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LNMU का अजब खेल: 1 साल बाद पीजी मैथिली के विद्यार्थियों का नामांकन रद्द, छात्रों ने की तालाबंदी - मैथिली पीजी के छात्रों का नामांकन किया रद्द

बिहार के दरभंगा ललित नारायण विश्विद्यालय ने मैथिली पीजी में एक साल की पढ़ाई के बाद 45 में 24 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया है. वहीं छात्रों ने विभाग के गेट पर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन कर आदेश को वापस लेने की मांग की.

दरभंगा विवि ने पीजी छात्रों का नामांकन किया रद्द
दरभंगा विवि ने पीजी छात्रों का नामांकन किया रद्द
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Published : Aug 5, 2021, 6:51 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा (Darbhanga ) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग ने अजब कारनामा कर दिखाया है. विश्वविद्यालय ने पीजी में सत्र 2020-22 में 45 छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया था. अब विश्वविद्यालय ने उनमें से 24 छात्र-छात्राओं का नामांकन एक साल तक पढ़ाने और एक आंतरिक परीक्षा लेने के बाद अचानक से रद्द कर दिया है. इस आदेश के बाद अब छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है. ऐसे में छात्रों ने मैथिली विभाग में तालाबंदी कर गेट के बाहर (Student Protest) विरोध प्रदर्शन किया.

इसे भी पढ़ें : विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर चल रही है तैयारी, सूटेबिलिटी रिपोर्ट का इंतजार

पीजी मैथिली विभाग की छात्रा आरती कुमारी ने कहा कि वे लोग सत्र 2020-22 के छात्र हैं. विश्वविद्यालय ने पूरी प्रक्रिया के तहत उनका नामांकन लिया था. उनके आवेदन पत्र और प्रमाण पत्रों की बाकायदा जांच की गई थी और उसके बाद उनका नामांकन लिया गया था. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने एक आंतरिक परीक्षा भी पास कर ली है.

देखें वीडियो

'अचानक विश्वविद्यालय ने यह कहते हुए 45 में से 24 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया कि इनका बीए ऑनर्स में मैथिली विषय नहीं था. राजभवन के नए नियमों के अनुसार स्नातक में बिना मैथिली विषय लिए भी पीजी में नामांकन लिया जा सकता है इसके बावजूद विश्वविद्यालय नियम को दरकिनार कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसकी वजह से उनका एक साल बर्बाद हो गया है. इसी को लेकर वे लोग विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग का घेराव कर रहे हैं.' :- आरती कुमारी, पीजी छात्रा

ये भी पढ़ें : LNMU मुख्यालय और VC आवास पर प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई, FIR दर्ज

वहीं एक अन्य छात्र शिवनाथ कुमार चौधरी ने कहा कि एक साल पहले उनका नामांकन हुआ था.उस समय मैथिली विभाग ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की थी. राज्यपाल ने जब यह अनुमति दे दी है कि ऑनर्स में मैथिली विषय नहीं होने के बावजूद पीजी मैथिली में नामांकन हो सकता है. अब विश्वविद्यालय उस नियम को क्यों दरकिनार कर रहा है. उन्होंने कहा कि मैथिली विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन दिया है. लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह पूरे विश्वविद्यालय का घेराव करेंगे

दरभंगा: बिहार के दरभंगा (Darbhanga ) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग ने अजब कारनामा कर दिखाया है. विश्वविद्यालय ने पीजी में सत्र 2020-22 में 45 छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया था. अब विश्वविद्यालय ने उनमें से 24 छात्र-छात्राओं का नामांकन एक साल तक पढ़ाने और एक आंतरिक परीक्षा लेने के बाद अचानक से रद्द कर दिया है. इस आदेश के बाद अब छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है. ऐसे में छात्रों ने मैथिली विभाग में तालाबंदी कर गेट के बाहर (Student Protest) विरोध प्रदर्शन किया.

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पीजी मैथिली विभाग की छात्रा आरती कुमारी ने कहा कि वे लोग सत्र 2020-22 के छात्र हैं. विश्वविद्यालय ने पूरी प्रक्रिया के तहत उनका नामांकन लिया था. उनके आवेदन पत्र और प्रमाण पत्रों की बाकायदा जांच की गई थी और उसके बाद उनका नामांकन लिया गया था. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने एक आंतरिक परीक्षा भी पास कर ली है.

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'अचानक विश्वविद्यालय ने यह कहते हुए 45 में से 24 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया कि इनका बीए ऑनर्स में मैथिली विषय नहीं था. राजभवन के नए नियमों के अनुसार स्नातक में बिना मैथिली विषय लिए भी पीजी में नामांकन लिया जा सकता है इसके बावजूद विश्वविद्यालय नियम को दरकिनार कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसकी वजह से उनका एक साल बर्बाद हो गया है. इसी को लेकर वे लोग विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग का घेराव कर रहे हैं.' :- आरती कुमारी, पीजी छात्रा

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वहीं एक अन्य छात्र शिवनाथ कुमार चौधरी ने कहा कि एक साल पहले उनका नामांकन हुआ था.उस समय मैथिली विभाग ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की थी. राज्यपाल ने जब यह अनुमति दे दी है कि ऑनर्स में मैथिली विषय नहीं होने के बावजूद पीजी मैथिली में नामांकन हो सकता है. अब विश्वविद्यालय उस नियम को क्यों दरकिनार कर रहा है. उन्होंने कहा कि मैथिली विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन दिया है. लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह पूरे विश्वविद्यालय का घेराव करेंगे

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