दरभंगा: अगस्त क्रांति के अवसर पर देशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन के आवाहन पर दरभंगा जिला किसान सभा खेत मजदूर यूनियन और सीआईटीयू ने संयुक्त रूप से आंदोलन किया. इस दौरान कॉरपोरेट भारत छोड़ो नारा के साथ सैकड़ों की संख्या में किसान मजदूरों ने समाहरणालय पर सत्याग्रह आंदोलन किया.
आज का दिन ऐतिहासिक
आंदोलनकारी पोलो मैदान से मार्च निकालते हुए शहर के विभिन्न चौराहे होते हुए दरभंगा समाहरणालय पहुंचे और सत्याग्रह किया. बिहार राज्य किसान काउंसिल के राज्य अध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन है. 1942 में अंग्रेज ने भारत छोड़ो का नारा आज के ही दिन दिया था.
आंदोलन की धरती है बिहार
ललन चौधरी ने कहा कि आज फिर हिंदुस्तान के किसान और मजदूर कॉरपोरेट भारत छोड़ो के नारा के साथ पूरे देश में सत्याग्रह आंदोलन कर रही है. बिहार हमेशा से जन आंदोलन की धरती रही है. अगस्त क्रांति साम्राज्यवाद के खिलाफ जंग थी. किसान और मजदूरों के आंदोलन की वजह से ही अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा था. इसी तरह कॉरपोरेट को देश से भगाने की लड़ाई तेज करनी होगी.
तीन अध्यादेश किसान विरोधी
जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन अध्यादेश किसान विरोधी लाया है. इस अध्यादेश के लागू होने से किसान सरकारी स्तर पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे. उन्हें प्राइवेट कंपनियों के मनमर्जी के दामों पर फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
जमाखोरों को खुली छूट की इजाजत
श्याम भारती ने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को हजारों लाखों एकड़ जमीन ठेके पर लेने की इजाजत दी गई है. किसानों से इकरार लिखित रूप में देना होगा कि दामों में अंतर होने पर कंपनियों की ओर से इंकार करने पर हम अदालत नहीं जाएंगे. इस अध्यादेश से जमाखोरों को खुली छूट की इजाजत दी गई है.