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Prashant Kishor पहुंचे दरभंगा.. मिथिलांचल के लोगों के साथ किया संवाद

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Published : Aug 19, 2022, 11:07 PM IST

जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर शुक्रवार को मिथिलांचल दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जन सुराज से जुड़े लोगों के साथ संवाद किया. पढ़ें पूरी खबर...

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

दरभंगाः प्रशांत किशोर मिथिलांचल के अपने दौरे पर शुक्रवार को दरभंगा (Prashant Kishor in Darbhanga ) में थे. इस दौरान उन्होंने जन सुराज के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों से जन सुराज की सोच के बारे में संवाद स्थापित किया. उन्होंने कहा कि बिहार को अगर विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है तो तीन बिंदुओं पर काम करना होगा. सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास.

पढ़ें-'मानवता शर्मशार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार'

"पदयात्रा के बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे. उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे. ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी. इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी दे सकते हैं."- प्रशांत किशोर

सामूहिक प्रयास बिहार होगा विकासः दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर (Jan Suraj Leader Prashant Kishor )ने सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के बारे में विस्तार से समझाते हुए कहा कि हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और हर घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं. ताकि समाज को मथ कर सही लोगों को चिह्नित किया जा सके. ऐसे सभी सही लोगों के माध्यम से हम बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे. सही सोच का अर्थ है बिहार के विकास के लिए प्रयास करने की सोच. कोई व्यक्ति या कोई दल अकेले बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता है. इसलिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है.

बिहार विधान सभा चुनाव से पहले गठबंधन में होगा बदलावः प्रशांत किशोर ने महागठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभव है लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहें, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है. उन्होंने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है, जिससे सरकार बदली है. इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है. सीएम नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है.

मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं हैः प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा कि मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं है. मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं. मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है. बिहार से कंप्यूटर, स्टील या कोई भी उत्पाद बाहर नहीं जाता है. बिहार से बाहर अगर कुछ जाता है तो वो है अनस्किल्ड लेबर. बिहार के युवा देश के अलग-अलग राज्यों में सबसे मुश्किल काम करते हैं. मैं इस स्थिति को बदलना चाहता हूं. सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता कर के भी बन सकता था. मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है. मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं."

पढ़ें-गठबंधन किसके साथ है से ज्यादा मायने रखता है बिहार के लिए काम क्या हो रहा है : प्रशांत किशोर

दरभंगाः प्रशांत किशोर मिथिलांचल के अपने दौरे पर शुक्रवार को दरभंगा (Prashant Kishor in Darbhanga ) में थे. इस दौरान उन्होंने जन सुराज के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों से जन सुराज की सोच के बारे में संवाद स्थापित किया. उन्होंने कहा कि बिहार को अगर विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है तो तीन बिंदुओं पर काम करना होगा. सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास.

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"पदयात्रा के बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे. उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे. ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी. इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी दे सकते हैं."- प्रशांत किशोर

सामूहिक प्रयास बिहार होगा विकासः दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर (Jan Suraj Leader Prashant Kishor )ने सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के बारे में विस्तार से समझाते हुए कहा कि हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और हर घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं. ताकि समाज को मथ कर सही लोगों को चिह्नित किया जा सके. ऐसे सभी सही लोगों के माध्यम से हम बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे. सही सोच का अर्थ है बिहार के विकास के लिए प्रयास करने की सोच. कोई व्यक्ति या कोई दल अकेले बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता है. इसलिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है.

बिहार विधान सभा चुनाव से पहले गठबंधन में होगा बदलावः प्रशांत किशोर ने महागठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभव है लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहें, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है. उन्होंने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है, जिससे सरकार बदली है. इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है. सीएम नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है.

मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं हैः प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा कि मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं है. मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं. मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है. बिहार से कंप्यूटर, स्टील या कोई भी उत्पाद बाहर नहीं जाता है. बिहार से बाहर अगर कुछ जाता है तो वो है अनस्किल्ड लेबर. बिहार के युवा देश के अलग-अलग राज्यों में सबसे मुश्किल काम करते हैं. मैं इस स्थिति को बदलना चाहता हूं. सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता कर के भी बन सकता था. मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है. मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं."

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