दरभंगा: जिले के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग की ओर से 'लोक के विविध रंग' विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने किया. जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर मशहूर लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुई. उन्होंने प्रतिभागियों को लोक संगीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
यह भी पढ़ें:- बहुते महंगाई है! सिर पर छोटा सिलेंडर, गले में प्याज की माला, अब तो कुछ बोलिए सरकार
इस सेमिनार में देश के कई जाने-माने कलाकार और प्रतिभागी ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से शामिल हो रहे हैं. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पद्मश्री शारदा सिन्हा ने कहा कि लोक शब्द व्यापक आयाम वाला शब्द है. उन्होंने कहा कि इसमें लोक कला, लोक कथा, लोक नृत्य, लोक साहित्य और लोक संगीत जैसी कई विधाओं का समावेश है. शारदा सिन्हा ने कार्यक्रम में बॉलीवुड की चर्चित फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का अपना गाया प्रसिद्ध लोकगीत 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' भी गाकर सुनाया.
'लोक संगीत बहुत ही प्रचलित विधा है. बॉलीवुड की फिल्मों में भी जो कहानियां लोक कथाओं पर आधारित होती हैं या जिनमें लोक धुन पर आधारित गीत होते हैं, वे फिल्में सुपरहिट होती हैं.' -पद्मश्री शारदा सिन्हा, लोक गायिका.
यह भी पढ़ें:- राजा से कम नहीं मंत्रियों के ठाठ-बाट, सिर्फ मोबाइल बिल के लिए मिलते हैं 1 लाख रुपए
जाने माने कलाकार हो रहे शामिल
मंच से बोलते हुए एलएनएमयू के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने कहा कि संगीत के विविध रंगों में कौन से रंग हमें पसंद हैं, इस पर विचार करना ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा रंगों की गहरी समझ हमें प्रकृति और समाज के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाती है. वहीं, विश्वविद्यालय संगीत नाट्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. ममता रानी ठाकुर ने कहा कि 2 दिवसीय इस संगोष्ठी में देश के कई जाने-माने कलाकार शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में कई प्रतिभागी अपने आलेख भी प्रस्तुत करेंगे.