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दरभंगा: बाढ़ ने आशियाने के साथ-साथ लोगों से छीना रोजगार, दाने-दाने को मोहताज हुए लोग

बाढ़ के चलते लोगों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ की वजह से उन्हें कई दिनों से काम नहीं मिला है. रोजगार नहीं मिलने से पूरे परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ का कहर
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Published : Aug 2, 2019, 8:30 AM IST

दरभंगा: जिले में कोसी, कमला और बागमती नदी में आए उफान ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है. बाढ़ के चलते लोगों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. चारों तरफ पानी होने के कारण इन्हें काम भी नहीं मिल पा रहा है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से इनके खाते में 6 हजार रूपये सहायता राशि भेजी जा रही है.

दरभंगा जिले का चार प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहा है. अभी भी कई ऐसे गांव है, जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. इनमें कोठिया और बलुआही गांव शामिल है. यहां अभी भी 3 से 5 फीट पानी लगा हुआ है. लोग अपनी जान बचाकर किसी तरह गीदड़गंज तटबंध पर अपना आशियाना बनाये हुए हैं. लोगों का काफी सामान घर के अंदर फंसा हुआ है, जिसे देखने के लिए वो अपनी जान जोखिम में डालकर पानी में आते जाते हैं.

दरभंगा में बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण

बाढ़ से जिंदगी बेहाल
तटबंध पर अपने परिवार के साथ शरण लिए बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि एक तरफ बाढ़ ने उनका आशियाना उजाड़ दिया, तो दूसरी ओर उनकी मजदूरी भी छीन ली है. बाढ़ के चलते उन्हें कई दिनों से काम भी नहीं मिला है. इस विपत्ति की घड़ी में सामुदायिक किचन की बदौलत उनके परिवारों का पेट भर पा रहा है.

लोगों ने तटबंध पर ली शरण
पीड़ितों का कहना है कि सरकार की तरफ से जो उन्हें पॉलिथीन दी गई है वह सिर छिपाने के लिए पर्याप्त नहीं है. रोजगार नहीं मिलने के कारण पूरे परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ये बाढ़ पीड़ित गांव से पानी निकलने के इंतजार में तटबंध पर समय काट रहे हैं.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
मामले पर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि हम लोग बाढ़ पीड़ितों को हर संभव संभव मदद कर रहे हैं. सामुदायिक किचन के साथ ही सभी परिवारों को 6 हजार रुपये की अनुदान राशि भी उनके खाते में दी जा रही है. त्यागराजन के कहा कि हम लोगों का प्रयास है कि सभी बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द अनुदान राशि मिल जाए, ताकि कुछ दिनों के लिए वो लोग अपनी स्थिति को संभाल सकें.

दरभंगा: जिले में कोसी, कमला और बागमती नदी में आए उफान ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है. बाढ़ के चलते लोगों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. चारों तरफ पानी होने के कारण इन्हें काम भी नहीं मिल पा रहा है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से इनके खाते में 6 हजार रूपये सहायता राशि भेजी जा रही है.

दरभंगा जिले का चार प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहा है. अभी भी कई ऐसे गांव है, जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. इनमें कोठिया और बलुआही गांव शामिल है. यहां अभी भी 3 से 5 फीट पानी लगा हुआ है. लोग अपनी जान बचाकर किसी तरह गीदड़गंज तटबंध पर अपना आशियाना बनाये हुए हैं. लोगों का काफी सामान घर के अंदर फंसा हुआ है, जिसे देखने के लिए वो अपनी जान जोखिम में डालकर पानी में आते जाते हैं.

दरभंगा में बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण

बाढ़ से जिंदगी बेहाल
तटबंध पर अपने परिवार के साथ शरण लिए बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि एक तरफ बाढ़ ने उनका आशियाना उजाड़ दिया, तो दूसरी ओर उनकी मजदूरी भी छीन ली है. बाढ़ के चलते उन्हें कई दिनों से काम भी नहीं मिला है. इस विपत्ति की घड़ी में सामुदायिक किचन की बदौलत उनके परिवारों का पेट भर पा रहा है.

लोगों ने तटबंध पर ली शरण
पीड़ितों का कहना है कि सरकार की तरफ से जो उन्हें पॉलिथीन दी गई है वह सिर छिपाने के लिए पर्याप्त नहीं है. रोजगार नहीं मिलने के कारण पूरे परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ये बाढ़ पीड़ित गांव से पानी निकलने के इंतजार में तटबंध पर समय काट रहे हैं.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
मामले पर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि हम लोग बाढ़ पीड़ितों को हर संभव संभव मदद कर रहे हैं. सामुदायिक किचन के साथ ही सभी परिवारों को 6 हजार रुपये की अनुदान राशि भी उनके खाते में दी जा रही है. त्यागराजन के कहा कि हम लोगों का प्रयास है कि सभी बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द अनुदान राशि मिल जाए, ताकि कुछ दिनों के लिए वो लोग अपनी स्थिति को संभाल सकें.

Intro:दरभंगा जिला में कोसी, कमला व बागमती नदी में आए उफान ने जिला के लाखों परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है। वहीं एक सप्ताह से ऊपर बाढ़ के पानी जमे रहने के कारण अब इन लोगों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। क्योंकि चारो तरफ पानी रहने के कारण इनलोगो को काम भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते इन लोगों को अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वही जिलाधिकारी ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सभी बाढ़ पीड़ितों के खाते में 6 हजार रुपया भेजा जा रहा है। ताकि उनलोगों को किसी प्रकार की कठनाई ना हो।


Body:दरअसल अभी भी दरभंगा जिला में चार प्रखंड बाढ़ का मार झेल रहा है। अभी भी कई ऐसे गांव है, जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। जहां अभी भी 3 से 5 फीट पानी लगा हुआ है, जिसमें कोठिया व बलुआही गांव शामिल है। जहां के लोग अपनी जान माल को बचाकर किसी तरह गीदड़गंज तटबंध पर अपना आशियाना बना रखा है। लेकिन अभी भी उन लोगों का काफी सामान घर के अंदर फंसा हुआ है। जिसे देखने के लिए वे लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर छाती भर पानी में आते और जाते हैं। मानो ईश्वर बाढ़ के बहाने इन लोगों से कड़ी परीक्षा ले रहे है।


Conclusion:वही तटबंध पर अपने परिवार के साथ शरण लिए बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि एक तरफ बाढ़ ने उनका आशियाना को उजाड़ दिया, तो दूसरी ओर उनकी मजदूरी भी छीन ली है। बाढ़ के चलते उनको कई दिनों से काम भी नहीं मिला है। वहीं उन्होंने कहा कि इस विपत्ति के घड़ी में सामुदायिक कीचेन की बदौलत उनके परिवारों का पेट भर पा रहा है। पीड़ितों की माने तो सरकार की तरफ से जो उन्हें पॉलिथीन मिला है वह सिर छिपाने के लिए पर्याप्त नहीं है। वही उन्होंने कहा कि रोजगार नही मिलने के कारण पूरे परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब हमलोग गांव से पानी निकलने के इंतजार में तटबंध पर समय काट रहे हैं।

वही दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि हम लोग बाढ़ पीड़ितों को हर संभव संभव मदद कर रहे हैं। सामुदायिक किचन के माध्यम से खाना के साथ ही सभी परिवारों को 6 हजार रुपया का अनुदान की राशि उनके खाते में सीधे दे रहे हैं। हम लोगों का प्रयास यही है कि सभी बाढ़ पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द अनुदान की राशि मिल जाए। ताकि कुछ दिनों के लिए वे लोग अपनी स्थिति को संभाल पाए।

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राम विनय मंडल, बाढ़ पीड़ित
शत्रुघ्न मंडल, बाढ़ पीड़ित
डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी दरभंगा
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