दरभंगाः ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिले के 18 में से 15 प्रखंडों की 196 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. हमारे संवाददाता जब सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में से एक हायाघाट के एक गांव पहुंचे तो वहां की तस्वीर पानी से जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों के दर्द को बयां करती नजर आई.
नाव के सहारे चल रही जिंदगी
मल्ही पट्टी दक्षिणी पंचायत के सिरिनिया महादलित टोले के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिरे हुए हैं. उनकी झोपड़ियां पानी में समा चुकी हैं. लोग भोजन, पानी और पशुओं के चारे के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां नाव के सहारे जिंदगी चल रही है. लोगों का आरोप है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अब तक उन्हें पूछने नहीं आया है.
नहीं मिल रही कोई मदद
महादलित टोले के रूदल राम ने बताया कि गांव में उनका घर पानी में डूब गया है. लोग रोड पर प्लास्टिक शीट तान कर रह रहे हैं. यहां जो लोग फंसे हुए हैं उनके लिए रोड पर से भोजन और पानी लाना पड़ता है. काफी तकलीफ में जिंदगी कट रही है. स्थानीय सुमेर राम ने बताया कि गांव पूरी तरह से डूबा हुआ है. जो लोग गांव में ऊंचे स्थान पर हैं उनको भी बहुत कठिनाई हो रही है. वे लोग लगभग 16 दिन से बाढ़ से घिरे हुए हैं, लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी उन्हें पूछने नहीं आया.
पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं
वहीं, स्थानीय राजकुमार राम ने बताया कि यहां नाव तो दे दी गई है, लेकिन कोई नाविक नहीं है. गांव के लोग खुद खतरा मोल लेकर नाव चलाते हैं. अगर किसी समय नाव चलानेवाला कोई नहीं मिला तो लोग आवागमन के लिए नाव पर बैठ कर घंटों इंतजार करते हैं. पीने के पानी से लेकर शौच करने की जगह तक की दिक्कत हो गई है.
अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय वीणा देवी ने कहा कि वे पिछले 20 दिनों से बाल-बच्चों के साथ बाढ़ के पानी में फंसी हुई है. उन्होंने बताया कि वे छोटे बच्चों को लेकर बांध पर रहने नहीं जा सकती हैं. बांध पर से भोजन आता है तो वे लोग खाते हैं. साथ ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि सरकार ने बाढ़ से पहले सभी विभागों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है.