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दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर लगातार तीसरे दिन भी रेल परिचालन स्थगित, 16 ट्रेनें रद्द

दरभंगा में बाढ़ के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर दिन-प्रतिदिन पानी बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण कई ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Sep 2, 2021, 12:00 PM IST

दरभंगा: नेपाल की तराई में हो रही भारी बारिश की वजह से दरभंगा (Darbhanga) से होकर बहने वाली नदियां उफान पर हैं. इसकी वजह से एक बार फिर बाढ़ ने कई प्रखंडों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिससे रेल परिचालन भी प्रभावित हुआ है. दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड (Darbhanga-Samastipur Railway Line) पर बागमती नदी का पानी हायाघाट और थलवारा स्टेशनों के बीच बने पुराने पुल पर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. यह पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: VIDEO: दरभंगा- समस्तीपुर रेल पुल को छू रहा बाढ़ का पानी, 7 जोड़ी ट्रेन रद्द, कई ट्रेनों के रूट भी बदले

पुल पर पानी बढ़ने के कारण पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) ने 31 अगस्त से ट्रेनों का परिचालन बंद (Train Operation Stopped) कर दिया है. अब लगातार तीसरे दिन इस रेलखंड पर ट्रेनें नहीं चल रही हैं. इस इलाके की बड़ी आबादी के लिए ट्रेन ही आवागमन का एकमात्र सहारा है. अब इसके भी बंद हो जाने की वजह से लोगों को जिला मुख्यालय दरभंगा की 7 किलोमीटर की दूरी 30 किलोमीटर पैदल तय करनी पड़ रही है. यदि कोई बीमार जाता है, तो पैदल चलकर सड़क तक पहुंचना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा-समस्तीपुर SH 50 पर ढाई किमी में कटाव, शुरू हुआ मरम्मत कार्य

'ट्रेन बंद हो जाने से काफी परेशानी हो रही है. ट्रेन ही यहां की बड़ी आबादी के लिए एकमात्र सहारा है. अब अगर कोई इमरजेंसी काम हो या फिर कोई बीमार हो तो जिला मुख्यालय जाने के लिए पहले जो दूरी 7 किलोमीटर तय करनी पड़ती थी, अब वह बढ़कर 30 किलोमीटर हो गई है. उसमें भी कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है.' -रवि चौधरी, स्थानीय

देखें रिपोर्ट.

रेलवे ट्रैक पर पानी अब भी बढ़ रहा है. इसकी वजह से ये कहना मुश्किल हो रहा है कि ट्रेनों का परिचालन दोबारा कब शुरू किया जाएगा.
वहीं, स्थानीय चौकीदार रामबली पासवान ने कहा कि इस रेल रूट पर ट्रेनों पर ही लोग छोटा-मोटा व्यवसाय या मजदूरी करने जाते थे. अब इसके बंद हो जाने की वजह से लोगों की रोजी-रोटी मर गई है.

चौकीदार ने कहा कि पहले से ही कोरोना के कारण रोजी-रोजगार की स्थिति खराब है. वहीं, अब ट्रेन के बंद हो जाने से सब कुछ ठप पड़ गया है. उन्होंने कहा कि पानी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में ट्रेन फिर से कब शुरू होगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है. तब तक स्थानीय लोगों को ऐसे ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा.

'दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर हायाघाट और थलवारा के बीच सिंगल लाइन पर बने पुल संख्या-16 पर पानी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. इस रेलखंड के अप और डाउन रेल लाइन पर परिचालन स्थगित कर दिया गया है. दरभंगा से होकर समस्तीपुर होते हुए भागलपुर और पटना जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. साथ ही लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों को सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर होते हुए चलाया जा रहा है. कई ट्रेनों को सीमित कर दिया गया है. रेलवे हर पल स्थिति पर नजर रख रहा है और स्थिति सामान्य होने पर ट्रेनों का परिचालन बहाल कर दिया जाएगा.' -पुष्कर कुमार, डायरेक्टर ,दरभंगा रेलवे स्टेशन

बता दें कि इस वर्ष 2021 में अब तक के आंकड़ों के अनुसार बिहार में बाढ़ से लगभग 16 जिले प्रभावित हुए हैं. इसके साथ ही करोड़ों की आबादी समस्याओं का दंश झेल रही हैं. उत्तर बिहार में 76% आबादी बाढ़ के खतरे में रहती है. देश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 16.5% बिहार में है. उत्तर बिहार के जिले में मॉनसून के दौरान कम से कम पांच प्रमुख नदियों महानंदा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंडक लगभग हर साल बाढ़ लाती हैं. इसके अलावा दक्षिण बिहार भी पुनपुन और फल्गु नदी से बाढ़ की चपेट में आ जाता है.

दरभंगा: नेपाल की तराई में हो रही भारी बारिश की वजह से दरभंगा (Darbhanga) से होकर बहने वाली नदियां उफान पर हैं. इसकी वजह से एक बार फिर बाढ़ ने कई प्रखंडों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिससे रेल परिचालन भी प्रभावित हुआ है. दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड (Darbhanga-Samastipur Railway Line) पर बागमती नदी का पानी हायाघाट और थलवारा स्टेशनों के बीच बने पुराने पुल पर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. यह पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

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पुल पर पानी बढ़ने के कारण पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) ने 31 अगस्त से ट्रेनों का परिचालन बंद (Train Operation Stopped) कर दिया है. अब लगातार तीसरे दिन इस रेलखंड पर ट्रेनें नहीं चल रही हैं. इस इलाके की बड़ी आबादी के लिए ट्रेन ही आवागमन का एकमात्र सहारा है. अब इसके भी बंद हो जाने की वजह से लोगों को जिला मुख्यालय दरभंगा की 7 किलोमीटर की दूरी 30 किलोमीटर पैदल तय करनी पड़ रही है. यदि कोई बीमार जाता है, तो पैदल चलकर सड़क तक पहुंचना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा-समस्तीपुर SH 50 पर ढाई किमी में कटाव, शुरू हुआ मरम्मत कार्य

'ट्रेन बंद हो जाने से काफी परेशानी हो रही है. ट्रेन ही यहां की बड़ी आबादी के लिए एकमात्र सहारा है. अब अगर कोई इमरजेंसी काम हो या फिर कोई बीमार हो तो जिला मुख्यालय जाने के लिए पहले जो दूरी 7 किलोमीटर तय करनी पड़ती थी, अब वह बढ़कर 30 किलोमीटर हो गई है. उसमें भी कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है.' -रवि चौधरी, स्थानीय

देखें रिपोर्ट.

रेलवे ट्रैक पर पानी अब भी बढ़ रहा है. इसकी वजह से ये कहना मुश्किल हो रहा है कि ट्रेनों का परिचालन दोबारा कब शुरू किया जाएगा.
वहीं, स्थानीय चौकीदार रामबली पासवान ने कहा कि इस रेल रूट पर ट्रेनों पर ही लोग छोटा-मोटा व्यवसाय या मजदूरी करने जाते थे. अब इसके बंद हो जाने की वजह से लोगों की रोजी-रोटी मर गई है.

चौकीदार ने कहा कि पहले से ही कोरोना के कारण रोजी-रोजगार की स्थिति खराब है. वहीं, अब ट्रेन के बंद हो जाने से सब कुछ ठप पड़ गया है. उन्होंने कहा कि पानी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में ट्रेन फिर से कब शुरू होगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है. तब तक स्थानीय लोगों को ऐसे ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा.

'दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर हायाघाट और थलवारा के बीच सिंगल लाइन पर बने पुल संख्या-16 पर पानी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. इस रेलखंड के अप और डाउन रेल लाइन पर परिचालन स्थगित कर दिया गया है. दरभंगा से होकर समस्तीपुर होते हुए भागलपुर और पटना जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. साथ ही लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों को सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर होते हुए चलाया जा रहा है. कई ट्रेनों को सीमित कर दिया गया है. रेलवे हर पल स्थिति पर नजर रख रहा है और स्थिति सामान्य होने पर ट्रेनों का परिचालन बहाल कर दिया जाएगा.' -पुष्कर कुमार, डायरेक्टर ,दरभंगा रेलवे स्टेशन

बता दें कि इस वर्ष 2021 में अब तक के आंकड़ों के अनुसार बिहार में बाढ़ से लगभग 16 जिले प्रभावित हुए हैं. इसके साथ ही करोड़ों की आबादी समस्याओं का दंश झेल रही हैं. उत्तर बिहार में 76% आबादी बाढ़ के खतरे में रहती है. देश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 16.5% बिहार में है. उत्तर बिहार के जिले में मॉनसून के दौरान कम से कम पांच प्रमुख नदियों महानंदा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंडक लगभग हर साल बाढ़ लाती हैं. इसके अलावा दक्षिण बिहार भी पुनपुन और फल्गु नदी से बाढ़ की चपेट में आ जाता है.

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