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दरभंगा: प्रशासन ने तालाबों को कराया अतिक्रमण मुक्त, अब जलसंकट से मिलेगी मुक्ती

दरभंगा शहर के बड़े जल स्रोत यहां के तालाब हुआ करते थे. किसी जमाने में यहां करीब साढ़े तीन सौ तालाब हुआ करते थे.

जल संकट के समाधान के लिए सचेत हुए लोग
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Published : Nov 16, 2019, 1:13 PM IST

दरभंगा: जल संकट के समाधान के लिए एक स्वयंसेवी संगठन ने तालाब बचाओ अभियान की पहल की है. साथ ही दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के सामने तालाब बचाने से लेकर नदियों को जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए कई वैज्ञानिक सुझाव दिए हैं. शहर में पिछ्ले साल भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था. चापाकल और लोगों के बोरिंग सूख गए थे. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे थे.

समाप्त हो रहे हैं तालाब
इसके लिए लोगों ने जिला प्रशासन से जल संकट के समाधान की गुहार लगाई थी. दरभंगा शहर के बड़े जल स्रोत यहां के तालाब हुआ करते थे. किसी जमाने में यहां करीब साढ़े तीन सौ तालाब हुआ करते थे. लेकिन अब अधिकतर तालाब को भू-माफियाओं ने बेच दिया है. जो बचे हैं वे अतिक्रमित हैं.

स्थानीय निवासी शशि भूषण चौधरी ने कहा कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने और उन्हें भू-माफियाओं के चंगुल से छुड़ाने की पहल सरकार ही कर सकती है. लेकिन तालाबों में गंदगी न बहाना और उन्हें साफ-सुंदर रखना हमारा भी दायित्व है, जो हम नहीं निभाते हैं. इसकी वजह से तालाब समाप्त हो रहे हैं और जल संकट उत्पत्त हो रहा है.

Save pond campaign by NGO in darbhanga
कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद गोपालजी ठाकुर


बेसिन सर्वे का दिया प्रस्ताव
तालाब बचाओ अभियान से जुड़े प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने कहा कि उन लोगों ने सांसद को नदियों और अन्य जल स्रोतों के बेसिन सर्वे का प्रस्ताव दिया है. इससे जल स्रोतों की स्थिति की सही जानकारी मिलेगी और तालाबों-नदियों को बचाया जा सकेगा. इससे जल संकट के समाधान में मदद मिलेगी.

पेश है रिपोर्ट

नदियों को बचाने के लिए उठाया सवाल
वहीं सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में तालाबों और नादियों को बचाने के लिए सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि तालाब चाहे सरकारी हो या फिर निजी, उसे भरना नहीं है. उन्होंने कहा कि कोसी डैम बने हुए कई दशक बीत गए. लेकिन उसके बाद उसे देखने वाला कोई नहीं है. उन्होंने तालाब और नदी को बचाने की दिशा में गंभीरता दिखाते हुए ठोस पहल करने का आश्वासन दिया.

दरभंगा: जल संकट के समाधान के लिए एक स्वयंसेवी संगठन ने तालाब बचाओ अभियान की पहल की है. साथ ही दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के सामने तालाब बचाने से लेकर नदियों को जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए कई वैज्ञानिक सुझाव दिए हैं. शहर में पिछ्ले साल भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था. चापाकल और लोगों के बोरिंग सूख गए थे. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे थे.

समाप्त हो रहे हैं तालाब
इसके लिए लोगों ने जिला प्रशासन से जल संकट के समाधान की गुहार लगाई थी. दरभंगा शहर के बड़े जल स्रोत यहां के तालाब हुआ करते थे. किसी जमाने में यहां करीब साढ़े तीन सौ तालाब हुआ करते थे. लेकिन अब अधिकतर तालाब को भू-माफियाओं ने बेच दिया है. जो बचे हैं वे अतिक्रमित हैं.

स्थानीय निवासी शशि भूषण चौधरी ने कहा कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने और उन्हें भू-माफियाओं के चंगुल से छुड़ाने की पहल सरकार ही कर सकती है. लेकिन तालाबों में गंदगी न बहाना और उन्हें साफ-सुंदर रखना हमारा भी दायित्व है, जो हम नहीं निभाते हैं. इसकी वजह से तालाब समाप्त हो रहे हैं और जल संकट उत्पत्त हो रहा है.

Save pond campaign by NGO in darbhanga
कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद गोपालजी ठाकुर


बेसिन सर्वे का दिया प्रस्ताव
तालाब बचाओ अभियान से जुड़े प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने कहा कि उन लोगों ने सांसद को नदियों और अन्य जल स्रोतों के बेसिन सर्वे का प्रस्ताव दिया है. इससे जल स्रोतों की स्थिति की सही जानकारी मिलेगी और तालाबों-नदियों को बचाया जा सकेगा. इससे जल संकट के समाधान में मदद मिलेगी.

पेश है रिपोर्ट

नदियों को बचाने के लिए उठाया सवाल
वहीं सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में तालाबों और नादियों को बचाने के लिए सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि तालाब चाहे सरकारी हो या फिर निजी, उसे भरना नहीं है. उन्होंने कहा कि कोसी डैम बने हुए कई दशक बीत गए. लेकिन उसके बाद उसे देखने वाला कोई नहीं है. उन्होंने तालाब और नदी को बचाने की दिशा में गंभीरता दिखाते हुए ठोस पहल करने का आश्वासन दिया.

Intro:दरभंगा। शहर में पिछ्ले साल भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था। चापाकल और लोगों के बोरिंग सूख गए थे। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे थे। लोगों ने जिला प्रशासन से जल संकट के समाधान की गुहार लगाई थी। दरभंगा शहर के बड़े जल स्रोत यहां के तालाब हुआ करते थे। किसी ज़माने में यहां करीब साढ़े तीन सौ तालाब हुआ करते थे। लेकिन अब अधिकतर तालाब भर कर भू-माफियाओं ने बेच दिए हैं। जो बचे हैं वे अतिक्रमित हैं।

जल संकट के समाधान के लिए एक स्वयंसेवी संगठन तालाब बचाओ अभियान ने पहल की है और दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के सामने तालाब बचाने से लेकर नदियों को जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए कई वैज्ञानिक सुझाव दिए हैं।


Body:स्थानीय शशि भूषण चौधरी ने कहा कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने और उन्हें भू-माफियाओं के चंगुल से छुड़ाने की पहल सरकार ही कर सकती है। लेकिन तालाबों में गंदगी न बहाना और उन्हें साफ-सुंदर रखना हमारा भी दायित्व है जो हम नहीं नहीं निभाते हैं। इसकी वजह से तालाब समाप्त हो रहे हैं और जल संकट उत्पत्त हो रहा है।

तालाब बचाओ अभियान से जुड़े प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने कहा कि उन लोगों ने सांसद को नदियों और अन्य जल स्रोतों के बेसिन सर्वे का प्रस्ताव दिया है। इससे जल स्रोतों की स्थिति की सही जानकारी मिलेगी और तालाबों-नदियों को बचाया जा सकेगा। इससे जल संकट के समाधान में मदद मिलेगी।


Conclusion:वहीं, सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में तालाबों और नादियों को बचाने के लिए सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि तालाब चाहे सरकारी हो या फिर निजी, उसे भरना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोसी डैम बने हुए कई दशक बीत गए लेकिन उसके बाद उसे देखने वाला कोई नहीं है। उन्होंने तालाब और नदी को बचाने की दिशा में गंभीरता दिखाते हुए ठोस पहल करने का आश्वासन दिया।

बाइट 1- शशि भूषण चौधरी, स्थानीय.
बाइट 2- पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा, पूर्व रक्षा वैज्ञानिक.
बाइट 3- गोपालजी ठाकुर, सांसद, दरभंगा.

ptc के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
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