रजाक ने बताया कि मां जगदंबा ग्राउंड, हरिहरपुर उत्तर बिहार का एकमात्र ग्राउंड है. जिसे फुटबॉल मैच के लिये मेटेंन रखा जाता है. यहां दुर्गापूजा के अवसर पर 1981 से हर साल राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता होती है. उन्होंने बताया कि इस गांव के युवकों में फुटबॉल के साथ सैनिक बनकर देश की सेवा करने का जुनून सवार है. उन्होंने बताया कि इस ग्राउंड में प्रैक्टिस कर हर साल 10-12 नौजवान आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भर्ती होते हैं. इसलिए इसे जिले में सैनिकों का गांव भी कहा जाता है.

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ग्राउंड में सैकड़ों फुटबॉल प्रेमियों की उमड़ी भीड़

मां जगदंबा ग्राउंड में स्टेडियम बनाने की मांग
वहीं, प्रदेश भाजपा क्रीड़ा मंच के सह संयोजक हेमंत कुमार झा ने सरकार से इस ऐतिहासिक ग्राउंड में स्टेडियम बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हर प्रखंड में एक स्टेडियम बनाने की सरकार की योजना है, लेकिन स्टेडियम वहां बनना चाहिए जहां खेल के प्रति लोगों में उत्साह हो. लिहाजा हरिहरपुर के ग्राउंड में ही स्टेडियम बनना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

खिलाड़ियों ने की तारीफ
वहीं, विजेता टीम मिलान स्पोर्टस क्लब बरौनी के कप्तान मो. सरफराज आलम ने इस ग्राउंड और यहां के फुटबॉल प्रेमियों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने मैदान को मेंटेन करके रखा है. उत्तर बिहार में ऐसा कोई ग्राउंड नहीं है जिस पर इतनी अच्छी घास हो. वे पिछले तीन साल से यहां आ रहे हैं. हर साल यह मैदान और ज्यादा बेहतर होता जा रहा है.

राज्य की 8 टीमों ने लिया था भाग
बता दें कि, इस बार की प्रतियोगिता में राज्य की आठ टीमें शामिल हुई थीं. इनमें मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी, साइक्लोन फुटबॉल क्लब मधुबनी, मिथिला स्पोर्टस क्लब दरभंगा, यंग स्टार पटोरी, समस्तीपुर, एलेवन स्टार मोकामा, पटना, हरिहरपुर स्पोर्टस क्लब, दरभंगा, चंद्रवाना स्पोर्ट क्लब नाहस, मधुबनी और एनएससी किशनपुर की टीमों ने शिरकत की थी.

Intro:दरभंगा। बिहार में कभी दरभंगा राज को फुटबॉल की नर्सरी माना जाता था। इस शहर में मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडम स्पोर्टिंग जैसे क्लबों के देसी-विदेशी खिलाड़ी खेलने आते थे। अब यह सब नष्ट हो चुका है। शहर में भले ही यह परंपरा खत्म हो गयी हो लेकिन इस खेल संस्कृति को पिछले 38 साल से जिंदा रखा है जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सुदूर स्थित हरिहरपुर गांव ने। यहां हर साल दुर्गापूजा पर राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होता है। विजयदशमी को आयोजित प्रतियोगिता के फाइनल मैच में मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी, बेगूसराय की टीम ने चंद्रवाना स्पोर्टस क्लब, नाहस, मधुबनी को 5-1 से हराकर खिताब पर कब्जा किया। हरिहरपुर को सैनिकों का गांव भी कहा जाता है। इस गांव में फुटबॉल के खेल और सेना में भर्ती होकर देश की सेवा का जज्बा जुनून की तरह दिखता है। Body:हरिहरपुर पूर्वी के सरपंच अब्दुल रजाक ने बताया कि मां जगदंबा ग्राउंड, हरिहरपुर उत्तर बिहार का यह एकमात्र ग्राउंड है जिसे फुटबॉल के लायक घास लगाकर मेटेंन रखा जाता है। यहां दुर्गापूजा के अवसर पर 1981 से हर साल राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता होती है। उन्होंने बताया कि इस गांव के युवकों में फुटबॉल के साथ सैनिक बनकर देश सेवा में जाने का जुनून भी दिखता है। यहां का शायद ही कोई घर हो जिसमें कोई सैनिक न होे। उन्होंने बताया कि इसी ग्राउंड में प्रैक्टिस कर हर साल 10-12 नौजवान आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भर्ती होते हैं। इसलिए इसे जिले में सैनिकों का गांव भी कहा जाता है।

वहीं, प्रदेश भाजपा क्रीड़ा मंच के सह संयोजक हेमंत कुमार झा ने सरकार से इस ऐतिहासिक ग्राउंड में स्टेडियम बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हर प्रखंड में एक स्टेडियम बनाने की सरकार की योजना है, लेकिन स्टेडियम वहां बनना चाहिए जहां खेल के प्रति उत्साह हो। इस लिहाज से हरिहरपुर के ग्राउंड में ही स्टेडियम बनना चाहिए।

वहीं, विजेता टीम मिलान स्पोर्टस क्लब, बरौनी के कप्तान मो. सरफराज आलम ने इस ग्राउंड और यहां के फुटबॉल प्रेमियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों ने मैदान को मेंटेन करके रखा है। उत्तर बिहार में ऐसा कोई ग्राउंड नहीं है जिस पर इतनी अच्छी घास हो। उन्होंने देखा कि बारिश के पानी को भी तुरंत सुखा कर मैच शुरू करवाने की तकनीक यहां है। वे पिछले तीन साल से यहां आ रहे हैं। हर साल मैदान ज्यादा बेहतर होता जा रहा है। Conclusion:बता दें कि इस बार की प्रतियोगिता में राज्य की आठ टीमों मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी, साइक्लोन फुटबॉल क्लब मधुबनी, मिथिला स्पोर्टस क्लब दरभंगा, यंग स्टार पटोरी, समस्तीपुर, एलेवन स्टार मोकामा, पटना, हरिहरपुर स्पोर्टस क्लब, दरभंगा, चंद्रवाना स्पोर्ट क्लब नाहस, मधुबनी और एनएससी किशनपुर की टीमों ने शिरकत की थी।

बाइट 1- अब्दुल रजाक, सरपंच, हरिहरपुर पूर्वी
बाइट 2- हेमंत कुमार झा, सह संयोजक, प्रदेश भाजपा क्रीड़ा मंच
बाइट 3- मो. सरफराज आलम, कप्तान, मिलान स्पोर्टिंग क्लब बरौनी

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
Last Updated : Oct 9, 2019, 3:19 PM IST
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