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दरभंगा: LMNU ने निजी कंपनी 'स्कूल गुरु' के साथ विवादित करार किया रद्द, लंबे समय से था विवाद

प्रो. रतन कुमार चौधरी ने कहा कि सिंडिकेट की एक कमेटी ने मामले की जांच की और आरोप को सही पाया. जिसके बाद सिंडिकेट ने विवि से इस करार को रद्द करने की बात कही. इसके बाद स्कूल गुरु को उसके ओर से आईटीसी स्थापना मद में खर्च किये गए 21 लाख रुपये दे दिया गया.

स्कूल गुरु
LMNU
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Published : Dec 23, 2019, 9:00 PM IST

दरभंगा: जिले ललित नारायण मिथिला विवि ने अपने दूर शिक्षा निदेशालय के लिए 'स्कूल गुरु' नामक निजी कंपनी के साथ आईटीसी खोलने का विवादित करार रद्द कर दिया. विवि की सिंडिकेट ने इसे अवैध बताते हुए करार को रद्द करने की अनुशंसा की थी. जिसके बाद अब स्कूल गुरु को विवि से जाना होगा.

स्कूल गुरु के साथ करार खत्म
एलएमएनयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि साल 2018 में दूर शिक्षा निदेशालय में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर (आईटीसी) खोलने के लिए निजी कंपनी स्कूल गुरु के साथ करार किया गया था. यह करार बिना टेंडर निकाले किया गया था. बाद में इसको लेकर विवाद हो गया.

school guru, lmnu
दूर शिक्षा निदेशालय

आईटीसी स्थापना मद के पैसे हुए वापस
प्रो. रतन कुमार चौधरी ने कहा कि सिंडिकेट की एक कमेटी ने मामले की जांच की और आरोप को सही पाया. जिसके बाद सिंडिकेट ने विवि से इस करार को रद्द करने की बात कही. इसके बाद स्कूल गुरु को उसके ओर से आईटीसी स्थापना मद में खर्च किये गए 21 लाख रुपये दे दिया गया. जिसके बाद करार को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी गई.

एलएमएनयू ने निजी कंपनी 'स्कूल गुरु' के साथ किया करार रद्द

लंबे समय से चल रहा था विवाद
बता दें कि एलएनएमयू बिहार का पहला विवि था जिसने निजी कंपनी के साथ करार कर उसे दूर शिक्षा निदेशालय में छात्रों का नामांकन लेने. इसके तहत पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने और राजस्व वसूलने तक कि जिम्मेवारी दे दी गई थी. इसकी वजह से छात्रों को कई कठिनाइयां होने लगी. इस करार में पैसे के खेल के भी आरोप लगे. कई छात्र संगठनों ने इसको लेकर विवि में ज़बर्दस्त आंदोलन किया. सीनेट और सिंडिकेट में भी मामला उठा. आखिरकार अब जाकर विवि ने इस विवादित करार को रद्द कर दिया है.

दरभंगा: जिले ललित नारायण मिथिला विवि ने अपने दूर शिक्षा निदेशालय के लिए 'स्कूल गुरु' नामक निजी कंपनी के साथ आईटीसी खोलने का विवादित करार रद्द कर दिया. विवि की सिंडिकेट ने इसे अवैध बताते हुए करार को रद्द करने की अनुशंसा की थी. जिसके बाद अब स्कूल गुरु को विवि से जाना होगा.

स्कूल गुरु के साथ करार खत्म
एलएमएनयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि साल 2018 में दूर शिक्षा निदेशालय में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर (आईटीसी) खोलने के लिए निजी कंपनी स्कूल गुरु के साथ करार किया गया था. यह करार बिना टेंडर निकाले किया गया था. बाद में इसको लेकर विवाद हो गया.

school guru, lmnu
दूर शिक्षा निदेशालय

आईटीसी स्थापना मद के पैसे हुए वापस
प्रो. रतन कुमार चौधरी ने कहा कि सिंडिकेट की एक कमेटी ने मामले की जांच की और आरोप को सही पाया. जिसके बाद सिंडिकेट ने विवि से इस करार को रद्द करने की बात कही. इसके बाद स्कूल गुरु को उसके ओर से आईटीसी स्थापना मद में खर्च किये गए 21 लाख रुपये दे दिया गया. जिसके बाद करार को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी गई.

एलएमएनयू ने निजी कंपनी 'स्कूल गुरु' के साथ किया करार रद्द

लंबे समय से चल रहा था विवाद
बता दें कि एलएनएमयू बिहार का पहला विवि था जिसने निजी कंपनी के साथ करार कर उसे दूर शिक्षा निदेशालय में छात्रों का नामांकन लेने. इसके तहत पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने और राजस्व वसूलने तक कि जिम्मेवारी दे दी गई थी. इसकी वजह से छात्रों को कई कठिनाइयां होने लगी. इस करार में पैसे के खेल के भी आरोप लगे. कई छात्र संगठनों ने इसको लेकर विवि में ज़बर्दस्त आंदोलन किया. सीनेट और सिंडिकेट में भी मामला उठा. आखिरकार अब जाकर विवि ने इस विवादित करार को रद्द कर दिया है.

Intro:दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विवि ने अपने दूर शिक्षा निदेशालय के लिए 'स्कूल गुरु' नामक निजी कंपनी के साथ आईटीसी खोलने का विवादित करार रद्द कर दिया है। विवि की सिंडिकेट ने इसे अवैध बताते हुए करार को रद्द करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद अब स्कूल गुरु को यहां से जाना होगा।


Body:विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि वर्ष 2018 में दूर शिक्षा निदेशालय में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर (आईटीसी) खोलने के लिए निजी कंपनी स्कूल गुरु के साथ करार हुआ था। यह करार बिना टेंडर निकाले कर लिया गया था। बाद में इसको लेकर विवाद हो गया। उसके बाद सिंडिकेट की एक कमेटी ने मामले की जांच की और आरोप को सही पाया। सिंडिकेट ने विवि से इस करार को रद्द करने की अनुशंसा की। इसके बाद स्कूल गुरु को उसके द्वारा आईटीसी स्थापना मद में खर्च किये गए 21 लाख रुपये देकर इस करार को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।


Conclusion:बता दें कि एलएनएमयू बिहार का पहला विवि था जिसने निजी कंपनी के साथ करार कर उसे दूर शिक्षा निदेशालय में छात्रों का नामांकन लेने, पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने और राजस्व वसूलने तक कि जिम्मेवारी दे दी थी। इसकी वजह से छात्रों को कई कठिनाइयां होने लगी। इस करार में पैसे के खेल के भी आरोप लगे। कई छात्र संगठनों ने इसको लेकर विवि में ज़बर्दस्त आंदोलन किये। सीनेट और सिंडिकेट में भी मामला उठा। आखिरकार अब जाकर विवि ने इस विवादित करार को रद्द कर दिया है।

बाइट 1- प्रो. रतन कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू, एलएनएमयू.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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