दरभंगा: दरभंगा राज का लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. 139 साल पुराने पैलेस और परिसर का स्वरूप जल्द ही बदलने वाला है. दरअसल परिसर में स्थित ऐतिहासिक सूखी दिग्घी तालाब का सौंदर्यीकरण होने जा रहा है.
कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष उठा चुके हैं नौका विहार का आनंद
तालाब के किनारे पर फुलवारी लगेगी, साथ ही पक्के घाट भी बनेंगे. फिलहाल यह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के अधिकार क्षेत्र में आता है. गौर करने वाली बात यह है कि इस तालाब में देश-विदेश के राष्ट्राध्यक्ष और राजा-महाराजा नौका विहार का आनंद उठा चुके हैं. फिलहाल तालाब की स्थिति कुछ दयनीय है. इस तालाब पर कई तरफ से अतिक्रमण किया जा रहा है.
काम शुरू होने से पहले ही योजना हो गई थी बंद
कुछ साल पहले ही इस तालाब पर बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग की नजर पड़ी. पर्यटन विकास विभाग ने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी. इसके लिए विभाग ने एक करोड़ 64 लाख 87 हजार 900 रुपये मंजूर किये थे. हालांकि काम शुरू नहीं हो सका था, जिसके बाद योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
तालाब का पानी रहेगा निर्मल
संस्कृत विवि के कुलपति प्रोफेसर सर्व नारायण झा के मुताबिक लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस का जीर्णोद्धार होगा. इसके बाद तालाब का भी जीर्णोद्धार होगा. इसके लिए बिहार राज्य आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने इसका प्राक्कलन तैयार किया है. तालाब के किनारे चहारदीवारी, सभी किनारों पर पीसीसी ढलाई, जबकि किनारों पर खूबसूरत फुलवारी लगायी जायेगी. तालाब का जल निर्मल बनाए रखने के लिए भी उपाए किए गए हैं. तालाब के बीचों-बीच एक मोटी पाइप लगायी जायेगी. इससे तालाब में गंदा पानी प्रवेश नहीं करेगा.