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नगर विकास विभाग की बड़ी कार्रवाई, दरभंगा में महापौर और उपमहापौर सस्पेंड

दरभंगा में महापौर और उपमहापौर सस्पेंड (Mayor and Deputy Mayor suspended in Darbhanga) हो गए हैं. नगर विकास विभाग ने ये कार्रवाई की है. इन पर 27 लाख रुपये का शौचालय आवंटन घोटाले का आरोप है.

दरभंगा में महापौर और उपमहापौर सस्पेंड
दरभंगा में महापौर और उपमहापौर सस्पेंड
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Published : Dec 8, 2021, 9:28 PM IST

दरभंगा: बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर बैजयंती देवी खेड़िया, उपमहापौर बदरुज्ज्मा खान और सशक्त स्थायी समिति के सदस्य 7 पार्षदों को पदमुक्त कर दिया है. इन सभी पर 27 लाख रुपये का शौचालय आवंटन घोटाले का आरोप (Toilet Allotment Scam in Darbhanga) है. बिहार में किसी नगर निगम के जन प्रतिनिधियों पर ये पहली बड़ी कार्रवाई है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा आयुर्वेद कॉलेजः ओपीडी सेवा का संजय सरावगी ने किया उद्घाटन, भवन निर्माण के लिए 1 अरब 95 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर

नगर विकास विभाग का ये आदेश पत्र बुधवार को दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा को मिल गया. इस मामले की शिकायत वार्ड पार्षद मधुबाला सिन्हा और पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता समेत कई लोगों ने दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त से 25 जुलाई 2018 को की थी. प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद नगर विकास विभाग ने ये कार्रवाई की है.

देखें रिपोर्ट

नगर आयुक्त ने कहा कि अब ये सभी पद खाली हो गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले के शिकायतकर्ता और दरभंगा नगर निगम के पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता ने कहा कि उन लोगों ने 25 जुलाई 2018 को शौचालय आवंटन घोटाले के संबंध में दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त को लिखित शिकायत दी थी.

ये भी पढ़ें: LNMU परिसर में मिली शराब की बोतलें, रजिस्ट्रार ने मामले से झाड़ा पल्ला

प्रदीप गुप्ता ने कहा जिस शौचालय आवंटन के लिए 66 लाख रुपए की राशि तय की गई थी, उसमें से 27 लाख रुपए नगर निगम की ओर से गैर कानूनी ढंग से छूट दे दिए गए थे. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला था, जिसकी शिकायत के बाद जांच हुई और आज नगर विकास विभाग ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के 7 सदस्य पार्षदों को दोषी पाते हुए उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है कि वे कितने भी रसूख वाले लोग हों, लेकिन दोषी पाए जाने पर बच नहीं सकते हैं.

वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि नगर विकास विभाग ने शौचालय आवंटन आवंटन के मामले में अनियमितता के लिए महापौर, उपमहापौर समेत सशक्त स्थायी समिति के 7 पार्षदों को दोषी पाया है और इन्हें पद मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे संबंधित पत्र नगर निगम को मिल गया है और आज से यह सभी पद खाली हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अब राज्य निर्वाचन आयोग से जो आदेश मिलेगा, उसी के तहत इन पदों को भरने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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दरभंगा: बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर बैजयंती देवी खेड़िया, उपमहापौर बदरुज्ज्मा खान और सशक्त स्थायी समिति के सदस्य 7 पार्षदों को पदमुक्त कर दिया है. इन सभी पर 27 लाख रुपये का शौचालय आवंटन घोटाले का आरोप (Toilet Allotment Scam in Darbhanga) है. बिहार में किसी नगर निगम के जन प्रतिनिधियों पर ये पहली बड़ी कार्रवाई है.

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देखें रिपोर्ट

नगर आयुक्त ने कहा कि अब ये सभी पद खाली हो गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले के शिकायतकर्ता और दरभंगा नगर निगम के पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता ने कहा कि उन लोगों ने 25 जुलाई 2018 को शौचालय आवंटन घोटाले के संबंध में दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त को लिखित शिकायत दी थी.

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प्रदीप गुप्ता ने कहा जिस शौचालय आवंटन के लिए 66 लाख रुपए की राशि तय की गई थी, उसमें से 27 लाख रुपए नगर निगम की ओर से गैर कानूनी ढंग से छूट दे दिए गए थे. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला था, जिसकी शिकायत के बाद जांच हुई और आज नगर विकास विभाग ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के 7 सदस्य पार्षदों को दोषी पाते हुए उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है कि वे कितने भी रसूख वाले लोग हों, लेकिन दोषी पाए जाने पर बच नहीं सकते हैं.

वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि नगर विकास विभाग ने शौचालय आवंटन आवंटन के मामले में अनियमितता के लिए महापौर, उपमहापौर समेत सशक्त स्थायी समिति के 7 पार्षदों को दोषी पाया है और इन्हें पद मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे संबंधित पत्र नगर निगम को मिल गया है और आज से यह सभी पद खाली हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अब राज्य निर्वाचन आयोग से जो आदेश मिलेगा, उसी के तहत इन पदों को भरने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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