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लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस के ऐतिहासिक दिग्घी तालाब का होगा सौंदर्यीकरण - दरभंगा

इस तालाब में देश-विदेश के राष्ट्राध्यक्ष और राजा-महाराजा नौका विहार का आनंद उठा चुके हैं. फिलहाल तालाब की स्थिति कुछ दयनीय है. इस तालाब पर कई तरफ से अतिक्रमण किया जा रहा है.

दिग्घी तालाब
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Published : Jul 3, 2019, 8:00 AM IST

दरभंगा: दरभंगा राज का लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. 139 साल पुराने पैलेस और परिसर का स्वरूप जल्द ही बदलने वाला है. दरअसल परिसर में स्थित ऐतिहासिक सूखी दिग्घी तालाब का सौंदर्यीकरण होने जा रहा है.

कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष उठा चुके हैं नौका विहार का आनंद
तालाब के किनारे पर फुलवारी लगेगी, साथ ही पक्के घाट भी बनेंगे. फिलहाल यह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के अधिकार क्षेत्र में आता है. गौर करने वाली बात यह है कि इस तालाब में देश-विदेश के राष्ट्राध्यक्ष और राजा-महाराजा नौका विहार का आनंद उठा चुके हैं. फिलहाल तालाब की स्थिति कुछ दयनीय है. इस तालाब पर कई तरफ से अतिक्रमण किया जा रहा है.

darbhanga
लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस

काम शुरू होने से पहले ही योजना हो गई थी बंद
कुछ साल पहले ही इस तालाब पर बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग की नजर पड़ी. पर्यटन विकास विभाग ने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी. इसके लिए विभाग ने एक करोड़ 64 लाख 87 हजार 900 रुपये मंजूर किये थे. हालांकि काम शुरू नहीं हो सका था, जिसके बाद योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

ऐतिहासिक दिग्घी तालाब

तालाब का पानी रहेगा निर्मल
संस्कृत विवि के कुलपति प्रोफेसर सर्व नारायण झा के मुताबिक लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस का जीर्णोद्धार होगा. इसके बाद तालाब का भी जीर्णोद्धार होगा. इसके लिए बिहार राज्य आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने इसका प्राक्कलन तैयार किया है. तालाब के किनारे चहारदीवारी, सभी किनारों पर पीसीसी ढलाई, जबकि किनारों पर खूबसूरत फुलवारी लगायी जायेगी. तालाब का जल निर्मल बनाए रखने के लिए भी उपाए किए गए हैं. तालाब के बीचों-बीच एक मोटी पाइप लगायी जायेगी. इससे तालाब में गंदा पानी प्रवेश नहीं करेगा.

दरभंगा: दरभंगा राज का लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. 139 साल पुराने पैलेस और परिसर का स्वरूप जल्द ही बदलने वाला है. दरअसल परिसर में स्थित ऐतिहासिक सूखी दिग्घी तालाब का सौंदर्यीकरण होने जा रहा है.

कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष उठा चुके हैं नौका विहार का आनंद
तालाब के किनारे पर फुलवारी लगेगी, साथ ही पक्के घाट भी बनेंगे. फिलहाल यह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के अधिकार क्षेत्र में आता है. गौर करने वाली बात यह है कि इस तालाब में देश-विदेश के राष्ट्राध्यक्ष और राजा-महाराजा नौका विहार का आनंद उठा चुके हैं. फिलहाल तालाब की स्थिति कुछ दयनीय है. इस तालाब पर कई तरफ से अतिक्रमण किया जा रहा है.

darbhanga
लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस

काम शुरू होने से पहले ही योजना हो गई थी बंद
कुछ साल पहले ही इस तालाब पर बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग की नजर पड़ी. पर्यटन विकास विभाग ने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी. इसके लिए विभाग ने एक करोड़ 64 लाख 87 हजार 900 रुपये मंजूर किये थे. हालांकि काम शुरू नहीं हो सका था, जिसके बाद योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

ऐतिहासिक दिग्घी तालाब

तालाब का पानी रहेगा निर्मल
संस्कृत विवि के कुलपति प्रोफेसर सर्व नारायण झा के मुताबिक लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस का जीर्णोद्धार होगा. इसके बाद तालाब का भी जीर्णोद्धार होगा. इसके लिए बिहार राज्य आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने इसका प्राक्कलन तैयार किया है. तालाब के किनारे चहारदीवारी, सभी किनारों पर पीसीसी ढलाई, जबकि किनारों पर खूबसूरत फुलवारी लगायी जायेगी. तालाब का जल निर्मल बनाए रखने के लिए भी उपाए किए गए हैं. तालाब के बीचों-बीच एक मोटी पाइप लगायी जायेगी. इससे तालाब में गंदा पानी प्रवेश नहीं करेगा.

Intro:दरभंगा। 139 साल पुराने दरभंगा राज के लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस के परिसर में स्थित ऐतिहासिक सुखी दिग्घी तालाब का सौंदर्यीकरण होगा। इसके किनारों पर फुलवारी लगेगी और पक्के घाट बनेंगे। फिलहाल यह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के अधिकार में है। इस तालाब में देश-विदेश के राष्ट्राध्यक्ष और राजे-महाराजे नौका विहार कर चुके हैं। फिलहाल तालाब खराब हालत में है और कई और से लोग इसका अतिक्रमण करते जा रहे हैं।


Body:कुछ साल पहले बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग ने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी थी। इसके लिये विभाग ने एक करोड़ 64 लाख 87 हज़ार 900 रुपये मंज़ूर किये थे। लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गयी।


Conclusion:संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस के जीर्णोद्धार के बाद तालाब का जीर्णोद्धार होगा। बिहार राज्य आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने इसका भी प्राक्कलन तैयार किया है। तालाब के किनारे चहारदीवारी बनायी जायेगी। सभी किनारों पर पीसीसी ढलाई की जायेगी। किनारों पर खूबसूरत फुलवारी लगायी जायेगी। इसके अलावा तालाब के बीचोबीच एक मोटी पाइप लगायी जायेगी। इससे तालाब में गंदा पानी प्रवेश नहीं करेगा और इसका जल निर्मल बना रहेगा।

बाइट 1- प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति, केएसडीएसयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
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