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दरभंगा: नाव के अभाव में घंटों प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, NDRF ने किया रेस्क्यू - darbhanga pregnant women resque news

बाढ़ के कारण एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद भी अस्पताल जाने के लिए कई घंटों इंतजार करना पड़ा. इन गांवों के बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक नाव की भी व्यवस्था नहीं करवाई गई है. हालांकि सूचना के बाद एनडीआरएफ की टीम ने महिला को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया.

Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
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Published : Aug 3, 2020, 2:30 PM IST

दरभंगा: जिले में इन दिनों आई बाढ़ से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सोमवार को एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल जाने में 4 घंटे से अधिक पीड़ा सहना पड़ा. हालांकि सूचना के बाद एडीआरएफ की टीम उसे रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाई.

Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
गर्भवति महिला का किया गया रेस्क्यू

बता दें कि जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. वहीं, हनुमाननगर प्रखंड में बाढ़ के पानी में फंसे महनोली गांव के निवासी ललितेश्वर सिंह को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. उनकी पत्नी अर्चना देवी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गया, लेकिन नाव या अन्य किसी तरह का साधन नहीं होने के कारण वो बेबस थे. हालांकि पड़ोसियों ने एनडीआरएफ की टीम मंगवाने के लिए हनुमाननगर अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और विशनपुर थानाध्यक्ष के साथ कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी.

Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
सूचना के बाद पहुंची एडीआरएफ की टीम

मुश्किल घड़ी में पहुंची एनडीआरएफ की टीम
सूचना मिलने के बाद बिशनपुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल और हनुमाननगर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुधीर कुमार ने तत्परता दिखाते हुए एनडीआरएफ की टीम को पीड़ित परिवार की मदद के लिए भेजा. जिसके बाद मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और महिला का रेस्क्यू किया. वहीं, ललितेश्वर सिंह ने बताया कि नाव नहीं होने के कारण बहुत ही परेशानियों से गुजरना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ आने के बावजूद भी गांव में एक नाव की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. इस मुसीबत की घड़ी में एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर आई और कुछ राहत दी है.

पेश है रिपोर्ट

'कठिनाई तो हुई लेकिन आना जरूरी था'
इसके अलावे एनडीआरएफ की टीम के हेड कंस्टेबल अमर सिंह ने बताया कि जैसे ही थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल की ओर से हमें सूचना मिली. टीम तुरंत रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई. लेकिन रास्ते में एक मोटर बोट खराब हो जाने के कारण दूसरे वोट से आना पड़ा. कठिनाइ तो हुई पर आना जरूरी था. इस पूरे ऑपरेशन में विशपुर थाना के स्टाफ संजय कुमार का भी अहम योगदान रहा.

दरभंगा: जिले में इन दिनों आई बाढ़ से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सोमवार को एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल जाने में 4 घंटे से अधिक पीड़ा सहना पड़ा. हालांकि सूचना के बाद एडीआरएफ की टीम उसे रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाई.

Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
गर्भवति महिला का किया गया रेस्क्यू

बता दें कि जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. वहीं, हनुमाननगर प्रखंड में बाढ़ के पानी में फंसे महनोली गांव के निवासी ललितेश्वर सिंह को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. उनकी पत्नी अर्चना देवी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गया, लेकिन नाव या अन्य किसी तरह का साधन नहीं होने के कारण वो बेबस थे. हालांकि पड़ोसियों ने एनडीआरएफ की टीम मंगवाने के लिए हनुमाननगर अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और विशनपुर थानाध्यक्ष के साथ कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी.

Pregnant woman suffering from labor pain for many hours due to lack of boat in darbhanga
सूचना के बाद पहुंची एडीआरएफ की टीम

मुश्किल घड़ी में पहुंची एनडीआरएफ की टीम
सूचना मिलने के बाद बिशनपुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल और हनुमाननगर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुधीर कुमार ने तत्परता दिखाते हुए एनडीआरएफ की टीम को पीड़ित परिवार की मदद के लिए भेजा. जिसके बाद मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और महिला का रेस्क्यू किया. वहीं, ललितेश्वर सिंह ने बताया कि नाव नहीं होने के कारण बहुत ही परेशानियों से गुजरना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ आने के बावजूद भी गांव में एक नाव की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. इस मुसीबत की घड़ी में एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर आई और कुछ राहत दी है.

पेश है रिपोर्ट

'कठिनाई तो हुई लेकिन आना जरूरी था'
इसके अलावे एनडीआरएफ की टीम के हेड कंस्टेबल अमर सिंह ने बताया कि जैसे ही थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल की ओर से हमें सूचना मिली. टीम तुरंत रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई. लेकिन रास्ते में एक मोटर बोट खराब हो जाने के कारण दूसरे वोट से आना पड़ा. कठिनाइ तो हुई पर आना जरूरी था. इस पूरे ऑपरेशन में विशपुर थाना के स्टाफ संजय कुमार का भी अहम योगदान रहा.

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