दरभंगा: राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, नई दिल्ली की ओर से ललित नारायण मिथिला विवि के महाराजा कामेश्वर सिंह सामाजिक अध्ययन और शोध पुस्तकालय में पांडुलिपियों के संरक्षण-संवर्द्धन और डिजिटाइजेशन विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई. इसमें देश भर के चुने हुए संस्थानों के पुस्तकालय कर्मी शिरकत कर रहे हैं.
'तेजी से डिजिटल हो रहे हैं पुस्तकालय'
बनारस हिंदू विवि, वाराणसी से आए प्रतिभागी अजय सिंह ने कहा कि वे कार्यशाला में पांडुलिपियों के संरक्षण और संवर्द्धन की कला तो सीखेंगे ही, साथ ही डिजिटाइजेशन के बारे में जानने पर उनका विशेष जोर होगा, क्योंकि आज के समय में पुस्तकालय बड़ी तेजी से डिजिटल हो रहे हैं.
'प्रशिक्षण देने देश के जाने-माने कई विशेषज्ञ आए हैं'
वहीं, महाराजा कामेश्वर सिंह सामाजिक अध्ययन और शोध पुस्तकालय के निदेशक प्रो. भवेश्वर सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों को बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इसमें राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, नई दिल्ली की ओर से देश के जाने-माने कई विशेषज्ञ प्रशिक्षण देने के लिए आए हैं.