दरभंगाः भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए घोषित नामों की सूची में मिथिला को सर्वाधिक प्रतिनिधित्व मिलने पर मिथिलांचल के कला प्रेमियों के बीच खुशी की लहर है. मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए मिथिला के कलाकारों को उचित प्रतिनिधित्व (Sangeet Natak Akademi Award From Mithilanchal) मिलने से लोक कलाकारों में अद्भुत ऊर्जा का संचार हुआ है, जिसका सुखद परिणाम आने वाले दिनों में स्वाभाविक रूप से देखने को मिलेगा.
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"कला की विभिन्न विधाओं में एकसाथ सफलता का परचम लहरा कर मिथिला के कलाकारों ने राष्ट्रीय स्तर मिथिला की प्रतिभा का लोहा मनवाने का काम किया है. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए कलाकारों के चयन से आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण होगा. चयनित कला साधकों साबित कर दिया कि मिथिला में अभी धरोहर कलाएं आज भी जीवंत है." -प्रवीण कुमार झा
मिथिला के कलाकारों को कई क्षेत्र मिला है पुरस्कारः वहीं विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि लोकगायन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिथिला की बेटी सहरसा की डा. रंजना झा, ध्रुपद गायन के क्षेत्र में प्रेम कुमार मल्लिक, रंगमंच के क्षेत्र में पूर्णिया के मिथिलेश राय, ठुमरी गायन के क्षेत्र में मधुबनी की कुमुद दीवान और इसके युवा कोटि के पुरस्कार के लिए मधुबनी की राइजिंग स्टार मैथिली ठाकुर का इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चयन होना आम मिथिला वासी के लिए गर्व की बात है.
एक साथ 3 सालों के पुरस्कार की गई है घोषणाः संगीत नाटक अकादमी ने शुक्रवार को 10 अकादमी फेलो और 128 कलाकारों की सूची की घोषणा की जिन्हें 2019, 2020 और 2021 के लिए प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार प्राप्त होगा. संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी, अकादमी फेलो के रूप में प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों का चुनाव करती है. पुरस्कार पाने वालों में भरतनाट्यम नृत्यांगना सरोजा वैद्यनाथन, कथकली प्रतिपादक सदानम कृष्णन कुट्टी, मणिपुरी नर्तकी दर्शना झवेरी, शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्रा, कर्नाटक शहनाई वादक एकेसी नटराजन, तबला वादक स्वपन चौधरी, शास्त्रीय गायिका मालिनी राजुरकर, कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीतकार टीवी गोपालकृष्णन, लोक गायिका तीजन बाई और संगीतज्ञ भरत गुप्त का नाम शामिल है.
राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा पुरस्कारः भारतीय नृत्य के प्रमुख रूप जैसे भरतनाट्यम, कथक, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, सत्त्रिया, मोहिनीअट्टम और साथ ही समकालीन नृत्य, नाटक लेखन, निर्देशन, अभिनय, श्रृंगार, प्रकाश व्यवस्था और मंच डिजाइन के साथ-साथ इसाई नाटकम जैसे रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराओं जैसे रंगमंच की विभिन्न विशेषज्ञता वाले कलाकारों का चयन किया गया है. पुरस्कार पाने वालों की सूची में लोक और जनजातीय कलाओं और कठपुतली और वाद्ययंत्र बनाने की कला के कलाकारों ने भी जगह बनाई है.अकादमी फैलो पुरस्कार में तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादमी पुरस्कार में एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि के अलावा एक 'ताम्रपत्र' और 'अंगवस्त्रम' दिया जाता है.
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