ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्ट: दरभंगा के हायाघाट में बाढ़ की स्थिति विकराल, जिंदगी बचाने की जद्दोजहद जारी - सिरिनिया महादलित टोले

बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार की हायाघाट प्रंखड में बाढ़ की स्थिति पर देखें ये खास रिपोर्ट...

darbhanga
darbhanga
author img

By

Published : Aug 4, 2020, 2:21 PM IST

दरभंगाः ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिले के 18 में से 15 प्रखंडों की 196 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. हमारे संवाददाता जब सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में से एक हायाघाट के एक गांव पहुंचे तो वहां की तस्वीर पानी से जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों के दर्द को बयां करती नजर आई.

नाव के सहारे चल रही जिंदगी
मल्ही पट्टी दक्षिणी पंचायत के सिरिनिया महादलित टोले के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिरे हुए हैं. उनकी झोपड़ियां पानी में समा चुकी हैं. लोग भोजन, पानी और पशुओं के चारे के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां नाव के सहारे जिंदगी चल रही है. लोगों का आरोप है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अब तक उन्हें पूछने नहीं आया है.

देखें रिपोर्ट

नहीं मिल रही कोई मदद
महादलित टोले के रूदल राम ने बताया कि गांव में उनका घर पानी में डूब गया है. लोग रोड पर प्लास्टिक शीट तान कर रह रहे हैं. यहां जो लोग फंसे हुए हैं उनके लिए रोड पर से भोजन और पानी लाना पड़ता है. काफी तकलीफ में जिंदगी कट रही है. स्थानीय सुमेर राम ने बताया कि गांव पूरी तरह से डूबा हुआ है. जो लोग गांव में ऊंचे स्थान पर हैं उनको भी बहुत कठिनाई हो रही है. वे लोग लगभग 16 दिन से बाढ़ से घिरे हुए हैं, लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी उन्हें पूछने नहीं आया.

darbhanga
बाढ़ का पानी

पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं
वहीं, स्थानीय राजकुमार राम ने बताया कि यहां नाव तो दे दी गई है, लेकिन कोई नाविक नहीं है. गांव के लोग खुद खतरा मोल लेकर नाव चलाते हैं. अगर किसी समय नाव चलानेवाला कोई नहीं मिला तो लोग आवागमन के लिए नाव पर बैठ कर घंटों इंतजार करते हैं. पीने के पानी से लेकर शौच करने की जगह तक की दिक्कत हो गई है.

darbhanga
बाढ़ के पानी में डूबे घर

अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय वीणा देवी ने कहा कि वे पिछले 20 दिनों से बाल-बच्चों के साथ बाढ़ के पानी में फंसी हुई है. उन्होंने बताया कि वे छोटे बच्चों को लेकर बांध पर रहने नहीं जा सकती हैं. बांध पर से भोजन आता है तो वे लोग खाते हैं. साथ ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि सरकार ने बाढ़ से पहले सभी विभागों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है.

darbhanga
नाव से आवागमन करते लोग

दरभंगाः ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिले के 18 में से 15 प्रखंडों की 196 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. हमारे संवाददाता जब सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में से एक हायाघाट के एक गांव पहुंचे तो वहां की तस्वीर पानी से जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों के दर्द को बयां करती नजर आई.

नाव के सहारे चल रही जिंदगी
मल्ही पट्टी दक्षिणी पंचायत के सिरिनिया महादलित टोले के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिरे हुए हैं. उनकी झोपड़ियां पानी में समा चुकी हैं. लोग भोजन, पानी और पशुओं के चारे के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां नाव के सहारे जिंदगी चल रही है. लोगों का आरोप है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अब तक उन्हें पूछने नहीं आया है.

देखें रिपोर्ट

नहीं मिल रही कोई मदद
महादलित टोले के रूदल राम ने बताया कि गांव में उनका घर पानी में डूब गया है. लोग रोड पर प्लास्टिक शीट तान कर रह रहे हैं. यहां जो लोग फंसे हुए हैं उनके लिए रोड पर से भोजन और पानी लाना पड़ता है. काफी तकलीफ में जिंदगी कट रही है. स्थानीय सुमेर राम ने बताया कि गांव पूरी तरह से डूबा हुआ है. जो लोग गांव में ऊंचे स्थान पर हैं उनको भी बहुत कठिनाई हो रही है. वे लोग लगभग 16 दिन से बाढ़ से घिरे हुए हैं, लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी उन्हें पूछने नहीं आया.

darbhanga
बाढ़ का पानी

पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं
वहीं, स्थानीय राजकुमार राम ने बताया कि यहां नाव तो दे दी गई है, लेकिन कोई नाविक नहीं है. गांव के लोग खुद खतरा मोल लेकर नाव चलाते हैं. अगर किसी समय नाव चलानेवाला कोई नहीं मिला तो लोग आवागमन के लिए नाव पर बैठ कर घंटों इंतजार करते हैं. पीने के पानी से लेकर शौच करने की जगह तक की दिक्कत हो गई है.

darbhanga
बाढ़ के पानी में डूबे घर

अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय वीणा देवी ने कहा कि वे पिछले 20 दिनों से बाल-बच्चों के साथ बाढ़ के पानी में फंसी हुई है. उन्होंने बताया कि वे छोटे बच्चों को लेकर बांध पर रहने नहीं जा सकती हैं. बांध पर से भोजन आता है तो वे लोग खाते हैं. साथ ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि सरकार ने बाढ़ से पहले सभी विभागों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है.

darbhanga
नाव से आवागमन करते लोग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.