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दरभंगा: अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग के जरिए बनाया जा रहा है आकर्षक, दिखेगी मिथिलांचल की संस्कृति

फरवरी और मार्च के महीने में शहर के समाहरणालय, न्यायालय और एसपी कार्यालय की बाउंड्री वॉल पर मिथिला पेंटिंग कर स्थानीय कलाकृति के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचाने की कोशिश की गई थी.

मिथिला पेंटिंग
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Published : Nov 13, 2019, 1:16 PM IST

दरभंगा: स्थानीय कलाकारों की टीम की ओर से जिला अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग से सजाने का काम पिछले 20 दिनों से किया जा रहा है. जिला अतिथिगृह आने वाले लोगों को मिथिला की संस्कृति और सभ्यता बताने के साथ परिसदन को आकर्षक और सुंदर दिखाने के लिए ये कदम उठाया गया है. जिसमें इस काम की जिम्मेदारी किलकारी के प्रशिक्षकों और कलाकारों को दी गई है.

पेंटिंग में शामिल मिथिलांचल के धरोहर
परिसदन की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग बना रही किरण देवी ने कहा कि इसमें मिथिलांचल की पहचान कहे जाने वाले माछ, पान और मखान, गोदना, राजा सलहेश, मयूर के अलावा राम सीता का विवाह और जल जीवन हरियाली को दिखाया जा रहा है. ये सारे चर्चित मिथिला धरोहर हैं. पेंटिंग को परिसदन के 8 पिलर्स, मुख्य द्वार और भीतरी दीवारों पर बनाया जा रहा है.

mithila paintings in darbhanga guest house
पिलर पर आकृतियां उकेड़ती कलाकार

जल जीवन हरियाली को भी दर्शाने की कोशिश
किलकारी की प्रशिक्षक राधा देवी ने कहा कि हमारी देखरेख में जिला प्रशासन के आदेश पर यहां पर मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही हैं. इन पेंटिंग के माध्यम से जल जीवन हरियाली सहित मिथिलांचल की पहचान को दर्शाया जा रहा है. जिसे बनाने के लिए हमने एक महीने का वक्त लिया है.

अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग्स के जरिए दिया जा रहा नया लुक

यह भी पढ़ेः पूर्वांचल सांस्कृतिक मेला: मिथिला पेंटिंग के साथ लोगों को पसंद आ रहे पूर्वांचली क्राफ्ट्स

जिला अतिथिगृह बनेगा आकर्षक
गौरतलब है कि फरवरी और मार्च के महीने में शहर के समाहरणालय, न्यायालय और एसपी कार्यालय की बाउंड्री वॉल पर मिथिला पेंटिंग कर स्थानीय कलाकृति के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचाने की कोशिश की गई थी. इसके अलावा बाउंड्री वॉल चिपकने वाले अनचाहे पोस्टर्स और गंदगी से भी दीवारों को बचाने की कोशिश की जा चुकी है. ऐसे में पिछले कई दिनों से जिला अतिथिगृह को एक आकर्षक रूप देकर उसकी दीवारों पर रंग और ब्रश से मिथिला की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं.

दरभंगा: स्थानीय कलाकारों की टीम की ओर से जिला अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग से सजाने का काम पिछले 20 दिनों से किया जा रहा है. जिला अतिथिगृह आने वाले लोगों को मिथिला की संस्कृति और सभ्यता बताने के साथ परिसदन को आकर्षक और सुंदर दिखाने के लिए ये कदम उठाया गया है. जिसमें इस काम की जिम्मेदारी किलकारी के प्रशिक्षकों और कलाकारों को दी गई है.

पेंटिंग में शामिल मिथिलांचल के धरोहर
परिसदन की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग बना रही किरण देवी ने कहा कि इसमें मिथिलांचल की पहचान कहे जाने वाले माछ, पान और मखान, गोदना, राजा सलहेश, मयूर के अलावा राम सीता का विवाह और जल जीवन हरियाली को दिखाया जा रहा है. ये सारे चर्चित मिथिला धरोहर हैं. पेंटिंग को परिसदन के 8 पिलर्स, मुख्य द्वार और भीतरी दीवारों पर बनाया जा रहा है.

mithila paintings in darbhanga guest house
पिलर पर आकृतियां उकेड़ती कलाकार

जल जीवन हरियाली को भी दर्शाने की कोशिश
किलकारी की प्रशिक्षक राधा देवी ने कहा कि हमारी देखरेख में जिला प्रशासन के आदेश पर यहां पर मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही हैं. इन पेंटिंग के माध्यम से जल जीवन हरियाली सहित मिथिलांचल की पहचान को दर्शाया जा रहा है. जिसे बनाने के लिए हमने एक महीने का वक्त लिया है.

अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग्स के जरिए दिया जा रहा नया लुक

यह भी पढ़ेः पूर्वांचल सांस्कृतिक मेला: मिथिला पेंटिंग के साथ लोगों को पसंद आ रहे पूर्वांचली क्राफ्ट्स

जिला अतिथिगृह बनेगा आकर्षक
गौरतलब है कि फरवरी और मार्च के महीने में शहर के समाहरणालय, न्यायालय और एसपी कार्यालय की बाउंड्री वॉल पर मिथिला पेंटिंग कर स्थानीय कलाकृति के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचाने की कोशिश की गई थी. इसके अलावा बाउंड्री वॉल चिपकने वाले अनचाहे पोस्टर्स और गंदगी से भी दीवारों को बचाने की कोशिश की जा चुकी है. ऐसे में पिछले कई दिनों से जिला अतिथिगृह को एक आकर्षक रूप देकर उसकी दीवारों पर रंग और ब्रश से मिथिला की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं.

Intro:जिला अतिथिगृह को मिथिला पेंटिंग से सजाने का कार्य पिछले 20 दिनों से किया जा रहा है। परिसदन की दीवारों व मुख्य द्वार पर मिथिला पेंटिंग कर, यहां आने वाले लोगों को मिथिला की संस्कृति व सभ्यता बताने के साथ ही परिसदन को आकर्षक व सुंदर दिखने के लिए पिछले कई दिनों से स्थानीय कलाकारों की टीम लगी हुई है। जो परिसदन के नए भवन के मुख्य द्वार व भीतरी दीवारों पर रंग व कूची से मिथिला के कलाकृति को उकेड़ने में लगी हुई है।


Body:आपको बताते चले कि पिछले दिनों शहर को सुंदर व स्थानीय कलाकृति के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य फरवरी मार्च माह में समाहरणालय न्यायालय व एसपी कार्यालय की बाउंड्री वॉल पर मिथिला पेंटिंग बनाई गई थी। उस समय बाउंड्री वॉल पर पेंटिंग बनाने का मुख्य उद्देश दीवारों पर चिपकने वाले अनचाहे पोस्टर व गंदगी से दीवारों को बचाना और शहरवासियों के अलावा जिले के बाहरी लोगों को भी मिथिलांचल की संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराना था। साथ ही मिथिला पेंटिंग के माध्यम से आमलोगों तक सामाजिक हित की संदेश व सरकार की चलाई जा रही विकासात्मक योजनाओं की जानकारी भी पहुंचाने का कार्य किया गया था। जिसके लिए बिहार बाल भवन किलकारी को दीवार पर पेंटिंग बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी।


Conclusion:वही मिथिला पेंटिंग बना रही किरण देवी ने कहा कि दीवालो पर बन रहे पेंटिंग में मिथिलांचल की पहचान माछ, पान, मखान के अलावा गोदना, राजा सलहेश, मयूर व जल जीवन हरियाली के साथ ही राम सीता विवाह व अन्य चर्चित मिथिला धरोहर की पेंटिंग परिसदन की आठ पिलर, मुख्य द्वार व दीवारों पर बनाई जा रही है।


वही किलकारी की प्रशिक्षक राधा देवी ने कहा की हमारी देखरेख में जिला प्रशासन के आदेश पर यहां पर मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही है। परिसदन की मुख्य द्वार से दीवाल पर मिथिला पेंटिंग बनाई जाएगी। जिसमें मिथिला पेंटिंग के माध्यम से जल जीवन हरियाली सहित मिथिलांचल की पहचान को दर्शाया जा रहा है। जिसके लिए हमलोगों ने जिलाप्रशासन से एक महीने का वक्त लिया है।



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किरण देवी, कलाकार
राधा देवी, प्रशिक्षक किलकारी
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