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पहले से कोरोना का खतरा झेल रहे लोगों को बाढ़ के बाद सता रही दूसरी संक्रामक बीमारियों की चिंता - सफाई की व्यवस्था

बिहार के 14 दिले बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 23, 2020, 6:37 PM IST

दरभंगाः ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति को लेकर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब शहर के इन वार्डों में पहुंचे तो स्थिति सामने आई. शहर के 48 में से 16 वार्डों में बाढ़ की वजह से तबाही मची थी. तकरीबन 75 हजार की आबादी इससे प्रभावित हुई थी. कच्चे मकान और फूस की झोपड़ियां ध्वस्त हो गई थी.

लोग घर छोड़कर अब भी सड़क पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ का पानी अधिकतर इलाकों से उतर गया है. ऐसे में लोगों को नए सिरे से अपना आशियाना बसाने की चिंता सता रही है.

देखें रिपोर्ट

नहीं किया गया ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
नगर निगम की लापरवाही की वजह से पानी उतरने के बाद सभी इलाकों में गंदगी और बदबू फैल गई है, लेकिन निगम ने अब तक सफाई की व्यवस्था नहीं की है. साथ ही कहीं भी चूना या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया है. जिससे पहले से कोरोना का खतरा झेल रहे लोग दूसरी संक्रामक बीमारियों के फैलने को लेकर सशंकित हैं. हालांकि, नगर निगम ने दावा किया है कि उसने सफाई शुरू कर दी है.

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लोगों को हो रही परेशानी

बाढ़ का पानी
नगर निगम क्षेत्र के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाकों में से एक वार्ड नंबर 23 के वाजितपुर मोहल्ले में लोगों की हालत दयनीय हो गई है. स्थानीय रमण कुमार ने कहा कि विधायक-सांसद को तो छोड़ दीजिए मोहल्ले में रहनेवाले वार्ड पार्षद भी कभी बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने के लिए नहीं आए. यहां के कई लोगों के घर गिर गए हैं, वे सड़क पर शरण लिए हुए हैं. कई जगह पर अब भी बाढ़ का पानी है.

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बाढ़ का पानी

घर की मरम्मत
रमण कुमार ने बताया कि नगर निगम मुख्य सड़क पर थोड़ा चूना छिड़कने की खानापूर्ति भर कर रहा है. पानी इतना गंदा है कि लोगों को संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है. स्थानीय बबीता देवी ने कहा कि बाढ़ में उनका घर गिर गया है. वे लोग अब भी घर छोड़ कर स्कूल में रह रहे हैं, उन्हें बाढ़ सहायता राशि के 6 हजार रुपये अब तक नहीं मिले हैं कि घर की मरम्मत करवा कर थोड़ा रहने लायक बना पाए.

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टूटी सड़कें

इलाज के लिए लेना पड़ रहा कर्ज
स्थानीय मनीष पासवान ने कहा कि उन्हें न तो पिछली बार की बाढ़ में सहायता राशि मिली और न ही इस बार मिली है. विधायक संजय सरावगी न तो नगर उन्हें पूछने आए और न ही उनके वार्ड पार्षद ने उनकी सुधि ली है. वे लोग रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं. शाम होते ही पुलिस मार कर भगा देती है. मोहल्ले में पानी इतना गंदा है कि उनके बच्चे बीमार पड़ गए हैं. इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.

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घर में घुसा पानी

लोगों के खातों में डाले जा रहे पैसे
दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि जिन मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर रहा है वहां के सफाई जमादार को निर्देश दिया गया है. वहां चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है. साथ ही फॉगिंग भी कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ सहायता की राशि के लिए सूची के अनुसार हर दिन अलग-अलग लोगों के खातों में पैसे डाले जा रहे हैं.

दरभंगाः ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति को लेकर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब शहर के इन वार्डों में पहुंचे तो स्थिति सामने आई. शहर के 48 में से 16 वार्डों में बाढ़ की वजह से तबाही मची थी. तकरीबन 75 हजार की आबादी इससे प्रभावित हुई थी. कच्चे मकान और फूस की झोपड़ियां ध्वस्त हो गई थी.

लोग घर छोड़कर अब भी सड़क पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ का पानी अधिकतर इलाकों से उतर गया है. ऐसे में लोगों को नए सिरे से अपना आशियाना बसाने की चिंता सता रही है.

देखें रिपोर्ट

नहीं किया गया ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
नगर निगम की लापरवाही की वजह से पानी उतरने के बाद सभी इलाकों में गंदगी और बदबू फैल गई है, लेकिन निगम ने अब तक सफाई की व्यवस्था नहीं की है. साथ ही कहीं भी चूना या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया है. जिससे पहले से कोरोना का खतरा झेल रहे लोग दूसरी संक्रामक बीमारियों के फैलने को लेकर सशंकित हैं. हालांकि, नगर निगम ने दावा किया है कि उसने सफाई शुरू कर दी है.

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लोगों को हो रही परेशानी

बाढ़ का पानी
नगर निगम क्षेत्र के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाकों में से एक वार्ड नंबर 23 के वाजितपुर मोहल्ले में लोगों की हालत दयनीय हो गई है. स्थानीय रमण कुमार ने कहा कि विधायक-सांसद को तो छोड़ दीजिए मोहल्ले में रहनेवाले वार्ड पार्षद भी कभी बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने के लिए नहीं आए. यहां के कई लोगों के घर गिर गए हैं, वे सड़क पर शरण लिए हुए हैं. कई जगह पर अब भी बाढ़ का पानी है.

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बाढ़ का पानी

घर की मरम्मत
रमण कुमार ने बताया कि नगर निगम मुख्य सड़क पर थोड़ा चूना छिड़कने की खानापूर्ति भर कर रहा है. पानी इतना गंदा है कि लोगों को संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है. स्थानीय बबीता देवी ने कहा कि बाढ़ में उनका घर गिर गया है. वे लोग अब भी घर छोड़ कर स्कूल में रह रहे हैं, उन्हें बाढ़ सहायता राशि के 6 हजार रुपये अब तक नहीं मिले हैं कि घर की मरम्मत करवा कर थोड़ा रहने लायक बना पाए.

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टूटी सड़कें

इलाज के लिए लेना पड़ रहा कर्ज
स्थानीय मनीष पासवान ने कहा कि उन्हें न तो पिछली बार की बाढ़ में सहायता राशि मिली और न ही इस बार मिली है. विधायक संजय सरावगी न तो नगर उन्हें पूछने आए और न ही उनके वार्ड पार्षद ने उनकी सुधि ली है. वे लोग रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं. शाम होते ही पुलिस मार कर भगा देती है. मोहल्ले में पानी इतना गंदा है कि उनके बच्चे बीमार पड़ गए हैं. इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.

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घर में घुसा पानी

लोगों के खातों में डाले जा रहे पैसे
दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि जिन मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर रहा है वहां के सफाई जमादार को निर्देश दिया गया है. वहां चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है. साथ ही फॉगिंग भी कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ सहायता की राशि के लिए सूची के अनुसार हर दिन अलग-अलग लोगों के खातों में पैसे डाले जा रहे हैं.

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