दरभंगा: कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट (kusheshwarsthan By-Election) एक बार फिर चर्चा में है, जदयू विधायक शशिभूषण हजारी (Shashi Bhushan Hajari) के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा (Congress President Dr. Madan Mohan Jha) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में कांग्रेस ने राजद की वैशाखी को छोड़ दिया है. अब हर चुनाव कांग्रेस अपने बल पर लड़ेगी और राज्य में अपनी पुरानी साख वापस लाएगी.
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'राजनीति भविष्य से नहीं होती बल्कि वर्तमान से होती है. वर्तमान में आलाकमान ने कह दिया है कि अब बिहार में राजद के सहारे राजनीति नहीं होगी, बल्कि हर चुनाव अकेले लड़ेंगे. कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. राजद ने यहां से अपना उम्मीदवार उतारकर अच्छा काम नहीं किया. बिहार की जनता चाहती है कि कांग्रेस अब अकेले चुनाव लड़े. कांग्रेस की खोई हुई साख को वापस पाया जाए.' -डॉ. मदन मोहन झा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
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मदन मोहन झा ने उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी के मजबूत होने के सवाल पर कहा कि पिछले 15 साल से एनडीए की सरकार कुशेश्वरस्थान का विकास करने के बजाए यहां के लोगों को केवल आश्वासन देती आई है. अब जब चुनाव आ गया है, तो एक बार फिर आश्वासन के बांध बांधे जा रहे हैं. इसलिए इस बार कुशेश्वरस्थान की जनता भी एनडीए को सिर्फ आश्वासन देगी, वोट नहीं देगी. उन्होंने कहा कि यहां से उनके प्रत्याशी अतिरेक कुमार की जीत होगी.
'कांग्रेस के लिए मिथिलांचल और बिहार में दोबारा अपना जनाधार पाने का यह एक अवसर है. हर चुनाव गठबंधन के तहत नहीं होता. अब कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही है और आने वाले समय में भी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनके उम्मीदवार युवा और स्वच्छ छवि के हैं, जो कुशेश्वरस्थान का विकास करेंगे. इसलिए जनता इस बार कांग्रेस को ही वोट देगी.' -प्रेमचंद्र मिश्र, एमएलसी
बता दें कि डॉ मदन मोहन झा कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में अपने प्रत्याशी अतिरेक कुमार के लिए प्रचार करने से पहले बाबा कुशेश्वरनाथ मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे. जहां उनके साथ पार्टी के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्र भी उपस्थित रहे. कांग्रेस नेताओं ने मंदिर में शिवलिंग की पूजा-अर्चना की और बाबा से विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए कामना की. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बिहार में कांग्रेस को अपने दम पर फिर से खड़ा करने की बात कही.
बताते चलें कि पिछली बार वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के शशिभूषण हजारी ने कांग्रेस के डॉ अशोक कुमार को 7222 वोटों से हराया था. इस बार मुकाबला कुछ ज्यादा रोचक हो गया है, क्योंकि महागठबंधन से कांग्रेस के अलावा राजद ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है. वहीं चिराग पासवान ने भी उम्मीदवार देकर जदयू के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
लगातार तीन बार जदयू विधायक रहने और सत्ताधारी पार्टी का होने के बावजूद शशिभूषण हजारी पर इस क्षेत्र के विकास की अनदेखी का आरोप लगता रहा है. इस बार उनकी मौत के बाद उनके बेटे को टिकट देकर जदयू ने सिंपैथी वोट के जरिए जीत की उम्मीद लगा रखी है, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है.
साल में 6 महीने बाढ़ में डूबे रहने वाले कुशेश्वरस्थान में गरीबी के साथ-साथ पलायन बड़ा मुद्दा है. बाढ़ की वजह से हर साल फसल की बर्बादी होती है. कुशेश्वरस्थान में पक्षी विहार होने के बावजूद, पर्यटन स्थल विकसित नहीं हो पाना भी लोगों को यहां खासा नाराज कर रहा है. यही वजह है कि हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशेश्वरस्थान के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था और कई घोषणाएं की थी.
करीब ढाई लाख वोटर्स कुशेश्वरस्थान में हैं. वर्ष 2020 में यहां विधानसभा चुनाव में 54.42% वोटिंग हुई थी, जिसमें से 39.55% वोट जदयू प्रत्याशी को मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 34.26% वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर लोजपा रही थी, जिसे करीब 10% वोट मिले थे.