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DMCH में चल रही निजी एंबुलेंस मालिकों की मनमानी, परिसर के अंदर लगा रहता है जाम - Patients upset

डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने भी इस बात को माना कि अस्पताल के दोनों किनारे ऑटो, प्राइवेट एंबुलेंस और अन्य वाहन लगे रहते हैं. जिससे मरीजों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है.

डीएमसीएच
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Published : Sep 16, 2019, 9:48 AM IST

Updated : Sep 16, 2019, 2:20 PM IST

दरभंगाः शहर में इन दिनों सड़कों पर यातायात की समस्या तो आम बात हो गई है. लेकिन अब यह समस्या डीएमसीएच के अंदर मुख्य सड़कों पर देखने को मिल रही है. जिसकी मुख्य वजह है, निजी एम्बुलेंस वाहन मालिक और चालकों की मनमानी. इसके चलते यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. आलम यह है कि गंभीर मरीजों को भी इस जाम में खड़े रहना पड़ता है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते डीएमसीएच के इमरजेंसी, ओपीडी, गायनिक और शिशु विभाग के सामने दर्जनों गाड़ियां हमेशा लगी रहती हैं.

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जहां-तहां खड़े निजी एंबुलेंस

हर जगह खड़ी रहती है निजी एम्बुलेंस
उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में इन दिनों निजी एम्बुलेंस का बोलबाला हो गया है. यहां निजी एम्बुलेंस और अन्य सवारी गाड़ी इमरजेंसी, मेडिसिन, गायनिक और शिशु वॉर्ड के सामने मरीजों को बैठाने के लिए जहां-तहां खड़े रह कर इंतजार करते रहते हैं. जिसके कारण यहां सुबह के 8 बजे से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल परिसर में वाहन पड़ाव वर्जित क्षेत्र का बोर्ड लगा रखा है. फिर भी निजी एम्बुलेंस मालिकों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे ठीक इसी बोर्ड के सामने अपनी गाड़ी को पार्क करते हैं.

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वाहन वर्जित का लगा बोर्ड

गर्भवती महिलाओं को होती है परेशानी
निजी वाहनों के जहां-तहां खड़े रहने के चलते यहां जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है. सबसे अधिक जाम तो सुबह के समय होता है. जब इस ओपीडी में तकरीबन दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. वहीं, दूसरी तरफ सुबह के समय ही सर्जरी, ऑर्थो वार्ड में भर्ती मरीज अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों के लिए इसी मार्ग से आते और जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गायनिक वॉर्ड की ओर जाने वाली सड़क के दोनों किनारों पर प्राइवेट एंबुलेंस लगे रहते हैं. इससे गायनिक विभाग में डिलीवरी के लिए जाने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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निजी एंबुलेंस से लगा जाम

नहीं है पार्किंग की समुचित व्यवस्था
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां जितने भी एंबुलेंस हैं, सभी निजी हैं. जबकि अस्पताल प्रशासन के जरिए परिसर में बोर्ड लगाया गया है कि इस परिसर में निजी एंबुलेंस लगाना वर्जित है. फिर भी आप देख सकते हैं कि अस्पताल परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़े हैं. जिसकी मुख्य वजह है यहां पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होना. जिसके चलते एंबुलेंस चालक अपनी गाड़ी को सड़क के किनारे खड़ी कर देते हैं.

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निजी एंबुलेंस का जमावड़ा

जल्द मिलेगी समस्या से निजात- अधीक्षक
इस संबंध में जब डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने माना कि अस्पताल के दोनों किनारे ऑटो, प्राइवेट एंबुलेंस और अन्य वाहन लगे रहते हैं. इसके कारण जाम की समस्या होती है. वहीं उन्होंने कहा कि तीन महीना पहले हमारे पहल पर जिला प्रशासन ने अवैध पार्किंग स्थल को मुक्त करा दिया था. उस वक्त यहां पर पुलिस की तैनाती भी की गई थी. लेकिन धीरे-धीरे उन लोगों को यहां से हटा लिया गया. जिसके चलते फिर से यहां पर निजी एंबुलेंस वाले काफी संख्या में डेरा जमाए रहते हैं. समस्याओं से परेशान होकर आईजी, एसएसपी और स्थानीय थाना को पत्र लिखा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द ही डीएमसीएच से प्राइवेट एंबुलेंस को हटा दिया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

दरभंगाः शहर में इन दिनों सड़कों पर यातायात की समस्या तो आम बात हो गई है. लेकिन अब यह समस्या डीएमसीएच के अंदर मुख्य सड़कों पर देखने को मिल रही है. जिसकी मुख्य वजह है, निजी एम्बुलेंस वाहन मालिक और चालकों की मनमानी. इसके चलते यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. आलम यह है कि गंभीर मरीजों को भी इस जाम में खड़े रहना पड़ता है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते डीएमसीएच के इमरजेंसी, ओपीडी, गायनिक और शिशु विभाग के सामने दर्जनों गाड़ियां हमेशा लगी रहती हैं.

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जहां-तहां खड़े निजी एंबुलेंस

हर जगह खड़ी रहती है निजी एम्बुलेंस
उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में इन दिनों निजी एम्बुलेंस का बोलबाला हो गया है. यहां निजी एम्बुलेंस और अन्य सवारी गाड़ी इमरजेंसी, मेडिसिन, गायनिक और शिशु वॉर्ड के सामने मरीजों को बैठाने के लिए जहां-तहां खड़े रह कर इंतजार करते रहते हैं. जिसके कारण यहां सुबह के 8 बजे से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल परिसर में वाहन पड़ाव वर्जित क्षेत्र का बोर्ड लगा रखा है. फिर भी निजी एम्बुलेंस मालिकों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे ठीक इसी बोर्ड के सामने अपनी गाड़ी को पार्क करते हैं.

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वाहन वर्जित का लगा बोर्ड

गर्भवती महिलाओं को होती है परेशानी
निजी वाहनों के जहां-तहां खड़े रहने के चलते यहां जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है. सबसे अधिक जाम तो सुबह के समय होता है. जब इस ओपीडी में तकरीबन दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. वहीं, दूसरी तरफ सुबह के समय ही सर्जरी, ऑर्थो वार्ड में भर्ती मरीज अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों के लिए इसी मार्ग से आते और जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गायनिक वॉर्ड की ओर जाने वाली सड़क के दोनों किनारों पर प्राइवेट एंबुलेंस लगे रहते हैं. इससे गायनिक विभाग में डिलीवरी के लिए जाने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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निजी एंबुलेंस से लगा जाम

नहीं है पार्किंग की समुचित व्यवस्था
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां जितने भी एंबुलेंस हैं, सभी निजी हैं. जबकि अस्पताल प्रशासन के जरिए परिसर में बोर्ड लगाया गया है कि इस परिसर में निजी एंबुलेंस लगाना वर्जित है. फिर भी आप देख सकते हैं कि अस्पताल परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़े हैं. जिसकी मुख्य वजह है यहां पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होना. जिसके चलते एंबुलेंस चालक अपनी गाड़ी को सड़क के किनारे खड़ी कर देते हैं.

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निजी एंबुलेंस का जमावड़ा

जल्द मिलेगी समस्या से निजात- अधीक्षक
इस संबंध में जब डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने माना कि अस्पताल के दोनों किनारे ऑटो, प्राइवेट एंबुलेंस और अन्य वाहन लगे रहते हैं. इसके कारण जाम की समस्या होती है. वहीं उन्होंने कहा कि तीन महीना पहले हमारे पहल पर जिला प्रशासन ने अवैध पार्किंग स्थल को मुक्त करा दिया था. उस वक्त यहां पर पुलिस की तैनाती भी की गई थी. लेकिन धीरे-धीरे उन लोगों को यहां से हटा लिया गया. जिसके चलते फिर से यहां पर निजी एंबुलेंस वाले काफी संख्या में डेरा जमाए रहते हैं. समस्याओं से परेशान होकर आईजी, एसएसपी और स्थानीय थाना को पत्र लिखा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द ही डीएमसीएच से प्राइवेट एंबुलेंस को हटा दिया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट
Intro:दरभंगा शहर में इन दिनों सड़कों पर यातायात समस्या तो आम बात हो गई है। वही अब यह समस्या डीएमसीएच के मुख्य सड़को पर देखने को मिल रही है। जिसका मुख्य वजह है, निजी एम्बुलेंस वाहन मालिक व चालकों की मनमानी। जिसके चलते यहां पर इलाज करवाने आने वाले मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है। आलम यह है कि गंभीर मरीजों को इस जाम में फंसना पड़ता है। जिसके बाद काफी मशक्कत कर सड़क व परिसर में खड़े एम्बुलेंस और टेम्पू को किनारे कर इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते डीएमसीएच के इमरजेंसी, ओपीडी, गायनिक और शिशु विभाग के सामने दर्जनों गाड़ियां हमेशा लगी रहती है।

दरअसल उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में इन दिनों निजी एम्बुलेंस का बोलबाला हो गया है। जिसके कारण यहां के निजी एम्बुलेंस और अन्य सवारी गाड़ी इमरजेंसी, मेडिसिन, गायनिक व शिशु वार्ड के सामने मरीजो को बैठाने के लिए इंतजार करते रहते हैं। जिसके कारण यहां सुबह के 8 बजे से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है। हांलाकि अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल परिसर में वाहन पड़ाव वर्जित क्षेत्र का बोर्ड लगा रखा है। फिर भी निजी एम्बुलेंस का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे ठीक इसी बोर्ड के सामने अपनी गाड़ी को पार्किंग करते है और अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बनकर देख रही है।


Body:निजी वाहनों की मनमानी के चलते यहां हमेशा जाम की समस्या बन जाती है। सबसे अधिक जाम तो सुबह के समय होता है, जब इस समय ओपीडी में तकरीबन दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं। वहीं दूसरी तरफ सुबह के समय ही सर्जरी, ऑर्थो वार्ड में भर्ती मरीज अल्ट्रासाउंड व अन्य जांचों के लिए इसी मार्ग से आते और जाते हैं। वही डॉक्टरों को भी इमरजेंसी व ओपीडी में मरीज को देखने के लिए इस जाम में फंसना पड़ता है।वही दूसरी तरफ गायनिक वार्ड की ओर जाने वाली सड़क के दोनों किनारे प्राइवेट एंबुलेंस लगे रहते हैं। इससे गायनिक विभाग में डिलीवरी के लिए जाने वाले गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वही स्थानीय लोगो का कहना है कि आप यहां जितना भी एंबुलेंस देख रहे हैं, सभी एंबुलेंस निजी एंबुलेंस है। जबकि अस्पताल प्रशासन के द्वारा परिसर में बोर्ड लगाया गया है कि इस परिसर में निजी एंबुलेंस लगाना वर्जित है। फिर भी आप देख सकते हैं कि अस्पताल परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़े हैं। जिसका मुख्य बजह है, यहां पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते एंबुलेंस चालक अपनी गाड़ी को सड़क के किनारे खड़ी कर देते है। जिसके कारण इस सड़क पर जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है। कभी-कभी तो जाम की स्थिति इतनी विकराल हो जाती है कि लोगों को सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं उन्होंने कहा कि निजी वाहन के चालको की मनमानी के चलते जाम की स्थिति इतनी खराब है कि अगर कोई इमरजेंसी में मरीज आ जाए और अस्पताल में दाखिल करावान है, तो पहले सड़क के किनारे खड़े एंबुलेंस को साइड करवाना पड़ता है। फिर आप अपने मरीज को अंदर ले जाकर भर्ती करवा सकते है।


Conclusion:वही इस संबंध में हमने डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के दोनों किनारे ऑटो प्राइवेट एंबुलेंस व अन्य वाहन लगे रहते हैं इसके कारण जाम की समस्या होती है। वहीं उन्होंने कहा कि तीन महीना पहले हमलोगों की पहल पर जिला प्रशासन ने अवैध पार्किंग स्थल को मुक्त करा दिया गया था। जिस समय इन गाड़ियों को यहां से हटाया गया था, उस वक्त यहां पर पुलिस की तैनाती भी की गई थी। लेकिन धीरे-धीरे उनलोगों को यहां से हटा लिया गया। जिसके चलते फिर से यहां पर निजी एंबुलेंस वाले लोग काफी संख्या में डेरा जमा कर रखे हुए हैं।

वहीं उन्होंने कहा कि जो रास्ता अधीक्षक कार्यालय व गायनिक विभाग का आने के रास्ते है। उस रास्ते में भी इनलोगो अपनी गाड़ी की पार्किंग कर रखी है। साथ ही उन्होंने कहा कि निजी एम्बुलेंस वाले मेडिसिन वार्ड, गायनिक वार्ड, ओपीडी के सामने के साथ ही मुख्य सड़क के किनारे अपनी गाड़ी को लगा देते है। जिनसे यहां इलाज करवाने आने वाले मरीजो के साथ ही यहां पर कार्यरत कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। इन सारी समस्याओं से परेशान होकर हमने आईजी, एसएसपी और स्थानीय थाना को पत्र लिखा गया है। वहीं उन्होंने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द ही डीएमसीएच से एंबुलेंस को हटा दिया जायेगा।

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प्रशांत कुमार, स्थानीय
डॉ राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक
Last Updated : Sep 16, 2019, 2:20 PM IST
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